"हमने भविष्य में बिना किसी डर के अपने त्योहारों में हथियार ले जाने का फैसला किया है।"
साभार : द ऑब्जर्वर पोस्ट
हिंदूवादी समूह श्री राम सेने कर्नाटक के अध्यक्ष गंगाधर कुलकर्णी ने रविवार को कहा कि संगठन ने हिंदू धार्मिक जुलूसों के दौरान हथियार रखने और लोगों को सुरक्षा देने का फैसला किया है।
समूह के जिला सम्मेलन से इतर मीडिया से बात करते हुए कुलकर्णी ने आरोप लगाया कि चूंकि राज्य में कांग्रेस की सरकार है, इसलिए कुछ “जिहादी तत्वों” ने गणपति विसर्जन जुलूस के दौरान अराजकता पैदा की है।
मुस्लिम समुदाय को चेतावनी देते हुए कुलकर्णी ने कहा, “मैं मुस्लिम गुंडों को चेतावनी देता हूं, केवल तुम ही पत्थर नहीं फेंक सकते या तलवार नहीं उठा सकते। हिंदू समाज यह भी जानता है कि अगले साल से गणपति जुलूस के दौरान जहां भी जरूरत होगी, अगर कोई आयोजक हमसे अनुरोध करेगा तो श्री राम जुलूसों को सुरक्षा देंगे और सुरक्षा देने के लिए 50 युवा तलवार लेकर जाएंगे।”
उन्होंने आरोप लगाया, “कर्नाटक में कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार में जिहादी ताकतें मजबूत हो रही हैं। नागमंगला और दावणगेरे में जुलूस के दौरान उपद्रवियों ने गणेश प्रतिमा पर पथराव किया, यहां तक कि पेट्रोल बम भी फेंके।"
तिरुपति लड्डू में मिलावट के बारे में बोलते हुए कुलकर्णी ने कहा कि इस घटना ने पूरे हिंदू समुदाय को झकझोर कर रख दिया है।
उन्होंने गृह मंत्री जी परमेश्वर के इस्तीफे की मांग की। उन्होंने कहा, "गृह मंत्री जिम्मेदार हैं और गृह मंत्री होने के लायक नहीं हैं, जिन्होंने नागमंगला की घटना को आकस्मिक बताया है।"
तिरुपति लड्डू को लेकर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने मामले की जांच की मांग की। उन्होंने कहा कि देश भर के सभी हिंदू संगठन आंध्र प्रदेश के पूर्व सीएम जगन के आवास पर विरोध प्रदर्शन करने के लिए तैयार हैं।
उन्होंने पुष्टि की, "हमने भविष्य में बिना किसी डर के अपने त्योहारों में हथियार ले जाने का फैसला किया है।"
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार करीब दो सप्ताह पहले कर्नाटक के मांड्या के नागमंगला में बुधवार रात गणपति विसर्जन जुलूस पर पथराव हुआ था। घटना रात 8 बजे हुई। मैसूर रोड पर बनी दरगाह के सामने पहुंचने पर कुछ लोगों ने पत्थर फेंके। इसके बाद हिंदुओं ने भी प्रदर्शन किया था।
इलाके की कुछ दुकानों और वहां खड़ी गाड़ियों में आग लगा दी गई थी। भीड़ को तितर-बितर करने पुलिस ने लाठीचार्ज किया था।
कन्नड़ न्यूज चैनलों के मुताबिक प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि जुलूस पर पत्थरों के अलावा तलवार, रॉड और जूस की बॉटल से भी हमला किया गया। इस घटना में 15 पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं।
हिंदुस्तान की रिपोर्ट के अनुसार, एक सप्ताह पहले ही भीलवाड़ा में जूलुस पर पथराव को लेकर पुलिस ने 10 को हिरासत में लिया था। हिंदू समाज के करीब 50-60 लोग जल झूलनी एकादशी के अवसर पर एक जुलूस निकाल रहे थे। जब यह जुलूस इलाके में एक मस्जिद के सामने से गुजर रहा था, तो कुछ अज्ञात लोगों ने उनकी जुलूस पर पथराव करना शुरू कर दिया, जिसके बाद हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदायों के बीच झड़प हो गई थी।
अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, महाराष्ट्र के नंदुरबार में ईद मिलादुन्नबी जुलूस के दौरान दो गुटों में हिंसक झड़प हो गई। जमकर पत्थर चले। भारी सुरक्षा बल को मौके पर बुलाया गया।
