मुंबई के 10.6% से ज्यादा वोटरों के नाम SEC के ड्राफ़्ट रोल में कई बार आने के बाद विपक्ष अपने मजबूत गढ़ों में “जानबूझकर छेड़छाड़” का आरोप लगा रहा है। विपक्ष “बिना विरोध चुने जाने” के बढ़ते पैटर्न पर चिंता जता रहा है और तत्काल सुधारात्मक कार्रवाई और कड़ी जांच की मांग कर रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि रोल में कुछ लोगों के नाम सौ से भी ज्यादा बार दर्ज पाए गए हैं।

प्रतीकात्मक तस्वीर ; पीटीआई
महाराष्ट्र स्टेट इलेक्शन कमीशन (SEC) द्वारा जारी नए डेटा के अनुसार, मुंबई के 1.03 करोड़ वोटर्स में से करीब 10.64%—यानी 11 लाख से ज्यादा एंट्री—शहर के ड्राफ्ट इलेक्टोरल रोल में डुप्लीकेट पाई गई हैं। कमीशन ने अब ऑब्जेक्शन फाइल करने की तारीख 27 नवंबर से बढ़ाकर 3 दिसंबर कर दी है और अंतिम वोटर्स लिस्ट 10 दिसंबर को जारी होने की उम्मीद है।
डुप्लीकेट एंट्री का खतरनाक स्तर
मिड-डे के अनुसार, SEC की जांच में सामने आया कि पिछले हफ्ते प्रकाशित हुए रोल में 4.33 लाख वोटरों के नाम एक से अधिक बार दर्ज हैं। एक ही व्यक्ति के नाम दो से लेकर हैरान कर देने वाले 103 बार तक दर्ज पाए गए, जिससे कुल डुप्लीकेट एनरोलमेंट 11,01,505 तक पहुंच गई।
कमीशन ने इन गड़बड़ियों की वजह प्रिंटिंग की गलतियाँ, माइग्रेशन और मृत वोटरों के नाम समय पर न हटाए जाने को बताया है। बूथ-लेवल स्टाफ को घर-घर जाकर वेरिफिकेशन, फॉर्म इकट्ठा करने और नागरिकों से अंडरटेकिंग लेने को कहा गया है कि उनका नाम केवल एक बार ही दर्ज हो।
द न्यू इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, SEC के एक वरिष्ठ अधिकारी ने माना कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा 31 जनवरी, 2026 तक पूरी कराए जाने वाले सिविक चुनावों में थोड़ी देरी हो सकती है। BMC के रोल को ठीक करने की प्रगति के मुताबिक चुनाव जनवरी के अंत या फरवरी की शुरुआत में कराए जा सकते हैं।
विपक्ष के गढ़ों में सबसे ज्यादा डुप्लीकेट वोटर
सबसे ज्यादा डुप्लीकेट एंट्री वाले पांच वार्डों में से चार ऐसे क्षेत्र हैं, जहां पहले विपक्षी दलों—शिवसेना (UBT) और NCP (SP)—के पार्षद थे। दो वार्ड वर्ली विधानसभा क्षेत्र में हैं, जहां से आदित्य ठाकरे विधायक हैं।
सबसे अधिक डुप्लीकेट एंट्री वाले टॉप 5 वार्ड:
● वार्ड 199 (वर्ली) – 8,207
● वार्ड 131 (घाटकोपर) – 7,741
● वार्ड 203 (परेल-लालबाग) – 7,624
● वार्ड 205 (कालाचौकी) – 7,585
● वार्ड 194 (सेंचुरी मिल) – 7,584
TNIE की रिपोर्ट के अनुसार, BMC के एक वरिष्ठ अधिकारी ने स्पष्ट किया कि “11 लाख” आंकड़ा व्यक्तियों का नहीं बल्कि दोहराई गई एंट्री का है, और शहरभर में सुधार अभियान जारी है। यह सुधार प्रक्रिया 25 असिस्टेंट म्युनिसिपल कमिश्नरों की निगरानी में 27 नवंबर से 5 दिसंबर तक चलेगी।
आदित्य ठाकरे का आरोप: “बार-बार दोहराई गई प्रविष्टियाँ संदेहास्पद” 24 नवंबर को शिवसेना (UBT) नेता आदित्य ठाकरे ने SEC के वरिष्ठ अधिकारियों से मिलकर रिवीजन की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए और चीफ इलेक्टोरल ऑफिसर को औपचारिक शिकायत सौंपी।
मिड-डे के अनुसार, ठाकरे ने कहा कि:
● ड्राफ्ट लिस्ट—जो 7 और फिर 14 नवंबर को आनी थी—20 नवंबर को जारी की गई,
● यह देरी सरकार की “जानबूझकर अपनाई रणनीति” है,
● सरकार-नियंत्रित वार्डों में लगभग कोई बदलाव नहीं,
