जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल ने मोदी सरकार पर स्पष्ट रुप से निशाना साधते हुए कहा, 'अगर इन लोगों पर काबू नहीं पाया गया तो पूरा देश मणिपुर की तरह जल जाएगा।' उन्होंने यह भी कहा कि पुलवामा में 'सुरक्षा चूक' की तरह, जब एक सड़क काफिले में 44 सीआरपीएफ जवानों को सुरक्षा नहीं दी गई और न ही सुरक्षित हवाई यात्रा दी गई, अगले कुछ महीनों में अयोध्या में "राम मंदिर पर हमला' या 'एक वरिष्ठ भाजपा नेता की हत्या' कराई जा सकती है'।
Image: The Wire
नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने साफ कहा कि हरियाणा के नूंह से शुरू होकर राज्य के विभिन्न हिस्सों में फैली हिंसा अनायास नहीं थी। "राष्ट्रीय सुरक्षा मामलों" पर एक सम्मेलन में बोलते हुए, मलिक ने कहा कि सात से आठ अलग-अलग स्थानों पर हुए ये हमले सांप्रदायिक विभाजन पैदा करने के उद्देश्य से अच्छी तरह से सुनियोजित थे।
दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में हुए एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा, ‘अगर इन लोगों पर काबू नहीं पाया गया तो पूरा देश मणिपुर की तरह जल जाएगा। जाट संस्कृति या परंपरा से आर्य समाज की जीवन शैली में विश्वास करते हैं और पारंपरिक अर्थों में देखें, तो बहुत धार्मिक नहीं हैं। न ही इस क्षेत्र के मुसलमानों का दृष्टिकोण बहुत पारंपरिक है। इसलिए आजादी के बाद से कभी किसी ने दो समुदायों के बीच इस तरह से टकराव होते नहीं सुना।और ये हमले 2024 तक और बढ़ेंगे जैसा कि मणिपुर में नज़र आ रहा है।’
"राष्ट्रीय सुरक्षा मामलों" पर सम्मेलन का आयोजन सामाजिक कार्यकर्ताओं के छह समूहों द्वारा किया गया है, जिसमें पुलवामा और बालाकोट हमलों पर दो प्रस्ताव भी पारित किए गए।
इसमें शामिल लोगों ने मांग की कि केंद्र सरकार पुलवामा हमले की रिपोर्ट को कार्रवाई रिपोर्ट के साथ सार्वजनिक करे, जिसमें खामियों और इसमें शामिल लोगों के खिलाफ की गई कार्रवाई पर एक श्वेत पत्र भी शामिल हो। उन्होंने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट की निगरानी वाली समिति को पुलवामा त्रासदी की जांच करनी चाहिए।
अयोध्या में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की जाए
यहां उपस्थित लोगों ने विभिन्न तीर्थ स्थलों पर सुरक्षा बढ़ाने की भी मांग की। उन्हें डर था कि लोकसभा चुनाव से पहले अयोध्या में निर्माणाधीन राम मंदिर या भारत के किसी अन्य प्रमुख मंदिर पर हमला किया जा सकता है।
मलिक ने कहा, "यह जनता का ध्रुवीकरण करने और चुनाव जीतने के लिए सत्तारूढ़ सरकार द्वारा कराया जा सकता है।" उन्होंने कहा कि अल-कायदा की कथित धमकी कि राम मंदिर को उड़ा दिया जाएगा, को गंभीरता से लिया जाना चाहिए। सभा को सांसद दिग्विजय सिंह, दानिश अली, कुमार केतकर, जॉन ब्रिटास और वकील प्रशांत भूषण ने संबोधित किया।
सत्यपाल मलिक के भाषण पर दर्शकों की प्रतिक्रिया से यह स्पष्ट था कि पुलवामा या बालाकोट में जो हुआ उसमें रुचि कम नहीं हुई है। पहले जहां यह कानाफूसी हुआ करती थी कि पुलवामा हमला भारतीय एजेंसी द्वारा किया गया था, वहीं अब सभी प्रमुख वक्ताओं ने खुले तौर पर आशंका व्यक्त की कि यह हमला पाकिस्तान की तरफ से नहीं हुआ था।
मलिक ने कहा, ‘पुलवामा के बाद मोदी ने इस त्रासदी का फायदा उठाया और भीड़ से कहा कि जब वे वोट दें तो पुलवामा को याद रखें। मैं भीड़ से एक बार फिर कहता हूं, इस बार वोट करते समय पुलवामा को याद रखें। कई सवालों के जवाब मिलने बाकी हैं- आरडीएक्स कहां से आया? रास्ते में दोनों ओर से 10 किलोमीटर तक सुरक्षा का इंतजाम क्यों नहीं किया गया या कोई तैनाती क्यों नहीं थी? (सीआरपीएफ की) विमान की मांग को अस्वीकार क्यों किया गया?’
