स्कूल से लड़के के माता-पिता को बताया गया कि बच्चा बीमार है और उसे अस्पताल ले जाया जा रहा है। बाद में उन्हें फिर से बुलाया गया और बताया गया कि उसकी हालत खराब हो गई है और उसे सादाबाद ले जाया जा रहा है।
साभार : एनडीटीवी
उत्तर प्रदेश के हाथरस से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई जहां डीएल पब्लिक स्कूल में बुधवार 25 सितंबर को दूसरी क्लास के एक छात्र को बलि देने का मामला सामने आया है।
उसके पिता कृष्ण कुशवाह को बताया गया कि उनका बेटा बीमार पड़ गया है और उसे स्कूल के डायरेक्टर दिनेश बघेल अस्पताल ले जा रहे हैं। हालांकि, बाद में कुशवाह ने अपने बेटे का शव बघेल की कार में पाया।
स्कूल से लड़के के माता-पिता को बताया गया कि बच्चा बीमार है और उसे अस्पताल ले जाया जा रहा है। बाद में उन्हें फिर से बुलाया गया और बताया गया कि उसकी हालत खराब हो गई है और उसे सादाबाद ले जाया जा रहा है।
इंडिया टुडे ने लड़के के पिता के हवाले से बताया कि, "हमने आगरा की ओर उनका पीछा किया, लेकिन उन्होंने कार नहीं रोकी। जब हम वापस लौटे, तो हम सादाबाद में उनसे मिले, जहां हमें उनकी कार में बच्चे का शव मिला।"
पुलिस ने खुलासा किया कि लड़के की हत्या स्कूल में सफलता लाने के लिए एक काले जादू की रस्म के तहत की गई थी।
डायरेक्टर और तीन शिक्षकों सहित पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस का कहना है कि संदिग्धों ने पहले भी एक अन्य लड़के पर इसी तरह की हरकत करने की कोशिश की थी जो असफल रही थी।
हाथरस के एसपी निपुण अग्रवाल ने मीडिया से बात करते हुए पुष्टि की कि स्कूल के डायरेक्टर दिनेश बघेल, उनके पिता जशोधन सिंह और तीन प्रोफेसर लक्ष्मण सिंह, वीरपाल सिंह और रामप्रकाश सोलंकी सभी इस हत्या में शामिल थे।
उन्होंने कहा, "स्कूल की कथित सफलता और गौरव के लिए एक अनुष्ठान के तहत लड़के की बलि दी गई थी। हम जांच कर रहे हैं कि हत्या में कोई और व्यक्ति शामिल था या नहीं।" पुलिस जांच के अनुसार, बघेल के पिता काले जादू और तांत्रिक अनुष्ठानों में विश्वास करते थे। इसी तरह का विश्वास उसके बेटे और तीन शिक्षकों का भी था।
डीएल पब्लिक स्कूल में लगभग 600 छात्र हैं और जिस छात्रावास में लड़के की हत्या की गई उसमें कक्षा 1 से 5 तक के बच्चे रहते हैं। मृत छात्र कृष्ण कुशवाह का बेटा था जो दिल्ली स्थित एक निजी उद्यम में सॉफ्टवेयर डेवलपर हैं।
सोमवार 23 सितंबर की सुबह एक कर्मचारी और छात्रों ने लड़के को उसके छात्रावास के बिस्तर पर बेसुध पाया। मौत की सूचना देने के बजाय स्कूल के डायरेक्टर दिनेश बघेल ने लड़के के शव को अपनी कार में रखकर और कई घंटों तक आगरा और अलीगढ़ के अस्पतालों में ले जाकर अपराध को छिपाने का प्रयास किया।
हाथरस के टरसेन से लड़के के परिवार को सूचित किया गया कि उनका बेटा बीमार है और उसे अस्पताल ले जाया जा रहा है लेकिन जब वे स्कूल पहुंचे तो वे उसे वहां नहीं पाया। संदेह होने पर लड़के के पिता कृष्ण कुशवाह ने स्थानीय पुलिस से संपर्क किया।
बघेल की तलाश शुरू की गई और कुछ घंटों बाद अधिकारियों को बघेल की गाड़ी में लड़के का शव मिला। उसके गर्दन पर चोट के निशान थे।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने पुष्टि की, "परिवार द्वारा सूचना देने के बाद लड़के का शव डायरेक्टर की कार में मिला।" पोस्टमार्टम से पता चला कि लड़के की मौत रविवार रात को गला घोंटने से हुई थी। पांचों आरोपियों के खिलाफ बीएनएस धारा 103(1) के तहत हत्या का मामला दर्ज किया गया है।