साभार : द ऑब्जर्वर पोस्ट
हिंदूवादी समूह श्री राम सेने कर्नाटक के अध्यक्ष गंगाधर कुलकर्णी ने रविवार को कहा कि संगठन ने हिंदू धार्मिक जुलूसों के दौरान हथियार रखने और लोगों को सुरक्षा देने का फैसला किया है।
समूह के जिला सम्मेलन से इतर मीडिया से बात करते हुए कुलकर्णी ने आरोप लगाया कि चूंकि राज्य में कांग्रेस की सरकार है, इसलिए कुछ “जिहादी तत्वों” ने गणपति विसर्जन जुलूस के दौरान अराजकता पैदा की है।
मुस्लिम समुदाय को चेतावनी देते हुए कुलकर्णी ने कहा, “मैं मुस्लिम गुंडों को चेतावनी देता हूं, केवल तुम ही पत्थर नहीं फेंक सकते या तलवार नहीं उठा सकते। हिंदू समाज यह भी जानता है कि अगले साल से गणपति जुलूस के दौरान जहां भी जरूरत होगी, अगर कोई आयोजक हमसे अनुरोध करेगा तो श्री राम जुलूसों को सुरक्षा देंगे और सुरक्षा देने के लिए 50 युवा तलवार लेकर जाएंगे।”
उन्होंने आरोप लगाया, “कर्नाटक में कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार में जिहादी ताकतें मजबूत हो रही हैं। नागमंगला और दावणगेरे में जुलूस के दौरान उपद्रवियों ने गणेश प्रतिमा पर पथराव किया, यहां तक कि पेट्रोल बम भी फेंके।"
तिरुपति लड्डू में मिलावट के बारे में बोलते हुए कुलकर्णी ने कहा कि इस घटना ने पूरे हिंदू समुदाय को झकझोर कर रख दिया है।
उन्होंने गृह मंत्री जी परमेश्वर के इस्तीफे की मांग की। उन्होंने कहा, "गृह मंत्री जिम्मेदार हैं और गृह मंत्री होने के लायक नहीं हैं, जिन्होंने नागमंगला की घटना को आकस्मिक बताया है।"
तिरुपति लड्डू को लेकर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने मामले की जांच की मांग की। उन्होंने कहा कि देश भर के सभी हिंदू संगठन आंध्र प्रदेश के पूर्व सीएम जगन के आवास पर विरोध प्रदर्शन करने के लिए तैयार हैं।
उन्होंने पुष्टि की, "हमने भविष्य में बिना किसी डर के अपने त्योहारों में हथियार ले जाने का फैसला किया है।"
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार करीब दो सप्ताह पहले कर्नाटक के मांड्या के नागमंगला में बुधवार रात गणपति विसर्जन जुलूस पर पथराव हुआ था। घटना रात 8 बजे हुई। मैसूर रोड पर बनी दरगाह के सामने पहुंचने पर कुछ लोगों ने पत्थर फेंके। इसके बाद हिंदुओं ने भी प्रदर्शन किया था।
इलाके की कुछ दुकानों और वहां खड़ी गाड़ियों में आग लगा दी गई थी। भीड़ को तितर-बितर करने पुलिस ने लाठीचार्ज किया था।
कन्नड़ न्यूज चैनलों के मुताबिक प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि जुलूस पर पत्थरों के अलावा तलवार, रॉड और जूस की बॉटल से भी हमला किया गया। इस घटना में 15 पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं।
हिंदुस्तान की रिपोर्ट के अनुसार, एक सप्ताह पहले ही भीलवाड़ा में जूलुस पर पथराव को लेकर पुलिस ने 10 को हिरासत में लिया था। हिंदू समाज के करीब 50-60 लोग जल झूलनी एकादशी के अवसर पर एक जुलूस निकाल रहे थे। जब यह जुलूस इलाके में एक मस्जिद के सामने से गुजर रहा था, तो कुछ अज्ञात लोगों ने उनकी जुलूस पर पथराव करना शुरू कर दिया, जिसके बाद हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदायों के बीच झड़प हो गई थी।
अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, महाराष्ट्र के नंदुरबार में ईद मिलादुन्नबी जुलूस के दौरान दो गुटों में हिंसक झड़प हो गई। जमकर पत्थर चले। भारी सुरक्षा बल को मौके पर बुलाया गया।