अधिवक्ता प्रशांत भूषण के विपरीत, जिन्होंने कहा था कि हमले से पहले 11 खुफिया रिपोर्टें थीं, मलिक ने कहा, “राज्यपाल के रूप में, मुझे एक दिन में तीन खुफिया रिपोर्टें मिलती थीं, जिनमें से प्रत्येक में एक आतंकवादी हमले का विवरण होता था जो मुझ पर या प्रतिष्ठान पर हो सकता था। मुझे सेना द्वारा चेतावनी दी गई थी कि मैं सड़क मार्ग से यात्रा न करूं बल्कि हेलिकॉप्टर आदि से यात्रा करूं। ऐसी एक भी खुफिया रिपोर्ट नहीं थी कि सेना के काफिले पर हमला किया जा सकता है, ” उन्होंने कहा।
मलिक ने कहा कि 2024 में भी कुछ इसी तरह की योजना बनाई जा सकती है। उन्होंने कहा, ‘वे एक प्रमुख भाजपा नेता की हत्या कर सकते हैं या राम मंदिर पर बम फिंकवा सकते हैं। अजीत डोभाल (राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार) आजकल संयुक्त अरब अमीरात का दौरा क्यों कर रहे हैं? वे वहां के शासकों से समर्थन जुटा रहे हैं कि वे पाकिस्तानियों पर दबाव डालें कि जब हमारी सेना पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में घुसे तो वे जवाबी कार्रवाई न करें। वे कुछ दिन वहां रुकेंगे और वापस आकर चुनाव जीतने की उम्मीद करेंगे। लोगों को पता होना चाहिए कि वे क्या कर रहे हैं।’
दो महीने पहले, हिंदी समाचार पोर्टल, सत्यहिंदी.कॉम ने यह विस्फोटक साक्षात्कार प्रकाशित किया था: 'मोदी सत्ता के लिए कुछ भी कर सकते हैं'
हाल ही में न्यूज़क्लिक और देशबंधु ने भी सत्यपाल मलिक का साक्षात्कार लिया था
प्रशांत टंडन द्वारा जम्मू-कश्मीर, गोवा और मेघालय के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के साथ यह हालिया साक्षात्कार देशबंधु यूट्यूब चैनल पर 31 जुलाई, 2023, दिल्ली में प्रकाशित किया गया था।
एक के बाद एक इंटरव्यू से यह भी पता चलता है कि 2024 में आम चुनाव से पहले राम मंदिर को निशाना बनाया जा सकता है, मलिक ने यह भी कहा कि ऐसा माहौल बन रहा है कि भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध हो रहा है, किसी बीजेपी नेता की हत्या हो सकती है। उन्होंने दोहराया कि, राज्यपाल के रूप में, उन्हें पुलवामा आतंकवादी हमले के लिए कोई इंटेलिजेंस अलर्ट प्रदान नहीं किया गया था।
साक्षात्कार यहां देखा जा सकता है
जनवरी 2023
इस साल की शुरुआत में, 6 जनवरी, 2023 को, प्रिंट ने एक स्टोरी छापी, "अल-कायदा ने अयोध्या राम मंदिर को ध्वस्त करने की कसम खाई - 'बाबरी मस्जिद को मूर्तियों के स्थान पर फिर से बनाया जाएगा' - एक वरिष्ठ खुफिया अधिकारी के अनुसार, गजवा-ए-हिंद के नवीनतम अंक में अल कायदा की धमकियों की भाषा -भारतीय परिवेश से परिचित जिहादियों द्वारा लिखी गयी थी।
अप्रैल 2023
