किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने शनिवार को कहा कि किसानों को उनके मुद्दों पर बातचीत के लिए केंद्र सरकार की ओर से कोई संदेश नहीं मिला है, लिहाज़ा दोपहर 12 बजे 101 किसानों का एक 'जत्था' दिल्ली की ओर कूच करेगा।
"सड़क पर कीलें, कंक्रीट की दीवार और थ्री लेयर बैरिकेडिंग... शंभू बॉर्डर पर किसानों को रोकने के लिए सरकार द्वारा युद्ध स्तर पर तैयारी की गई है। जी हां, अंबाला, हरियाणा और दिल्ली-हरियाणा के शंभु बॉर्डर पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की जा रही है। उधर, किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने शनिवार को कहा कि किसानों को उनके मुद्दों पर बातचीत के लिए केंद्र सरकार की ओर से कोई संदेश नहीं मिला है, लिहाज़ा दोपहर 12 बजे 101 किसानों का एक 'जत्था' दिल्ली की ओर कूच करेगा।"
आंदोलनरत किसान शंभू बॉर्डर से कल यानी रविवार को फिर दिल्ली की ओर कूच करेंगे। किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि आज हमारे विरोध प्रदर्शन के 299 दिन पूरे हो गए हैं, और कल हम 300 दिन पूरे कर लेंगे। आज हमने घायल किसानों से मुलाकात की, जिनमें से एक की सुनने की शक्ति चली गई है। उन्होंने कहा कि शंभू बॉर्डर पर शुक्रवार (6 दिसंबर) को हरियाणा पुलिस से हुई झड़प में 16 किसान घायल हुए हैं। और अगर हम मामूली रूप से घायलों को भी शामिल करें तो यह संख्या करीब 25 हो सकती है। उधर, वार्ता की बजाय सरकार द्वारा किसानों को रोकने के लिए पूरी तैयारी की गई है। इसके लिए अंबाला, हरियाणा और दिल्ली-हरियाणा के शंभु बॉर्डर पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की जा रही है।
कील के पैटर्न वाले ब्रेकर और बैरियर
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस तैयारी के कुछ वीडियो ट्विटर पर सामने आए हैं। जिसमें कुछ कारीगर वेल्डिंग करते दिख रहे हैं। वहीं किसानों को रोकने के लिए कील के पैटर्न वाले बैरियर और ब्रेकर लगाए जाते दिख रहे हैं। बता दें कि इससे पहले भी जब साल की शुरुआत में किसानों ने दिल्ली कूच किया था, तब भी उन्हें रोकने को ऐसी ही तैयारियां की गई थीं।
सरवन सिंह पंधेर बोले- नहीं मिला कोई मैसेज
पंजाब के किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने शनिवार को कहा कि केंद्र सरकार से उनकी मांगों पर बातचीत के लिए कोई मैसेज नहीं मिला है। उन्होंने घोषणा की कि 101 किसानों का एक जत्था 8 दिसंबर को दोपहर में शांतिपूर्ण तरीके से दिल्ली के लिए फिर से कूच करेगा। शुक्रवार को प्रदर्शनकारी किसानों ने दिल्ली की ओर बढ़ने का प्रयास किया था, लेकिन हरियाणा-पंजाब बॉर्डर पर उन्हें रोकने के लिए सुरक्षा बलों ने आंसू गैस के गोले दागे। इस दौरान 16 किसान घायल हो गए, जिनमें से एक किसान की सुनने की क्षमता प्रभावित हुई है। पंधेर ने बताया कि चार गंभीर रूप से घायल किसानों को छोड़कर बाकी को अस्पताल से छुट्टी मिल गई है। उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, "मोदी सरकार बातचीत करने के मूड में नहीं है।"
हरियाणा के डीजीपी ने लिखी पंजाब के डीजीपी को चिट्ठी
हरियाणा के डीजीपी ने पंजाब के डीजीपी को एक चिट्ठी लिखकर अनुरोध किया है कि मीडिया कर्मियों को प्रदर्शन स्थल से कम से कम 1 किमी की दूरी पर रखा जाए ताकि सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके और कानून-व्यवस्था बनाए रखी जा सके। चिट्ठी में 6 दिसंबर को शंभू बॉर्डर पर किसानों के मार्च के दौरान हरियाणा पुलिस को जिस स्थिति और चुनौती का सामना करना पड़ा, उसका हवाला दिया गया है। किसानों के 101 सदस्यीय समूह द्वारा किए गए इस मार्च को कंट्रोल करने में पुलिस को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, जिसके कारण स्थिति तनावपूर्ण हो गई और पुलिस को भीड़ को नियंत्रित करने में समस्या आई।
किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए कानूनी गारंटी समेत विभिन्न मांगों को पूरा करने का दबाव बना रहे हैं। प्रदर्शनकारी किसानों के खिलाफ सुरक्षाकर्मियों की कार्रवाई पर पंधेर ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार का पर्दाफाश हो गया है। पंधेर ने कहा, “उन्होंने कल क्या किया? लोग इस कार्रवाई से नाराज़ हैं। लोग भाजपा से पूछ रहे हैं कि चूंकि किसान अपने साथ ट्रैक्टर-ट्रॉली नहीं ले जा रहे थे, तो उन्हें आगे क्यों नहीं बढ़ने दिया गया।”
दल्लेवाल का अनशन जारी
