नियुक्ति सूची की मांग पर प्रदर्शन: केशव मौर्य के आवास के घेराव के दौरान पुलिस ने किया लाठीचार्ज

Written by sabrang india | Published on: September 2, 2024

अभ्यर्थियों का आरोप है कि अधिकारियों के ढुलमुल रवैये के कारण अब तक चयन सूची जारी नहीं की गई। इससे धरना दे रहे आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों में बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों के खिलाफ भारी नाराज़गी है। इसी के मद्देनज़र ओबीसी और एससी अभ्यर्थियों ने दो सितंबर को मुख्यमंत्री आवास का घेराव और महाधरना आयोजित करने का आह्वान किया है।



उत्तर प्रदेश: लखनऊ में 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले में नियुक्ति पत्र की मांग को लेकर अभ्यर्थियों ने यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के आवास के बाहर प्रदर्शन किया। एएनआई ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा।



मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, केशव मौर्य के घर का घेराव करने जा रहे अभ्यर्थियों को पुलिस ने रोक दिया। इस दौरान पुलिस और अभ्यर्थियों के बीच धक्कामुक्की हुई और पुलिस ने लाठियां भी चलाईं।

ज्ञात हो कि 69,000 शिक्षक भर्ती में आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी लगातार धरने पर बैठे हुए हैं। हाल ही में कोर्ट ने यूपी सरकार को नई नियुक्ति सूची जारी करने का आदेश भी दिया है। अभ्यर्थियों की मांग है कि राज्य सरकार इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ के आदेश का पालन करे। इसके तहत सरकार को भर्ती की नई चयन सूची जारी करनी है।

अभ्यर्थियों का आरोप है कि अधिकारियों के ढुलमुल रवैये के कारण अब तक चयन सूची जारी नहीं की गई। इससे धरना दे रहे आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों में बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों के खिलाफ भारी नाराज़गी है। इसी के मद्देनज़र ओबीसी और एससी अभ्यर्थियों ने दो सितंबर को मुख्यमंत्री आवास का घेराव और महाधरना आयोजित करने का आह्वान किया है।

आंदोलन का नेतृत्व कर रहे अमरेन्द्र सिंह पटेल, विजय प्रताप, विक्रम यादव, धनंजय गुप्ता और अन्नू पटेल ने बताया कि ओबीसी और एससी समाज के अनेक संगठनों ने भी उनका समर्थन करने की घोषणा की है। ईको गार्डेन में उनका धरना लगातार जारी है।

हिंदुस्तान की रिपोर्ट के अनुसार, हाईकोर्ट के आदेश के बाद अभ्यर्थी आंदोलन को और तेज करते दिखाई दे रहे हैं। इस दौरान उन्होंने योगी आदित्यनाथ सरकार के खिलाफ नारेबाजी और विरोध प्रदर्शन किया। पुलिस ने अभ्यर्थियों को रोकने के लिए हल्का बल प्रयोग भी किया है। इन अभ्यर्थियों की मांग है कि हाईकोर्ट के आदेश का जल्द से जल्द पालन किया जाए, प्रशासन द्वारा नई सूची बनाकर तुरंत नियुक्ति की जाए, और पुरानी सूची बनाने वाले अधिकारियों को हटाया जाए। नई सूची बनाने की जिम्मेदारी भी नए अधिकारियों को सौंपने की मांग की जा रही है।

हाईकोर्ट ने तीन महीने के अंदर नई सूची बनाने के निर्देश दिए हैं, जिसके बाद अभ्यर्थी इस सूची को जल्द जारी करने की मांग कर रहे हैं। अभ्यर्थियों को इस बात का भय है कि कहीं हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ कोई सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर न कर दे, जिससे यह मामला फिर से कोर्ट में चला जाए।

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