21 अप्रैल, 2023 को लाइवमिंट में यह स्टोरी थी, अल-कायदा ने अतीक अहमद की हत्या पर भारत पर हमले की धमकी दी: आतंकवादी संगठन अल-कायदा और उसके भारतीय समकक्ष अल-कायदा इन इंडियन सबकॉन्टिनेंट (AQIS) ने अतीक अहमद की हत्या पर भारत पर हमले की धमकी दी है। उत्तर प्रदेश में लाइव टेलीविजन पर गैंगस्टर-राजनेता अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ की 15 अप्रैल को हत्या कर दी गई थी। यह वारदात उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में एक अस्पताल के बाहर लाइव टेलीविज़न पर समाचार कैमरों में कैद हुई थी। ईद-उल-फितर की पूर्व संध्या पर, आतंकवादी समूह ने एक संदेश पोस्ट किया, जिसमें बदला लेने की धमकी दी गई और अतीक और उसके भाई अशरफ को 'शहीद' कहा गया।
यह संदेश संगठन की प्रचार मीडिया शाखा अस-साहब द्वारा जारी सात पन्नों की पत्रिका में जारी किया गया था। इसने भारतीय मुसलमानों को 'आजाद' करने का भी वादा किया। संदेश में AQIS ने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या पर रोष जताया और उन्हें "शहीद" कहकर उनकी प्रशंसा की।
मई 2023
एटीएस, गुजरात ने अल कायदा मॉड्यूल केस में तीन और लोगों को गिरफ्तार किया
एटीएस के मुताबिक, मुन्ना और अज़हरुल को यूपी पुलिस की मदद से उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से पकड़ा गया।
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नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने साफ कहा कि हरियाणा के नूंह से शुरू होकर राज्य के विभिन्न हिस्सों में फैली हिंसा अनायास नहीं थी। "राष्ट्रीय सुरक्षा मामलों" पर एक सम्मेलन में बोलते हुए, मलिक ने कहा कि सात से आठ अलग-अलग स्थानों पर हुए ये हमले सांप्रदायिक विभाजन पैदा करने के उद्देश्य से अच्छी तरह से सुनियोजित थे।
दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में हुए एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा, ‘अगर इन लोगों पर काबू नहीं पाया गया तो पूरा देश मणिपुर की तरह जल जाएगा। जाट संस्कृति या परंपरा से आर्य समाज की जीवन शैली में विश्वास करते हैं और पारंपरिक अर्थों में देखें, तो बहुत धार्मिक नहीं हैं। न ही इस क्षेत्र के मुसलमानों का दृष्टिकोण बहुत पारंपरिक है। इसलिए आजादी के बाद से कभी किसी ने दो समुदायों के बीच इस तरह से टकराव होते नहीं सुना।और ये हमले 2024 तक और बढ़ेंगे जैसा कि मणिपुर में नज़र आ रहा है।’
"राष्ट्रीय सुरक्षा मामलों" पर सम्मेलन का आयोजन सामाजिक कार्यकर्ताओं के छह समूहों द्वारा किया गया है, जिसमें पुलवामा और बालाकोट हमलों पर दो प्रस्ताव भी पारित किए गए।
इसमें शामिल लोगों ने मांग की कि केंद्र सरकार पुलवामा हमले की रिपोर्ट को कार्रवाई रिपोर्ट के साथ सार्वजनिक करे, जिसमें खामियों और इसमें शामिल लोगों के खिलाफ की गई कार्रवाई पर एक श्वेत पत्र भी शामिल हो। उन्होंने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट की निगरानी वाली समिति को पुलवामा त्रासदी की जांच करनी चाहिए।
