SIR प्रक्रिया के विरोध में युवा कांग्रेस के कार्यकर्ता शास्त्री घाट की ओर बढ़ रहे थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया। इस दौरान पुलिस और कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हुई और बाद में सभी को हिरासत में ले लिया गया।

फोटो साभार : अमर उजाला/संवाद
SIR के खिलाफ रविवार को युवा कांग्रेस ने प्रदर्शन किया। इस दौरान सर्किट हाउस पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच झड़प हो गई। हंगामा बढ़ने पर पुलिस ने युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदयभानु और जिला अध्यक्ष विकास सिंह समेत 40 कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया।
अमर उजाला की रिपोर्ट के अनुसार, रविवार को भारतीय युवा कांग्रेस की ओर से प्रदेश अध्यक्ष विशाल सिंह के नेतृत्व में लगभग 80 कार्यकर्ता मतदाता जागरूकता, वोटर अधिकार, SIR जागरूकता, वोट चोरी, बेरोजगारी हटाओ जैसे ज्वलंत मुद्दों पर सर्किट हाउस पर एकत्र हुए।
सभी कार्यकर्ता शास्त्री घाट और कचहरी होते हुए रवींद्रपुरी स्थित प्रधानमंत्री जनसंपर्क कार्यालय तक जाने वाले थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें सर्किट हाउस के पास ही रोक लिया। कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए डीआईजी शिवहरी मीणा, एडीसीपी वरुणा नीतू कात्यायन, पुलिस उपायुक्त सरवणन टी., एसीपी कैंट नितिन तनेजा और एसीपी विजय कुमार के नेतृत्व में पुलिस बल तैनात था।
सरकार पर निशाना
पुलिस ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को आगे बढ़ने से रोका, लेकिन सभी कार्यकर्ता सर्किट हाउस से निकलकर कार्यक्रम स्थल तक जाने पर अड़े रहे। इस दौरान पुलिस और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच झड़प शुरू हो गई। हालात बिगड़ने पर पुलिस ने कांग्रेस नेताओं को हिरासत में ले लिया।
कार्यकर्ताओं का आरोप है कि पुलिस ने कई नेताओं को जबरदस्ती घसीटकर वाहन में बैठाया। इसके बाद उन्होंने पुलिस प्रशासन और सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। राष्ट्रीय अध्यक्ष समेत लगभग 40 कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेकर चोलापुर, बड़ागांव और रामनगर थानों में भेज दिया गया।
इस दौरान मयंक चौबे, चंचल शर्मा, अनुभव राय, रोहित दुबे, रोशनी कुशल जायसवाल, अभिजीत तिवारी सत्यम सहित पूर्वी जोन के जिलों—आजमगढ़, मऊ, बलिया, वाराणसी, गाजीपुर, जौनपुर, चंदौली, मिर्जापुर, सोनभद्र, देवरिया, भदोही, अंबेडकर नगर और प्रयागराज—से कई कार्यकर्ता और पदाधिकारी शामिल हुए।
सीपी ने कानून-व्यवस्था का निरीक्षण किया
बिना अनुमति के प्रदर्शन और शहर में कानून-व्यवस्था की स्थिति का जायजा लेने के लिए पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल रविवार को हाथ में AK-47 लेकर सड़क पर उतरे। युवा कांग्रेस के प्रदर्शन के बीच गुरुधाम चौराहे के पास पुलिस आयुक्त ने अधिकारियों के साथ कानून-व्यवस्था संभाली। बिना अनुमति के प्रस्तावित प्रदर्शन को देखते हुए उन्होंने विभिन्न संवेदनशील क्षेत्रों का निरीक्षण किया, मौके पर तैनात पुलिस बल को ब्रीफ किया और सतर्कता के साथ ड्यूटी करने के निर्देश दिए।
कांग्रेस ने निंदा की