उधर, खास है कि खनौरी बॉर्डर पर एक और किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल का आमरण अनशन जारी है। किसानों का दावा है कि दल्लेवाल का 8 किलो वजन कम हो गया है।
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"सड़क पर कीलें, कंक्रीट की दीवार और थ्री लेयर बैरिकेडिंग... शंभू बॉर्डर पर किसानों को रोकने के लिए सरकार द्वारा युद्ध स्तर पर तैयारी की गई है। जी हां, अंबाला, हरियाणा और दिल्ली-हरियाणा के शंभु बॉर्डर पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की जा रही है। उधर, किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने शनिवार को कहा कि किसानों को उनके मुद्दों पर बातचीत के लिए केंद्र सरकार की ओर से कोई संदेश नहीं मिला है, लिहाज़ा दोपहर 12 बजे 101 किसानों का एक 'जत्था' दिल्ली की ओर कूच करेगा।"
आंदोलनरत किसान शंभू बॉर्डर से कल यानी रविवार को फिर दिल्ली की ओर कूच करेंगे। किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि आज हमारे विरोध प्रदर्शन के 299 दिन पूरे हो गए हैं, और कल हम 300 दिन पूरे कर लेंगे। आज हमने घायल किसानों से मुलाकात की, जिनमें से एक की सुनने की शक्ति चली गई है। उन्होंने कहा कि शंभू बॉर्डर पर शुक्रवार (6 दिसंबर) को हरियाणा पुलिस से हुई झड़प में 16 किसान घायल हुए हैं। और अगर हम मामूली रूप से घायलों को भी शामिल करें तो यह संख्या करीब 25 हो सकती है। उधर, वार्ता की बजाय सरकार द्वारा किसानों को रोकने के लिए पूरी तैयारी की गई है। इसके लिए अंबाला, हरियाणा और दिल्ली-हरियाणा के शंभु बॉर्डर पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की जा रही है।
कील के पैटर्न वाले ब्रेकर और बैरियर
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस तैयारी के कुछ वीडियो ट्विटर पर सामने आए हैं। जिसमें कुछ कारीगर वेल्डिंग करते दिख रहे हैं। वहीं किसानों को रोकने के लिए कील के पैटर्न वाले बैरियर और ब्रेकर लगाए जाते दिख रहे हैं। बता दें कि इससे पहले भी जब साल की शुरुआत में किसानों ने दिल्ली कूच किया था, तब भी उन्हें रोकने को ऐसी ही तैयारियां की गई थीं।
सरवन सिंह पंधेर बोले- नहीं मिला कोई मैसेज
पंजाब के किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने शनिवार को कहा कि केंद्र सरकार से उनकी मांगों पर बातचीत के लिए कोई मैसेज नहीं मिला है। उन्होंने घोषणा की कि 101 किसानों का एक जत्था 8 दिसंबर को दोपहर में शांतिपूर्ण तरीके से दिल्ली के लिए फिर से कूच करेगा। शुक्रवार को प्रदर्शनकारी किसानों ने दिल्ली की ओर बढ़ने का प्रयास किया था, लेकिन हरियाणा-पंजाब बॉर्डर पर उन्हें रोकने के लिए सुरक्षा बलों ने आंसू गैस के गोले दागे। इस दौरान 16 किसान घायल हो गए, जिनमें से एक किसान की सुनने की क्षमता प्रभावित हुई है। पंधेर ने बताया कि चार गंभीर रूप से घायल किसानों को छोड़कर बाकी को अस्पताल से छुट्टी मिल गई है। उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, "मोदी सरकार बातचीत करने के मूड में नहीं है।"
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हरियाणा के डीजीपी ने पंजाब के डीजीपी को एक चिट्ठी लिखकर अनुरोध किया है कि मीडिया कर्मियों को प्रदर्शन स्थल से कम से कम 1 किमी की दूरी पर रखा जाए ताकि सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके और कानून-व्यवस्था बनाए रखी जा सके। चिट्ठी में 6 दिसंबर को शंभू बॉर्डर पर किसानों के मार्च के दौरान हरियाणा पुलिस को जिस स्थिति और चुनौती का सामना करना पड़ा, उसका हवाला दिया गया है। किसानों के 101 सदस्यीय समूह द्वारा किए गए इस मार्च को कंट्रोल करने में पुलिस को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, जिसके कारण स्थिति तनावपूर्ण हो गई और पुलिस को भीड़ को नियंत्रित करने में समस्या आई।
किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए कानूनी गारंटी समेत विभिन्न मांगों को पूरा करने का दबाव बना रहे हैं। प्रदर्शनकारी किसानों के खिलाफ सुरक्षाकर्मियों की कार्रवाई पर पंधेर ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार का पर्दाफाश हो गया है। पंधेर ने कहा, “उन्होंने कल क्या किया? लोग इस कार्रवाई से नाराज़ हैं। लोग भाजपा से पूछ रहे हैं कि चूंकि किसान अपने साथ ट्रैक्टर-ट्रॉली नहीं ले जा रहे थे, तो उन्हें आगे क्यों नहीं बढ़ने दिया गया।”
दल्लेवाल का अनशन जारी
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