अयोध्या में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की जाए
यहां उपस्थित लोगों ने विभिन्न तीर्थ स्थलों पर सुरक्षा बढ़ाने की भी मांग की। उन्हें डर था कि लोकसभा चुनाव से पहले अयोध्या में निर्माणाधीन राम मंदिर या भारत के किसी अन्य प्रमुख मंदिर पर हमला किया जा सकता है।
मलिक ने कहा, "यह जनता का ध्रुवीकरण करने और चुनाव जीतने के लिए सत्तारूढ़ सरकार द्वारा कराया जा सकता है।" उन्होंने कहा कि अल-कायदा की कथित धमकी कि राम मंदिर को उड़ा दिया जाएगा, को गंभीरता से लिया जाना चाहिए। सभा को सांसद दिग्विजय सिंह, दानिश अली, कुमार केतकर, जॉन ब्रिटास और वकील प्रशांत भूषण ने संबोधित किया।
सत्यपाल मलिक के भाषण पर दर्शकों की प्रतिक्रिया से यह स्पष्ट था कि पुलवामा या बालाकोट में जो हुआ उसमें रुचि कम नहीं हुई है। पहले जहां यह कानाफूसी हुआ करती थी कि पुलवामा हमला भारतीय एजेंसी द्वारा किया गया था, वहीं अब सभी प्रमुख वक्ताओं ने खुले तौर पर आशंका व्यक्त की कि यह हमला पाकिस्तान की तरफ से नहीं हुआ था।
मलिक ने कहा, ‘पुलवामा के बाद मोदी ने इस त्रासदी का फायदा उठाया और भीड़ से कहा कि जब वे वोट दें तो पुलवामा को याद रखें। मैं भीड़ से एक बार फिर कहता हूं, इस बार वोट करते समय पुलवामा को याद रखें। कई सवालों के जवाब मिलने बाकी हैं- आरडीएक्स कहां से आया? रास्ते में दोनों ओर से 10 किलोमीटर तक सुरक्षा का इंतजाम क्यों नहीं किया गया या कोई तैनाती क्यों नहीं थी? (सीआरपीएफ की) विमान की मांग को अस्वीकार क्यों किया गया?’
अधिवक्ता प्रशांत भूषण के विपरीत, जिन्होंने कहा था कि हमले से पहले 11 खुफिया रिपोर्टें थीं, मलिक ने कहा, “राज्यपाल के रूप में, मुझे एक दिन में तीन खुफिया रिपोर्टें मिलती थीं, जिनमें से प्रत्येक में एक आतंकवादी हमले का विवरण होता था जो मुझ पर या प्रतिष्ठान पर हो सकता था। मुझे सेना द्वारा चेतावनी दी गई थी कि मैं सड़क मार्ग से यात्रा न करूं बल्कि हेलिकॉप्टर आदि से यात्रा करूं। ऐसी एक भी खुफिया रिपोर्ट नहीं थी कि सेना के काफिले पर हमला किया जा सकता है, ” उन्होंने कहा।
मलिक ने कहा कि 2024 में भी कुछ इसी तरह की योजना बनाई जा सकती है। उन्होंने कहा, ‘वे एक प्रमुख भाजपा नेता की हत्या कर सकते हैं या राम मंदिर पर बम फिंकवा सकते हैं। अजीत डोभाल (राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार) आजकल संयुक्त अरब अमीरात का दौरा क्यों कर रहे हैं? वे वहां के शासकों से समर्थन जुटा रहे हैं कि वे पाकिस्तानियों पर दबाव डालें कि जब हमारी सेना पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में घुसे तो वे जवाबी कार्रवाई न करें। वे कुछ दिन वहां रुकेंगे और वापस आकर चुनाव जीतने की उम्मीद करेंगे। लोगों को पता होना चाहिए कि वे क्या कर रहे हैं।’