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने पुलिस के रवैये की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि वाराणसी में युवा कांग्रेस का शांतिपूर्ण कार्यक्रम था, लेकिन कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया गया। उनका आरोप था कि पूरा वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट कांग्रेस की आवाज दबाने में लगा हुआ है।
बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और पार्टी की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी सहित कई विपक्षी नेताओं ने 2 दिसंबर को संसद भवन परिसर में SIR के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था और चुनावी सुधारों पर चर्चा की मांग की थी।
‘SIR रोको–वोट चोरी रोको’
द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार, नेताओं ने चुनावी सूची के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) के खिलाफ पोस्टर और तख्तियां पकड़ी हुई थीं। उनके पास एक बड़ा बैनर भी था जिस पर लिखा था—‘SIR रोको–वोट चोरी रोको’—और उन्होंने सरकार के खिलाफ नारे लगाए।
खड़गे, सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा, DMK की के. कनिमोझी और टी.आर. बालू उन विपक्षी नेताओं में शामिल थे जो संसद के मकर द्वार के सामने विरोध प्रदर्शन कर रहे थे।
शीतकालीन सत्र के पहले दिन लोकसभा में बार-बार कार्यवाही स्थगित हुई और SIR पर बहस की मांग को लेकर विपक्ष ने राज्यसभा से वॉकआउट किया, क्योंकि सरकार ने कहा कि उसे चर्चा से कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन समय-सीमा तय नहीं की जा सकती।
दिल्ली में 14 दिसंबर को रैली
उधर बिहार कांग्रेस ने विवादित SIR प्रक्रिया के खिलाफ दिल्ली में 14 दिसंबर को होने वाली रैली के लिए हजारों लोगों को जुटाने का दावा किया है। उसका कहना है कि यह प्रक्रिया हाशिए पर पड़े वोटरों को मतदान के अधिकार से वंचित करती है।
हिंदुस्तान टाइमस की रिपोर्ट के अनुसार, बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी (BPCC) विवादित SIR प्रक्रिया के खिलाफ 14 दिसंबर को दिल्ली के रामलीला मैदान में होने वाली रैली के लिए हजारों कार्यकर्ताओं को जुटा रही है। पार्टी का दावा है कि हाल ही में हुए बिहार विधानसभा चुनावों के दौरान इस प्रक्रिया का उपयोग युवा, दलित और पिछड़े समुदायों के वोटरों को जानबूझकर मतदान से रोकने के लिए किया गया था।
‘भेदभावपूर्ण और मनमाने तरीके से’ लागू किया गया
BPCC मुख्यालय सदाकत आश्रम में जिला-स्तरीय कोऑर्डिनेटरों की बैठक के बाद तैयारियों की समीक्षा करते हुए BPCC प्रमुख राजेश राम ने रविवार को आरोप लगाया कि निर्वाचन आयोग ने NDA के पक्ष में नतीजों को मोड़ने के लिए असली वोटरों के नाम हटाने के उद्देश्य से SIR व्यवस्था को ‘भेदभावपूर्ण और मनमाने तरीके से’ लागू किया, जबकि कई अन्य को छोड़ दिया गया।
राम ने कहा, “इस गंभीर अन्याय पर केंद्र की चुप्पी शर्मनाक है,” और आगे कहा, “14 दिसंबर की महारैली लाखों प्रभावित नागरिकों का दर्द सीधे सत्ता में बैठे लोगों के दरवाजे तक पहुंचाएगी। यह सिर्फ SIR के बारे में नहीं है—यह इस सरकार की व्यवस्थागत विफलताओं के खिलाफ एक लोकतांत्रिक विरोध है।”
हाशिए पर पड़े समुदायों को निशाना बनाने का आरोप
कांग्रेस का आरोप है कि SIR प्रक्रिया, जिसका उद्देश्य चुनावी सूचियों से फर्जी नाम हटाना था, का बिहार में दुरुपयोग किया गया और हाशिए पर पड़े समुदायों को निशाना बनाया गया, जिनके वोट पारंपरिक रूप से विपक्षी दलों के पक्ष में जाते हैं। विपक्ष-शासित कई अन्य राज्यों से भी इसी तरह की शिकायतें सामने आई हैं, जिससे यह एक राष्ट्रीय मुद्दा बन गया है।
