बिहार प्रदेश के कई ज़िलों में छात्रों और युवाओं ने ‘एकजुटता मार्च’ निकाला जिसके तहत ‘महिला पहलवानों को न्याय दो’ के नारे के साथ भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के आरोपी अध्यक्ष के पुतले भी जलाए गए।
देश के कई जाने माने पहलवानों द्वारा भारतीय जनता पार्टी के संसद और भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के अध्यक्ष की गिरफ्तारी और उन्हें उनके पद से हटाये जाने की मांग को लेकर आंदोलन निरंतर जारी है। राजधानी दिल्ली स्थित जंतर-मंतर पर धरना दे रहीं महिला पहलवानों को समर्थन देने वालों की तादाद लगातार बढ़ती जा रही है।
प्रमुख वामपंथी युवा संगठन इंकलाबी नौजवान सभा (इनौस) ने आंदोलनकारी महिला पहलवानों के समर्थन में राष्ट्रव्यापी अभियान चला रखा है जिसके तहत देश के कई राज्यों में छात्र-युवा सड़कों पर एकजुटता-मार्च निकालकर भाजपा सांसद और कुश्ती संघ के अध्यक्ष के मामले के साथ-साथ पूरे मामले पर चुप्पी साधने के आरोपों पर देश के प्रधानमंत्री के ख़िलाफ़ आक्रोश प्रदर्शित कर रहें हैं।
इनौस के देशव्यापी अभियान के तहत बिहार में छात्र-युवाओं द्वारा प्रायः हर दिन राज्य के किसी न किसी इलाके में कार्यक्रम संगठित किया जा रहा है।
1 मई को बिहार के अरवल में छात्र-युवाओं ने महिला पहलवानों के समर्थन में ‘एकजुटता मार्च’ निकाला। इस मार्च के तहत कुश्ती खिलाड़ियों के साथ कथित तौर पर यौन उत्पीड़न करने वाले संघ के अध्यक्ष व भाजपा सांसद को अविलंब गिरफ्तार कर जेल भेजने तथा उन्हें अध्यक्ष पद से बर्खास्त करने की मांग की गई। इसके अलावा, जंतर-मंतर पर आंदोलनकारी महिला पहलवानों को केंद्र के इशारे पर दिल्ली पुलिस द्वारा प्रताड़ित करने के आरोपों पर केंद्र की सरकार की कड़ी आलोचन करते हुए विरोध प्रदर्शन किया गया।
अभियान का नेतृत्व कर रहे युवा नेताओं ने भाजपा सरकार के ख़िलाफ़ आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा, "अपने अद्भुत खेल कौशल से दुनिया में देश का परचम लहराने वाली महिला पहलवान आज ‘न्याय के लिए’ जंतर-मंतर पर बैठीं दर-दर की ठोकरें खा रहीं हैं। लेकिन “बेटी बचाओ” का नारा लगाने वाली भाजपा सरकार यौन शोषण के आरोपी सांसद को दिल्ली पुलिस के साथ मिलकर बचाने में लगी हुई है, इससे शर्मनाक और क्या हो सकता है। अपने दोषी भाजपा सांसद को गिरफ्तार और पद से बर्खास्त नहीं किए जाने के मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व उनकी सरकार की सुनियोजित चुप्पी से पूरी दुनिया में देश शर्मसार हो रहा है।”
30 अप्रैल को इनौस के नेतृत्व में बिहार प्रदेश के कई ज़िलों में छात्रों और युवाओं ने ‘एकजुटता मार्च’ निकाला जिसके तहत दरभंगा, सिवान, चंपारण, भोजपुर, बेगुसराय व मुजफ्फरपुर-समस्तीपुर समेत कई ज़िलों में मार्च संगठित किया गया। कई स्थानों पर ‘महिला पहलवानों को न्याय दो’ के नारे के साथ कुश्ती संघ के आरोपी अध्यक्ष के पुतले भी जलाए गए।
इसके अलावा नरेंद्र मोदी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा गया कि "यह मामला भी खुलकर साबित कर रहा है कि कैसे भाजपा आज देश में दुराचारियों को बचाने व खुलकर संरक्षण देने वाली राजनैतिक पार्टी बन गई है जो आये दिन अपने विरोधियों पर फ़र्ज़ी मुक़दमे-मामले गढ़कर ईडी-सीबीआई-एनआईए जैसी संस्थाओं से छापे डलवाकर गिरफ्तारियां करवा रही है लेकिन देश की नामी महिला पहलवानों तक की फ़रियाद नहीं सुन रही है।"
दूसरी ओर, अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन-आइसा-इनौस के संयुक्त नेतृत्व में भी राजधानी पटना से लेकर राज्य के कई हिस्सों में प्रतिवाद कार्यक्रमों का सिलसिला जारी है।
