गुजरात : हिरासत में मुस्लिम नाबालिग के कथित टॉर्चर पर बवाल, मेवाणी ने की सख्त कार्रवाई की मांग

Written by sabrang india | Published on: September 12, 2025
पीड़ित लड़का इस समय अहमदाबाद के ज़ायडस अस्पताल में गंभीर हालत में भर्ती है। बोटाद पुलिस ने अब तक परिवार की शिकायत दर्ज नहीं की है।



गुजरात पुलिस को भारी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि कांग्रेस राज्य कार्यकारी समिति के अध्यक्ष और विधायक जिग्नेश मेवाणी ने बोटाद जिले में कथित हिरासत में टॉर्चर के शिकार 17 वर्षीय मुस्लिम लड़के के मामले में जवाबदेही की मांग की है। यह किशोर इस समय अहमदाबाद के एक अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझ रहा है। युवक गुर्दे में परेशानी के चलते अस्पताल में भर्ती है।

जिग्नेश मेवाणी ने इस मामले को "लोकतंत्र और मानवता पर एक चौंकाने वाला कलंक" करार देते हुए राज्य के शीर्ष नेतृत्व से हस्तक्षेप की मांग की।

मकतूब की रिपोर्ट के अनुसार, वडगाम विधायक ने कहा, "मैं गुजरात सरकार, डीजीपी, गृह सचिव और गृह मंत्री से मांग करता हूं कि वे तुरंत कार्रवाई करें। इस अमानवीय कृत्य में शामिल हर व्यक्ति - पुलिस कांस्टेबल से लेकर एसपी तक - पर हिरासत में टॉर्चर करने के आरोप में मुकदमा चलाया जाए।"


किशोर आर्यन माखियाला को 19 अगस्त को चोरी के शक में बोटाद टाउन पुलिस द्वारा हिरासत में लिया गया था। उसके परिवार का आरोप है कि आर्यन को बिना मजिस्ट्रेट के सामने पेश किए गैरकानूनी तरीके से नौ दिनों तक हिरासत में रखा गया और इस दौरान उसे बुरी तरह पीटा गया तथा यौन शोषण का शिकार बनाया गया, जिसके चलते उसकी किडनी फेल हो गई।

मामले में हस्तक्षेप करने की कोशिश करने वाले आर्यन के दादा को भी कथित रूप से पुलिस ने पीटा और छह दिनों तक हिरासत में रखा।

हालांकि, बोटाद पुलिस ने लड़के को गिरफ्तार या हिरासत में लेने से इनकार किया है। मकतूब द्वारा फोन पर संपर्क करने पर एक जिला अधिकारी ने भी इन आरोपों को खारिज कर दिया और गिरफ्तारी से इनकार किया।

इस मामले ने विपक्ष की ओर से राज्य सरकार से त्वरित कार्रवाई की मांग को हवा दी है। जिग्नेश मेवाणी ने जोर देकर कहा है कि जवाबदेही केवल कांस्टेबल तक सीमित नहीं रहनी चाहिए, बल्कि इसमें जिला एसपी जैसे वरिष्ठ अधिकारियों को भी शामिल किया जाना चाहिए।

इस घटना को लेकर मानवाधिकार संगठनों ने भी जवाबदेही की मांग तेज कर दी है। उनका कहना है कि यह मामला गुजरात में हिरासत में हिंसा की प्रणालीगत समस्याओं को उजागर करता है। इस संबंध में अल्पसंख्यक समन्वय समिति (Minority Coordination Committee) ने गुजरात के डीजीपी को एक पत्र भी लिखा है।

लड़का इस समय अहमदाबाद के जायडस अस्पताल में गंभीर हालत में भर्ती है। बोटाद पुलिस ने अब तक परिवार की शिकायत दर्ज नहीं की है।

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