राम ने पूरे बिहार में जिला पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की घोषणा की और उन्हें हर ब्लॉक और पंचायत से अधिकतम लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा, “हमारे कार्यकर्ता ट्रेन, बस—जो भी साधन मिलेगा उससे यात्रा करेंगे। दिल्ली बिहार कांग्रेस की असली ताकत देखेगी।”
बैठक में मौजूद कोऑर्डिनेटरों में राज्य कोषाध्यक्ष जितेंद्र गुप्ता, वरिष्ठ नेता अजय चौधरी, अनिल कुमार, रोशन कुमार सिंह, असित नाथ तिवारी और अमर आज़ाद पासवान शामिल थे। BPCC मीडिया विभाग के प्रमुख राजेश राठौर ने कहा, “रामलीला मैदान में रैली कई विपक्षी पार्टियों और सिविल सोसाइटी ग्रुप्स द्वारा संवैधानिक वोटिंग अधिकारों की रक्षा के बैनर तले मिलकर आयोजित की जा रही है। राजस्थान, झारखंड, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र के नेताओं ने पहले ही बड़ी संख्या में लोगों के आने की पुष्टि कर दी है, जिससे संकेत मिलता है कि इस विरोध में पूरे देश से लाखों लोग शामिल हो सकते हैं।”
विपक्ष के लिए एक मजबूत राजनीतिक हथियार
2026 तक कई राज्यों में चुनाव होने हैं, ऐसे में SIR विवाद विपक्ष के लिए एक मजबूत राजनीतिक हथियार बनकर उभरा है। विपक्ष का आरोप है कि केंद्र सरकार प्रशासनिक आदेशों के ज़रिए चुपचाप चुनावी जनसांख्यिकीय बदलाव करने की कोशिश कर रही है।
बिहार कांग्रेस के सूत्रों ने बताया कि अगले शनिवार को कार्यकर्ताओं को राष्ट्रीय राजधानी लाने के लिए स्पेशल ट्रेनें और सैकड़ों बसें पहले ही बुक की जा रही हैं, जिससे स्पष्ट होता है कि पार्टी रामलीला मैदान रैली को अपने राष्ट्रीय अभियान में एक टर्निंग पॉइंट बनाना चाहती है, जिसे वह ‘संस्थागत वोट दमन’ कहती है।
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फोटो साभार : अमर उजाला/संवाद
SIR के खिलाफ रविवार को युवा कांग्रेस ने प्रदर्शन किया। इस दौरान सर्किट हाउस पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच झड़प हो गई। हंगामा बढ़ने पर पुलिस ने युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदयभानु और जिला अध्यक्ष विकास सिंह समेत 40 कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया।
अमर उजाला की रिपोर्ट के अनुसार, रविवार को भारतीय युवा कांग्रेस की ओर से प्रदेश अध्यक्ष विशाल सिंह के नेतृत्व में लगभग 80 कार्यकर्ता मतदाता जागरूकता, वोटर अधिकार, SIR जागरूकता, वोट चोरी, बेरोजगारी हटाओ जैसे ज्वलंत मुद्दों पर सर्किट हाउस पर एकत्र हुए।
सभी कार्यकर्ता शास्त्री घाट और कचहरी होते हुए रवींद्रपुरी स्थित प्रधानमंत्री जनसंपर्क कार्यालय तक जाने वाले थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें सर्किट हाउस के पास ही रोक लिया। कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए डीआईजी शिवहरी मीणा, एडीसीपी वरुणा नीतू कात्यायन, पुलिस उपायुक्त सरवणन टी., एसीपी कैंट नितिन तनेजा और एसीपी विजय कुमार के नेतृत्व में पुलिस बल तैनात था।
सरकार पर निशाना
पुलिस ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को आगे बढ़ने से रोका, लेकिन सभी कार्यकर्ता सर्किट हाउस से निकलकर कार्यक्रम स्थल तक जाने पर अड़े रहे। इस दौरान पुलिस और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच झड़प शुरू हो गई। हालात बिगड़ने पर पुलिस ने कांग्रेस नेताओं को हिरासत में ले लिया।