पटना में आयोजित अभियान का नेतृत्व करते हुए ऐपवा की राष्ट्रीय महासचिव व सीपीआई (एम.एल.) पोलित ब्यूरो सदस्य मीना तिवारी तथा बिहार ऐपवा सचिव व पार्टी पोलित ब्यूरो सदस्य शशि यादव ने अपने बयानों में मोदी सरकार पर ‘महिला विरोधी और बलात्कारी संरक्षक रवैये’ का आरोप लगाया।
बुद्ध स्मृति पार्क स्थल पर आयोजित राज्यव्यापी प्रतिवाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उक्त वक्ताओं ने कहा कि, "एक ओर, देश व समाज में महिलाओं की आगे बढ़ी सक्रियता को रोकने के लिए “संघ परिवार रचित महिला विरोधी धर्म कोड” लागू कराने की कवायद जारी है। संघ व भाजपा संचालित पत्र-पत्रिकाओं व विशेष पर्चों के माध्यम से हिंदू पुरुषों को महिलाओं पर पूरी कड़ाई के साथ अंकुश लगाने के निर्देश जारी किए जा रहें हैं। “लव जिहाद” जैसा फ़र्ज़ी 'हौव्वा' खड़ाकर हिंदू महिलाओं को कड़े नीति-नियम लागू करने को कहा जा रहा है - कि वे क्या पहनें और किससे बात करें अथवा किस प्रकार का संबंध-संवाद बनाएं।
तो वहीं दूसरी ओर, नाबालिग कुश्ती खिलाड़ी से कथित यौन उत्पीड़न करने वाले संघ के अध्यक्ष व अपने सांसद और दुराचारियों की रक्षा में पूरी मोदी सरकार और मंत्री-नेतागण खुलकर उतर जा रहें हैं। गुजरात की “बिल्किस बानो मामले” के दोषी और सज़ायाफ़्ता अपराधियों को खुद भाजपा की सरकार पूरे सम्मान के साथ रिहा कर उनका भव्य नागरिक अभिनंदन कर रही है।"
उक्त घटनाओं का हवाला देते हुए महिला नेताओं ने देश के लोगों व विशेषकर महिलाओं से अपील की कि, "समय रहते महिला विरोधी-फासीवादी भाजपा सरकार को यदि सत्ता और समाज से बाहर नहीं किया गया तो देश की महिलाएं कभी भी सुरक्षित और सम्मानित नहीं रह सकेंगी।"
इसके अलावा झारखंड की राजधानी रांची व कई अन्य इलाकों में महिला व छात्र-युवा संगठनों द्वारा आंदोलनकारी महिला पहलवानों के समर्थन में अभियान चलाए जाने की सूचना है।
इन अभियानों और मार्च के माध्यम से ये घोषणा की जा रही है कि "जब तक देश की महिला पहलवानों का आंदोलन जारी रहेगा, उनके समर्थन में ‘एकजुटता अभियान’ भी लगातार जारी रहेगा।"
हैरानी है कि बिहार और झारखंड में बात-बात पर वहां की गैर-भाजपा राज्य सरकारों के ख़िलाफ़ हर दिन एक से बढ़कर एक बयान देने वाले भाजपा नेता-प्रवक्ताओं की भी बोलती इस मामले पर बंद है।
Courtsy: NewsClick
देश के कई जाने माने पहलवानों द्वारा भारतीय जनता पार्टी के संसद और भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के अध्यक्ष की गिरफ्तारी और उन्हें उनके पद से हटाये जाने की मांग को लेकर आंदोलन निरंतर जारी है। राजधानी दिल्ली स्थित जंतर-मंतर पर धरना दे रहीं महिला पहलवानों को समर्थन देने वालों की तादाद लगातार बढ़ती जा रही है।
प्रमुख वामपंथी युवा संगठन इंकलाबी नौजवान सभा (इनौस) ने आंदोलनकारी महिला पहलवानों के समर्थन में राष्ट्रव्यापी अभियान चला रखा है जिसके तहत देश के कई राज्यों में छात्र-युवा सड़कों पर एकजुटता-मार्च निकालकर भाजपा सांसद और कुश्ती संघ के अध्यक्ष के मामले के साथ-साथ पूरे मामले पर चुप्पी साधने के आरोपों पर देश के प्रधानमंत्री के ख़िलाफ़ आक्रोश प्रदर्शित कर रहें हैं।
इनौस के देशव्यापी अभियान के तहत बिहार में छात्र-युवाओं द्वारा प्रायः हर दिन राज्य के किसी न किसी इलाके में कार्यक्रम संगठित किया जा रहा है।
