मुंबई में निर्माणाधीन इमारत में पानी की टंकी साफ करते समय पांच मजदूरों की दम घुटने से मौत

Written by sabrang india | Published on: March 10, 2025
यह घटना नागपाड़ा इलाके में दिमतिमकर रोड पर स्थित बिस्मिल्लाह स्पेस बिल्डिंग में दोपहर करीब 12:30 बजे हुई।


फोटो साभार : टाइम्स ऑफ इंडिया सोशल मीडिया एक्स

दक्षिण मुंबई में एक निर्माणाधीन इमारत में पानी की टंकी साफ करते समय पांच मजदूरों की दम घुटने से मौत हो गई। अधिकारियों ने रविवार, 9 मार्च को घटना की जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि यह घटना नागपाड़ा इलाके में दिमतिमकर रोड पर स्थित बिस्मिल्लाह स्पेस बिल्डिंग में दोपहर करीब 12:30 बजे हुई।

द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार, एक दमकल अधिकारी ने बताया कि पांच मजदूर पानी की टंकी साफ करने के लिए उसमें घुसे थे, लेकिन काम करते समय वे अंदर ही बेहोश हो गए।

निर्माण स्थल पर मौजूद अन्य लोगों ने दमकल विभाग को सूचना दी, जिसने पांचों लोगों को बाहर निकाला और उन्हें सरकारी जेजे अस्पताल पहुंचाया। एक अधिकारी ने बताया कि डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

पुलिस अधिकारी ने बताया कि बृहन्मुंबई नगर निगम और स्थानीय पुलिस के अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं और जांच जारी है।

एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, मृतकों में हसीपाल शेख (19), राजा शेख (20), जियाउल्ला शेख (36) और इमांडू शेख (38) शामिल हैं।

जेजे पुलिस स्टेशन के एक अधिकारी ने बताया कि दुर्घटनावश हुई मौत की रिपोर्ट (एडीआर) दर्ज कर ली गई है और यह पता लगाने के लिए जांच शुरू कर दी गई है कि पांचों को काम पर रखने वालों की ओर से कोई चूक हुई या नहीं और क्या सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन किया गया था।

केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने बीते साल अगस्त में कहा था कि भारत के 766 जिलों में से 732 जिलों ने खुद को मैनुअल स्कैवेंजिंग से मुक्त घोषित करने के बावजूद 2014 से सीवर और सेप्टिक टैंक की सफाई करते समय लगभग 453 लोगों की मौत हो चुकी है।

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, अठावले ने कहा, "31.07.2024 तक, देश के 766 जिलों में से 732 जिलों ने खुद को मैनुअल स्कैवेंजिंग से मुक्त घोषित किया है।" राज्यों ने मैनुअल स्कैवेंजर के रूप में रोजगार के निषेध और उनके पुनर्वास अधिनियम, 2013 के ढांचे के तहत "मैनुअल स्कैवेंजिंग मुक्त" घोषित किया है।

इस अधिनियम के अनुसार, कोई भी व्यक्ति या एजेंसी मैनुअल स्कैवेंजिंग के लिए किसी भी व्यक्ति को नियुक्त नहीं कर सकती है और कोई भी व्यक्ति या एजेंसी जो मैनुअल स्कैवेंजिंग में शामिल है, उसे 2 साल तक की कैद या 1 लाख रुपये तक का जुर्माना या दोनों सजा दी जा सकती है। यह अधिनियम सफाई कर्मचारियों की सुरक्षा और सम्मान सुनिश्चित करने के लिए खतरनाक सफाई और मैनुअल स्कैवेंजिंग को विशिष्ट शब्दों में परिभाषित करता है।

हालांकि, एक अन्य प्रश्न का उत्तर देते हुए अठावले ने कहा कि 2014 से सीवर और सेप्टिक टैंक की सफाई करते समय 453 लोगों की जान चली गई।

अठावले ने कहा कि सरकार ने मैनुअल स्कैवेंजिंग के उन्मूलन के लिए स्वच्छ भारत मिशन के तहत 371 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। इन निधियों का इस्तेमाल उन्नत मशीनरी खरीदने तथा छोटे गांवों में मशीनीकरण में सुधार करने, स्वच्छता कार्यों के लिए मैनुअल श्रम पर निर्भरता कम करने और सुरक्षित कार्य स्थितियां सुनिश्चित करने के लिए किया जाएगा।

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