साभार : एनडीटीवी
उत्तर प्रदेश के हाथरस से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई जहां डीएल पब्लिक स्कूल में बुधवार 25 सितंबर को दूसरी क्लास के एक छात्र को बलि देने का मामला सामने आया है।
उसके पिता कृष्ण कुशवाह को बताया गया कि उनका बेटा बीमार पड़ गया है और उसे स्कूल के डायरेक्टर दिनेश बघेल अस्पताल ले जा रहे हैं। हालांकि, बाद में कुशवाह ने अपने बेटे का शव बघेल की कार में पाया।
स्कूल से लड़के के माता-पिता को बताया गया कि बच्चा बीमार है और उसे अस्पताल ले जाया जा रहा है। बाद में उन्हें फिर से बुलाया गया और बताया गया कि उसकी हालत खराब हो गई है और उसे सादाबाद ले जाया जा रहा है।
इंडिया टुडे ने लड़के के पिता के हवाले से बताया कि, "हमने आगरा की ओर उनका पीछा किया, लेकिन उन्होंने कार नहीं रोकी। जब हम वापस लौटे, तो हम सादाबाद में उनसे मिले, जहां हमें उनकी कार में बच्चे का शव मिला।"
पुलिस ने खुलासा किया कि लड़के की हत्या स्कूल में सफलता लाने के लिए एक काले जादू की रस्म के तहत की गई थी।
डायरेक्टर और तीन शिक्षकों सहित पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस का कहना है कि संदिग्धों ने पहले भी एक अन्य लड़के पर इसी तरह की हरकत करने की कोशिश की थी जो असफल रही थी।
हाथरस के एसपी निपुण अग्रवाल ने मीडिया से बात करते हुए पुष्टि की कि स्कूल के डायरेक्टर दिनेश बघेल, उनके पिता जशोधन सिंह और तीन प्रोफेसर लक्ष्मण सिंह, वीरपाल सिंह और रामप्रकाश सोलंकी सभी इस हत्या में शामिल थे।
उन्होंने कहा, "स्कूल की कथित सफलता और गौरव के लिए एक अनुष्ठान के तहत लड़के की बलि दी गई थी। हम जांच कर रहे हैं कि हत्या में कोई और व्यक्ति शामिल था या नहीं।" पुलिस जांच के अनुसार, बघेल के पिता काले जादू और तांत्रिक अनुष्ठानों में विश्वास करते थे। इसी तरह का विश्वास उसके बेटे और तीन शिक्षकों का भी था।
डीएल पब्लिक स्कूल में लगभग 600 छात्र हैं और जिस छात्रावास में लड़के की हत्या की गई उसमें कक्षा 1 से 5 तक के बच्चे रहते हैं। मृत छात्र कृष्ण कुशवाह का बेटा था जो दिल्ली स्थित एक निजी उद्यम में सॉफ्टवेयर डेवलपर हैं।
सोमवार 23 सितंबर की सुबह एक कर्मचारी और छात्रों ने लड़के को उसके छात्रावास के बिस्तर पर बेसुध पाया। मौत की सूचना देने के बजाय स्कूल के डायरेक्टर दिनेश बघेल ने लड़के के शव को अपनी कार में रखकर और कई घंटों तक आगरा और अलीगढ़ के अस्पतालों में ले जाकर अपराध को छिपाने का प्रयास किया।
हाथरस के टरसेन से लड़के के परिवार को सूचित किया गया कि उनका बेटा बीमार है और उसे अस्पताल ले जाया जा रहा है लेकिन जब वे स्कूल पहुंचे तो वे उसे वहां नहीं पाया। संदेह होने पर लड़के के पिता कृष्ण कुशवाह ने स्थानीय पुलिस से संपर्क किया।
बघेल की तलाश शुरू की गई और कुछ घंटों बाद अधिकारियों को बघेल की गाड़ी में लड़के का शव मिला। उसके गर्दन पर चोट के निशान थे।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने पुष्टि की, "परिवार द्वारा सूचना देने के बाद लड़के का शव डायरेक्टर की कार में मिला।" पोस्टमार्टम से पता चला कि लड़के की मौत रविवार रात को गला घोंटने से हुई थी। पांचों आरोपियों के खिलाफ बीएनएस धारा 103(1) के तहत हत्या का मामला दर्ज किया गया है।