प्रतिनिधिमंडल ने कमिश्नर से इन सभी मसलों पर बात करते हुए यह चिंता जाहिर की कि होली और जुमा एक ही दिन में पड़ रहा है। ऐसे में सांप्रदायिक ताकतें अधिक सक्रिय हैं।

उत्तर प्रदेश के बनारस में राजनीतिक-नागरिक समाज का एक प्रतिनिधिमंडल पुलिस कमिश्नर से मिला और बनारस में सांप्रदायिक तनाव को भड़काने वाले असामाजिक तत्वों पर लगाम लगाने की मांग की।
प्रतिनिधिमंडल ने कमिश्नर को बताया कि बीते कुछ दिनों में वाराणसी में मुस्लिम समुदाय के खिलाफ पुलिस प्रशासन के सह पर साजिशन लोकल गुंडों द्वारा की गई कई सांप्रदायिक घटनाओं के गंभीर मामले सामने आए हैं। ज्ञात हो कि 6 मार्च को अंबियामंडी थाना आदमपुर के अराजक तत्वों के आरोप पर पुलिस द्वारा 14 बेकसूर लोगों को जेल भेज दिया गया। बकरियाकुंड में बीते 27 फरवरी को रात के करीब 11-11:30 बजे रेहान नाम के एक मुस्लिम व्यक्ति से कुछ कार सवार ने पांडेपुर जाने का रास्ता पूछा। इस दौरान रेहान पर झूठ बोलने का आरोप लगाकर उसे अपशब्द कहे और उस पर ब्लेड से जानलेवा हमला कर दिया। किसी तरह रेहान ने वहां से भागकर अपनी जान बचाई।
इस घटना के अगले दिन रेहान ने अपने भाई के साथ थाना जैतपुरा में तहरीर दी लेकिन अभी तक कोई भी भी कार्यवाही नहीं की गई।
वहीं एक अन्य मामला कोटवा का है जहां कुछ बच्चे खेलते हुए स्ट्रीट लाइट पर निशाना मार रहे थे। लेकिन इस घटना को वहां के लोकल संघी राजनीतिक तत्वों ने इसे पुलिस और राजनीतिक सह पर हिंदू घर में पत्थर मारने का बना दिया।
इन बच्चों की उम्र 12- 14 साल के बीच है पर उन बच्चों के ऊपर गंभीर धाराएं लगाकर उन्हें सुधार गृह भेज दिया गया।
अभी भी वे गुंडे उस इलाके में सांप्रदायिक और डर का माहौल बना रहे हैं और होली के दिन 'कुछ' करने की धमकी दी जा रही है.
नागरिक समाज की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया कि होली से पहले 11 मार्च को दीनदयालपुर, थाना सारनाथ में मुस्लिम समुदाय के दो लोगों पर हमला कर दिया। वे गंभीर रूप से घायल गए हैं। लेकिन अभी तक पुलिस इस मामले में चुप्पी साधे हुए है। ऐसी अनेक सांप्रदायिक घटनाएं लगातार हो रही है, जो पुलिस तंत्र व सरकार की मिलीभगत से की जा रही है।
दंगाई बिना किसी डर भय के ऐसी घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। इन्हीं सब मामलों को लेकर बनारस के कई सामाजिक-राजनीतिक संगठन व नागरिक समाज से जुड़े लोगों ने आज पुलिस कमिश्नर को एक ज्ञापन दिया।
प्रतिनिधिमंडल ने कमिश्नर से इन सभी मसलों पर बात करते हुए यह चिंता जाहिर की कि होली और जुमा एक ही दिन में पड़ रहा है। ऐसे में सांप्रदायिक ताकतें अधिक सक्रिय हैं। पुलिस सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी लेते हुए उस दिन यह आश्वस्त करे कि कोई भी सांप्रदायिक घटना न घटे तथा अब तक आए सभी मामलों की निष्पक्ष जांच करें तथा गड़बड़ करने वाले संबंधित पुलिस अधिकारियों के ऊपर उचित कार्रवाई करे।
इस प्रतिनिधिमंडल में शामिल समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष सुजीत सिंह यादव 'लक्कड़' ने कहा कि ये सारी घटनाएं सरकार के संरक्षण में की जा रही हैं और सरकार लोगों को आपस में बांटने की कोशिश कर रही है।
वहीं कम्युनिस्ट फ्रंट से मनीष शर्मा ने कहा कि इस सरकार ने त्योहारों का राजनीतीकरण कर दिया है। अपने फायदे के लिए लोगों को बांटा और आपस में लड़ाया जा रहा है।
भगत सिंह आंबेडकर विचार मंच से एस पी राय ने इन सभी मामलों को लेकर कहा कि इस सरकार की पूरी राजनीति धर्म पर टिकी है। लोगों की जरूरतों को यह पूरा करने में पूरी तरह से विफल है। इसलिए लोगों को आपस में बांटने और राज करने की नीति से ये सब कर रही है। पुलिस थाने सरकार के संगठन की तरह काम कर रहे हैं।
ज्ञापन डेलिगेशन में संतोष यादव, हरीश मिश्रा, आबिद शेख, प्रेम प्रकाश सिंह यादव, फादर आनंद, परमिता, अनूप श्रमिक, जागृति रही, मुनीजा खान, विनय, ज़ुबैर, जुबेर खान बागी, अनवर,मुकेश, कात्यायनी, संदीप समेत दर्जनों लोग शामिल रहें।