कार्यकर्ताओं का आरोप है कि पुलिस ने कई नेताओं को जबरदस्ती घसीटकर वाहन में बैठाया। इसके बाद उन्होंने पुलिस प्रशासन और सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। राष्ट्रीय अध्यक्ष समेत लगभग 40 कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेकर चोलापुर, बड़ागांव और रामनगर थानों में भेज दिया गया।
इस दौरान मयंक चौबे, चंचल शर्मा, अनुभव राय, रोहित दुबे, रोशनी कुशल जायसवाल, अभिजीत तिवारी सत्यम सहित पूर्वी जोन के जिलों—आजमगढ़, मऊ, बलिया, वाराणसी, गाजीपुर, जौनपुर, चंदौली, मिर्जापुर, सोनभद्र, देवरिया, भदोही, अंबेडकर नगर और प्रयागराज—से कई कार्यकर्ता और पदाधिकारी शामिल हुए।
सीपी ने कानून-व्यवस्था का निरीक्षण किया
बिना अनुमति के प्रदर्शन और शहर में कानून-व्यवस्था की स्थिति का जायजा लेने के लिए पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल रविवार को हाथ में AK-47 लेकर सड़क पर उतरे। युवा कांग्रेस के प्रदर्शन के बीच गुरुधाम चौराहे के पास पुलिस आयुक्त ने अधिकारियों के साथ कानून-व्यवस्था संभाली। बिना अनुमति के प्रस्तावित प्रदर्शन को देखते हुए उन्होंने विभिन्न संवेदनशील क्षेत्रों का निरीक्षण किया, मौके पर तैनात पुलिस बल को ब्रीफ किया और सतर्कता के साथ ड्यूटी करने के निर्देश दिए।
कांग्रेस ने निंदा की
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने पुलिस के रवैये की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि वाराणसी में युवा कांग्रेस का शांतिपूर्ण कार्यक्रम था, लेकिन कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया गया। उनका आरोप था कि पूरा वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट कांग्रेस की आवाज दबाने में लगा हुआ है।
बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और पार्टी की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी सहित कई विपक्षी नेताओं ने 2 दिसंबर को संसद भवन परिसर में SIR के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था और चुनावी सुधारों पर चर्चा की मांग की थी।
‘SIR रोको–वोट चोरी रोको’
द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार, नेताओं ने चुनावी सूची के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) के खिलाफ पोस्टर और तख्तियां पकड़ी हुई थीं। उनके पास एक बड़ा बैनर भी था जिस पर लिखा था—‘SIR रोको–वोट चोरी रोको’—और उन्होंने सरकार के खिलाफ नारे लगाए।
खड़गे, सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा, DMK की के. कनिमोझी और टी.आर. बालू उन विपक्षी नेताओं में शामिल थे जो संसद के मकर द्वार के सामने विरोध प्रदर्शन कर रहे थे।
शीतकालीन सत्र के पहले दिन लोकसभा में बार-बार कार्यवाही स्थगित हुई और SIR पर बहस की मांग को लेकर विपक्ष ने राज्यसभा से वॉकआउट किया, क्योंकि सरकार ने कहा कि उसे चर्चा से कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन समय-सीमा तय नहीं की जा सकती।
दिल्ली में 14 दिसंबर को रैली
उधर बिहार कांग्रेस ने विवादित SIR प्रक्रिया के खिलाफ दिल्ली में 14 दिसंबर को होने वाली रैली के लिए हजारों लोगों को जुटाने का दावा किया है। उसका कहना है कि यह प्रक्रिया हाशिए पर पड़े वोटरों को मतदान के अधिकार से वंचित करती है।