दो महीने पहले, हिंदी समाचार पोर्टल, सत्यहिंदी.कॉम ने यह विस्फोटक साक्षात्कार प्रकाशित किया था: 'मोदी सत्ता के लिए कुछ भी कर सकते हैं'
हाल ही में न्यूज़क्लिक और देशबंधु ने भी सत्यपाल मलिक का साक्षात्कार लिया था
प्रशांत टंडन द्वारा जम्मू-कश्मीर, गोवा और मेघालय के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के साथ यह हालिया साक्षात्कार देशबंधु यूट्यूब चैनल पर 31 जुलाई, 2023, दिल्ली में प्रकाशित किया गया था।
एक के बाद एक इंटरव्यू से यह भी पता चलता है कि 2024 में आम चुनाव से पहले राम मंदिर को निशाना बनाया जा सकता है, मलिक ने यह भी कहा कि ऐसा माहौल बन रहा है कि भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध हो रहा है, किसी बीजेपी नेता की हत्या हो सकती है। उन्होंने दोहराया कि, राज्यपाल के रूप में, उन्हें पुलवामा आतंकवादी हमले के लिए कोई इंटेलिजेंस अलर्ट प्रदान नहीं किया गया था।
साक्षात्कार यहां देखा जा सकता है
जनवरी 2023
इस साल की शुरुआत में, 6 जनवरी, 2023 को, प्रिंट ने एक स्टोरी छापी, "अल-कायदा ने अयोध्या राम मंदिर को ध्वस्त करने की कसम खाई - 'बाबरी मस्जिद को मूर्तियों के स्थान पर फिर से बनाया जाएगा' - एक वरिष्ठ खुफिया अधिकारी के अनुसार, गजवा-ए-हिंद के नवीनतम अंक में अल कायदा की धमकियों की भाषा -भारतीय परिवेश से परिचित जिहादियों द्वारा लिखी गयी थी।
अप्रैल 2023
21 अप्रैल, 2023 को लाइवमिंट में यह स्टोरी थी, अल-कायदा ने अतीक अहमद की हत्या पर भारत पर हमले की धमकी दी: आतंकवादी संगठन अल-कायदा और उसके भारतीय समकक्ष अल-कायदा इन इंडियन सबकॉन्टिनेंट (AQIS) ने अतीक अहमद की हत्या पर भारत पर हमले की धमकी दी है। उत्तर प्रदेश में लाइव टेलीविजन पर गैंगस्टर-राजनेता अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ की 15 अप्रैल को हत्या कर दी गई थी। यह वारदात उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में एक अस्पताल के बाहर लाइव टेलीविज़न पर समाचार कैमरों में कैद हुई थी। ईद-उल-फितर की पूर्व संध्या पर, आतंकवादी समूह ने एक संदेश पोस्ट किया, जिसमें बदला लेने की धमकी दी गई और अतीक और उसके भाई अशरफ को 'शहीद' कहा गया।
यह संदेश संगठन की प्रचार मीडिया शाखा अस-साहब द्वारा जारी सात पन्नों की पत्रिका में जारी किया गया था। इसने भारतीय मुसलमानों को 'आजाद' करने का भी वादा किया। संदेश में AQIS ने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या पर रोष जताया और उन्हें "शहीद" कहकर उनकी प्रशंसा की।
मई 2023
एटीएस, गुजरात ने अल कायदा मॉड्यूल केस में तीन और लोगों को गिरफ्तार किया
एटीएस के मुताबिक, मुन्ना और अज़हरुल को यूपी पुलिस की मदद से उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से पकड़ा गया।
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