उत्तर प्रदेश के बनारस में राजनीतिक-नागरिक समाज का एक प्रतिनिधिमंडल पुलिस कमिश्नर से मिला और बनारस में सांप्रदायिक तनाव को भड़काने वाले असामाजिक तत्वों पर लगाम लगाने की मांग की।
प्रतिनिधिमंडल ने कमिश्नर को बताया कि बीते कुछ दिनों में वाराणसी में मुस्लिम समुदाय के खिलाफ पुलिस प्रशासन के सह पर साजिशन लोकल गुंडों द्वारा की गई कई सांप्रदायिक घटनाओं के गंभीर मामले सामने आए हैं। ज्ञात हो कि 6 मार्च को अंबियामंडी थाना आदमपुर के अराजक तत्वों के आरोप पर पुलिस द्वारा 14 बेकसूर लोगों को जेल भेज दिया गया। बकरियाकुंड में बीते 27 फरवरी को रात के करीब 11-11:30 बजे रेहान नाम के एक मुस्लिम व्यक्ति से कुछ कार सवार ने पांडेपुर जाने का रास्ता पूछा। इस दौरान रेहान पर झूठ बोलने का आरोप लगाकर उसे अपशब्द कहे और उस पर ब्लेड से जानलेवा हमला कर दिया। किसी तरह रेहान ने वहां से भागकर अपनी जान बचाई।
इस घटना के अगले दिन रेहान ने अपने भाई के साथ थाना जैतपुरा में तहरीर दी लेकिन अभी तक कोई भी भी कार्यवाही नहीं की गई।
वहीं एक अन्य मामला कोटवा का है जहां कुछ बच्चे खेलते हुए स्ट्रीट लाइट पर निशाना मार रहे थे। लेकिन इस घटना को वहां के लोकल संघी राजनीतिक तत्वों ने इसे पुलिस और राजनीतिक सह पर हिंदू घर में पत्थर मारने का बना दिया।
इन बच्चों की उम्र 12- 14 साल के बीच है पर उन बच्चों के ऊपर गंभीर धाराएं लगाकर उन्हें सुधार गृह भेज दिया गया।
अभी भी वे गुंडे उस इलाके में सांप्रदायिक और डर का माहौल बना रहे हैं और होली के दिन 'कुछ' करने की धमकी दी जा रही है.
नागरिक समाज की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया कि होली से पहले 11 मार्च को दीनदयालपुर, थाना सारनाथ में मुस्लिम समुदाय के दो लोगों पर हमला कर दिया। वे गंभीर रूप से घायल गए हैं। लेकिन अभी तक पुलिस इस मामले में चुप्पी साधे हुए है। ऐसी अनेक सांप्रदायिक घटनाएं लगातार हो रही है, जो पुलिस तंत्र व सरकार की मिलीभगत से की जा रही है।
दंगाई बिना किसी डर भय के ऐसी घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। इन्हीं सब मामलों को लेकर बनारस के कई सामाजिक-राजनीतिक संगठन व नागरिक समाज से जुड़े लोगों ने आज पुलिस कमिश्नर को एक ज्ञापन दिया।
प्रतिनिधिमंडल ने कमिश्नर से इन सभी मसलों पर बात करते हुए यह चिंता जाहिर की कि होली और जुमा एक ही दिन में पड़ रहा है। ऐसे में सांप्रदायिक ताकतें अधिक सक्रिय हैं। पुलिस सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी लेते हुए उस दिन यह आश्वस्त करे कि कोई भी सांप्रदायिक घटना न घटे तथा अब तक आए सभी मामलों की निष्पक्ष जांच करें तथा गड़बड़ करने वाले संबंधित पुलिस अधिकारियों के ऊपर उचित कार्रवाई करे।
इस प्रतिनिधिमंडल में शामिल समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष सुजीत सिंह यादव 'लक्कड़' ने कहा कि ये सारी घटनाएं सरकार के संरक्षण में की जा रही हैं और सरकार लोगों को आपस में बांटने की कोशिश कर रही है।
वहीं कम्युनिस्ट फ्रंट से मनीष शर्मा ने कहा कि इस सरकार ने त्योहारों का राजनीतीकरण कर दिया है। अपने फायदे के लिए लोगों को बांटा और आपस में लड़ाया जा रहा है।
भगत सिंह आंबेडकर विचार मंच से एस पी राय ने इन सभी मामलों को लेकर कहा कि इस सरकार की पूरी राजनीति धर्म पर टिकी है। लोगों की जरूरतों को यह पूरा करने में पूरी तरह से विफल है। इसलिए लोगों को आपस में बांटने और राज करने की नीति से ये सब कर रही है। पुलिस थाने सरकार के संगठन की तरह काम कर रहे हैं।
ज्ञापन डेलिगेशन में संतोष यादव, हरीश मिश्रा, आबिद शेख, प्रेम प्रकाश सिंह यादव, फादर आनंद, परमिता, अनूप श्रमिक, जागृति रही, मुनीजा खान, विनय, ज़ुबैर, जुबेर खान बागी, अनवर,मुकेश, कात्यायनी, संदीप समेत दर्जनों लोग शामिल रहें।