● जबकि विपक्षी क्षेत्रों में “अत्यधिक और संदिग्ध पुनर्गठन” हुआ।
एक्स (ट्विटर) पर उन्होंने ड्राफ्ट रोल को “बिल्कुल शर्मनाक और अक्षम्य” बताया।
आदित्य ठाकरे ने बताईं बड़ी गड़बड़ियां
एक्स पर पोस्ट किए गए विस्तृत नोट में ठाकरे ने दावा किया:
● 10 लाख से अधिक डुप्लीकेट एंट्री, कुछ वोटर 7 बार तक दर्ज
● 26,319 घरों में हर घर में 10+ वोटर
● सैकड़ों पते, जहाँ 1,000+ वोटर पंजीकृत
● 8,32,000 संदिग्ध एंट्री — “यह गलती नहीं, धोखाधड़ी है”
● 7 लाख वोटर जिनके पास कोई स्पष्ट पता नहीं
उन्होंने कहा, “एक व्यक्ति का केवल एक ही वोट होना चाहिए।”
उनकी मांगें:
● सुझाव/आपत्ति का समय 7 से बढ़ाकर 21 दिन किया जाए
● राजनीतिक दलों को सामूहिक आपत्तियाँ दाखिल करने की अनुमति दी जाए
● SEC स्टाफ को संभावित धोखाधड़ी की पहचान में लगाया जाए
“बिना विरोध चुने जाने” का खतरनाक ट्रेंड
यह विवाद एक बड़े मुद्दे को भी उजागर करता है—महाराष्ट्र में स्थानीय चुनावों में उम्मीदवारों के बिना विरोध चुने जाने की बढ़ती संख्या।
उदाहरण:
● अंगार नगर निगम में NCP उम्मीदवार का नॉमिनेशन अचानक रद्द
● BJP नेता की बहू बिना विरोध चुनी गई
● BJP प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि पार्टी “वोटिंग से पहले ही 100 सीटें जीत चुकी है”
विपक्ष ने इसे “राजनीतिक दबाव” और “लोकतंत्र के अपमान” बताया।
सुप्रिया सुले ने SEC को लिखा पत्र
TOI के अनुसार, NCP (SP) सांसद सुप्रिया सुले ने अपनी चिट्ठी में कहा:
● योग्य उम्मीदवारों को नॉमिनेशन दायर नहीं करने दिया जा रहा
● यह माहौल लोकतंत्र-विरोधी है
● नागरिकों को विकल्पहीन बना रहा है
● जहाँ भी दबाव/धमकी के आरोप लगें, SEC को तत्काल जांच करनी चाहिए
कांग्रेस ने भी समय बढ़ाने की मांग की
कांग्रेस नेताओं—हर्षवर्धन सपकाल, विजय वडेट्टीवार और सतेज पाटिल—ने SEC को पत्र लिखकर समय 15 दिन बढ़ाने की मांग की, यह कहते हुए कि:
● ड्राफ्ट रोल कई वार्डों में ठीक से विभाजित नहीं
● कई नाम गलत क्षेत्रों में चले गए
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डुप्लीकेट एंट्री का खतरनाक स्तर
मिड-डे के अनुसार, SEC की जांच में सामने आया कि पिछले हफ्ते प्रकाशित हुए रोल में 4.33 लाख वोटरों के नाम एक से अधिक बार दर्ज हैं। एक ही व्यक्ति के नाम दो से लेकर हैरान कर देने वाले 103 बार तक दर्ज पाए गए, जिससे कुल डुप्लीकेट एनरोलमेंट 11,01,505 तक पहुंच गई।
कमीशन ने इन गड़बड़ियों की वजह प्रिंटिंग की गलतियाँ, माइग्रेशन और मृत वोटरों के नाम समय पर न हटाए जाने को बताया है। बूथ-लेवल स्टाफ को घर-घर जाकर वेरिफिकेशन, फॉर्म इकट्ठा करने और नागरिकों से अंडरटेकिंग लेने को कहा गया है कि उनका नाम केवल एक बार ही दर्ज हो।
द न्यू इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, SEC के एक वरिष्ठ अधिकारी ने माना कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा 31 जनवरी, 2026 तक पूरी कराए जाने वाले सिविक चुनावों में थोड़ी देरी हो सकती है। BMC के रोल को ठीक करने की प्रगति के मुताबिक चुनाव जनवरी के अंत या फरवरी की शुरुआत में कराए जा सकते हैं।
विपक्ष के गढ़ों में सबसे ज्यादा डुप्लीकेट वोटर