हिंदुस्तान टाइमस की रिपोर्ट के अनुसार, बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी (BPCC) विवादित SIR प्रक्रिया के खिलाफ 14 दिसंबर को दिल्ली के रामलीला मैदान में होने वाली रैली के लिए हजारों कार्यकर्ताओं को जुटा रही है। पार्टी का दावा है कि हाल ही में हुए बिहार विधानसभा चुनावों के दौरान इस प्रक्रिया का उपयोग युवा, दलित और पिछड़े समुदायों के वोटरों को जानबूझकर मतदान से रोकने के लिए किया गया था।
‘भेदभावपूर्ण और मनमाने तरीके से’ लागू किया गया
BPCC मुख्यालय सदाकत आश्रम में जिला-स्तरीय कोऑर्डिनेटरों की बैठक के बाद तैयारियों की समीक्षा करते हुए BPCC प्रमुख राजेश राम ने रविवार को आरोप लगाया कि निर्वाचन आयोग ने NDA के पक्ष में नतीजों को मोड़ने के लिए असली वोटरों के नाम हटाने के उद्देश्य से SIR व्यवस्था को ‘भेदभावपूर्ण और मनमाने तरीके से’ लागू किया, जबकि कई अन्य को छोड़ दिया गया।
राम ने कहा, “इस गंभीर अन्याय पर केंद्र की चुप्पी शर्मनाक है,” और आगे कहा, “14 दिसंबर की महारैली लाखों प्रभावित नागरिकों का दर्द सीधे सत्ता में बैठे लोगों के दरवाजे तक पहुंचाएगी। यह सिर्फ SIR के बारे में नहीं है—यह इस सरकार की व्यवस्थागत विफलताओं के खिलाफ एक लोकतांत्रिक विरोध है।”
हाशिए पर पड़े समुदायों को निशाना बनाने का आरोप
कांग्रेस का आरोप है कि SIR प्रक्रिया, जिसका उद्देश्य चुनावी सूचियों से फर्जी नाम हटाना था, का बिहार में दुरुपयोग किया गया और हाशिए पर पड़े समुदायों को निशाना बनाया गया, जिनके वोट पारंपरिक रूप से विपक्षी दलों के पक्ष में जाते हैं। विपक्ष-शासित कई अन्य राज्यों से भी इसी तरह की शिकायतें सामने आई हैं, जिससे यह एक राष्ट्रीय मुद्दा बन गया है।
राम ने पूरे बिहार में जिला पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की घोषणा की और उन्हें हर ब्लॉक और पंचायत से अधिकतम लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा, “हमारे कार्यकर्ता ट्रेन, बस—जो भी साधन मिलेगा उससे यात्रा करेंगे। दिल्ली बिहार कांग्रेस की असली ताकत देखेगी।”
बैठक में मौजूद कोऑर्डिनेटरों में राज्य कोषाध्यक्ष जितेंद्र गुप्ता, वरिष्ठ नेता अजय चौधरी, अनिल कुमार, रोशन कुमार सिंह, असित नाथ तिवारी और अमर आज़ाद पासवान शामिल थे। BPCC मीडिया विभाग के प्रमुख राजेश राठौर ने कहा, “रामलीला मैदान में रैली कई विपक्षी पार्टियों और सिविल सोसाइटी ग्रुप्स द्वारा संवैधानिक वोटिंग अधिकारों की रक्षा के बैनर तले मिलकर आयोजित की जा रही है। राजस्थान, झारखंड, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र के नेताओं ने पहले ही बड़ी संख्या में लोगों के आने की पुष्टि कर दी है, जिससे संकेत मिलता है कि इस विरोध में पूरे देश से लाखों लोग शामिल हो सकते हैं।”
विपक्ष के लिए एक मजबूत राजनीतिक हथियार
2026 तक कई राज्यों में चुनाव होने हैं, ऐसे में SIR विवाद विपक्ष के लिए एक मजबूत राजनीतिक हथियार बनकर उभरा है। विपक्ष का आरोप है कि केंद्र सरकार प्रशासनिक आदेशों के ज़रिए चुपचाप चुनावी जनसांख्यिकीय बदलाव करने की कोशिश कर रही है।
बिहार कांग्रेस के सूत्रों ने बताया कि अगले शनिवार को कार्यकर्ताओं को राष्ट्रीय राजधानी लाने के लिए स्पेशल ट्रेनें और सैकड़ों बसें पहले ही बुक की जा रही हैं, जिससे स्पष्ट होता है कि पार्टी रामलीला मैदान रैली को अपने राष्ट्रीय अभियान में एक टर्निंग पॉइंट बनाना चाहती है, जिसे वह ‘संस्थागत वोट दमन’ कहती है।
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