सबसे ज्यादा डुप्लीकेट एंट्री वाले पांच वार्डों में से चार ऐसे क्षेत्र हैं, जहां पहले विपक्षी दलों—शिवसेना (UBT) और NCP (SP)—के पार्षद थे। दो वार्ड वर्ली विधानसभा क्षेत्र में हैं, जहां से आदित्य ठाकरे विधायक हैं।
सबसे अधिक डुप्लीकेट एंट्री वाले टॉप 5 वार्ड:
● वार्ड 199 (वर्ली) – 8,207
● वार्ड 131 (घाटकोपर) – 7,741
● वार्ड 203 (परेल-लालबाग) – 7,624
● वार्ड 205 (कालाचौकी) – 7,585
● वार्ड 194 (सेंचुरी मिल) – 7,584
TNIE की रिपोर्ट के अनुसार, BMC के एक वरिष्ठ अधिकारी ने स्पष्ट किया कि “11 लाख” आंकड़ा व्यक्तियों का नहीं बल्कि दोहराई गई एंट्री का है, और शहरभर में सुधार अभियान जारी है। यह सुधार प्रक्रिया 25 असिस्टेंट म्युनिसिपल कमिश्नरों की निगरानी में 27 नवंबर से 5 दिसंबर तक चलेगी।
आदित्य ठाकरे का आरोप: “बार-बार दोहराई गई प्रविष्टियाँ संदेहास्पद” 24 नवंबर को शिवसेना (UBT) नेता आदित्य ठाकरे ने SEC के वरिष्ठ अधिकारियों से मिलकर रिवीजन की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए और चीफ इलेक्टोरल ऑफिसर को औपचारिक शिकायत सौंपी।
मिड-डे के अनुसार, ठाकरे ने कहा कि:
● ड्राफ्ट लिस्ट—जो 7 और फिर 14 नवंबर को आनी थी—20 नवंबर को जारी की गई,
● यह देरी सरकार की “जानबूझकर अपनाई रणनीति” है,
● सरकार-नियंत्रित वार्डों में लगभग कोई बदलाव नहीं,
● जबकि विपक्षी क्षेत्रों में “अत्यधिक और संदिग्ध पुनर्गठन” हुआ।
एक्स (ट्विटर) पर उन्होंने ड्राफ्ट रोल को “बिल्कुल शर्मनाक और अक्षम्य” बताया।
आदित्य ठाकरे ने बताईं बड़ी गड़बड़ियां
एक्स पर पोस्ट किए गए विस्तृत नोट में ठाकरे ने दावा किया:
● 10 लाख से अधिक डुप्लीकेट एंट्री, कुछ वोटर 7 बार तक दर्ज
● 26,319 घरों में हर घर में 10+ वोटर
● सैकड़ों पते, जहाँ 1,000+ वोटर पंजीकृत
● 8,32,000 संदिग्ध एंट्री — “यह गलती नहीं, धोखाधड़ी है”
● 7 लाख वोटर जिनके पास कोई स्पष्ट पता नहीं
उन्होंने कहा, “एक व्यक्ति का केवल एक ही वोट होना चाहिए।”
उनकी मांगें:
● सुझाव/आपत्ति का समय 7 से बढ़ाकर 21 दिन किया जाए
● राजनीतिक दलों को सामूहिक आपत्तियाँ दाखिल करने की अनुमति दी जाए
● SEC स्टाफ को संभावित धोखाधड़ी की पहचान में लगाया जाए
“बिना विरोध चुने जाने” का खतरनाक ट्रेंड
यह विवाद एक बड़े मुद्दे को भी उजागर करता है—महाराष्ट्र में स्थानीय चुनावों में उम्मीदवारों के बिना विरोध चुने जाने की बढ़ती संख्या।
उदाहरण:
● अंगार नगर निगम में NCP उम्मीदवार का नॉमिनेशन अचानक रद्द
● BJP नेता की बहू बिना विरोध चुनी गई
● BJP प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि पार्टी “वोटिंग से पहले ही 100 सीटें जीत चुकी है”
विपक्ष ने इसे “राजनीतिक दबाव” और “लोकतंत्र के अपमान” बताया।
सुप्रिया सुले ने SEC को लिखा पत्र
TOI के अनुसार, NCP (SP) सांसद सुप्रिया सुले ने अपनी चिट्ठी में कहा:
● योग्य उम्मीदवारों को नॉमिनेशन दायर नहीं करने दिया जा रहा
● यह माहौल लोकतंत्र-विरोधी है
● नागरिकों को विकल्पहीन बना रहा है
● जहाँ भी दबाव/धमकी के आरोप लगें, SEC को तत्काल जांच करनी चाहिए
कांग्रेस ने भी समय बढ़ाने की मांग की
कांग्रेस नेताओं—हर्षवर्धन सपकाल, विजय वडेट्टीवार और सतेज पाटिल—ने SEC को पत्र लिखकर समय 15 दिन बढ़ाने की मांग की, यह कहते हुए कि:
● ड्राफ्ट रोल कई वार्डों में ठीक से विभाजित नहीं
● कई नाम गलत क्षेत्रों में चले गए
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