1 मई को बिहार के अरवल में छात्र-युवाओं ने महिला पहलवानों के समर्थन में ‘एकजुटता मार्च’ निकाला। इस मार्च के तहत कुश्ती खिलाड़ियों के साथ कथित तौर पर यौन उत्पीड़न करने वाले संघ के अध्यक्ष व भाजपा सांसद को अविलंब गिरफ्तार कर जेल भेजने तथा उन्हें अध्यक्ष पद से बर्खास्त करने की मांग की गई। इसके अलावा, जंतर-मंतर पर आंदोलनकारी महिला पहलवानों को केंद्र के इशारे पर दिल्ली पुलिस द्वारा प्रताड़ित करने के आरोपों पर केंद्र की सरकार की कड़ी आलोचन करते हुए विरोध प्रदर्शन किया गया।
अभियान का नेतृत्व कर रहे युवा नेताओं ने भाजपा सरकार के ख़िलाफ़ आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा, "अपने अद्भुत खेल कौशल से दुनिया में देश का परचम लहराने वाली महिला पहलवान आज ‘न्याय के लिए’ जंतर-मंतर पर बैठीं दर-दर की ठोकरें खा रहीं हैं। लेकिन “बेटी बचाओ” का नारा लगाने वाली भाजपा सरकार यौन शोषण के आरोपी सांसद को दिल्ली पुलिस के साथ मिलकर बचाने में लगी हुई है, इससे शर्मनाक और क्या हो सकता है। अपने दोषी भाजपा सांसद को गिरफ्तार और पद से बर्खास्त नहीं किए जाने के मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व उनकी सरकार की सुनियोजित चुप्पी से पूरी दुनिया में देश शर्मसार हो रहा है।”
30 अप्रैल को इनौस के नेतृत्व में बिहार प्रदेश के कई ज़िलों में छात्रों और युवाओं ने ‘एकजुटता मार्च’ निकाला जिसके तहत दरभंगा, सिवान, चंपारण, भोजपुर, बेगुसराय व मुजफ्फरपुर-समस्तीपुर समेत कई ज़िलों में मार्च संगठित किया गया। कई स्थानों पर ‘महिला पहलवानों को न्याय दो’ के नारे के साथ कुश्ती संघ के आरोपी अध्यक्ष के पुतले भी जलाए गए।
इसके अलावा नरेंद्र मोदी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा गया कि "यह मामला भी खुलकर साबित कर रहा है कि कैसे भाजपा आज देश में दुराचारियों को बचाने व खुलकर संरक्षण देने वाली राजनैतिक पार्टी बन गई है जो आये दिन अपने विरोधियों पर फ़र्ज़ी मुक़दमे-मामले गढ़कर ईडी-सीबीआई-एनआईए जैसी संस्थाओं से छापे डलवाकर गिरफ्तारियां करवा रही है लेकिन देश की नामी महिला पहलवानों तक की फ़रियाद नहीं सुन रही है।"
दूसरी ओर, अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन-आइसा-इनौस के संयुक्त नेतृत्व में भी राजधानी पटना से लेकर राज्य के कई हिस्सों में प्रतिवाद कार्यक्रमों का सिलसिला जारी है।
पटना में आयोजित अभियान का नेतृत्व करते हुए ऐपवा की राष्ट्रीय महासचिव व सीपीआई (एम.एल.) पोलित ब्यूरो सदस्य मीना तिवारी तथा बिहार ऐपवा सचिव व पार्टी पोलित ब्यूरो सदस्य शशि यादव ने अपने बयानों में मोदी सरकार पर ‘महिला विरोधी और बलात्कारी संरक्षक रवैये’ का आरोप लगाया।
बुद्ध स्मृति पार्क स्थल पर आयोजित राज्यव्यापी प्रतिवाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उक्त वक्ताओं ने कहा कि, "एक ओर, देश व समाज में महिलाओं की आगे बढ़ी सक्रियता को रोकने के लिए “संघ परिवार रचित महिला विरोधी धर्म कोड” लागू कराने की कवायद जारी है। संघ व भाजपा संचालित पत्र-पत्रिकाओं व विशेष पर्चों के माध्यम से हिंदू पुरुषों को महिलाओं पर पूरी कड़ाई के साथ अंकुश लगाने के निर्देश जारी किए जा रहें हैं। “लव जिहाद” जैसा फ़र्ज़ी 'हौव्वा' खड़ाकर हिंदू महिलाओं को कड़े नीति-नियम लागू करने को कहा जा रहा है - कि वे क्या पहनें और किससे बात करें अथवा किस प्रकार का संबंध-संवाद बनाएं।
तो वहीं दूसरी ओर, नाबालिग कुश्ती खिलाड़ी से कथित यौन उत्पीड़न करने वाले संघ के अध्यक्ष व अपने सांसद और दुराचारियों की रक्षा में पूरी मोदी सरकार और मंत्री-नेतागण खुलकर उतर जा रहें हैं। गुजरात की “बिल्किस बानो मामले” के दोषी और सज़ायाफ़्ता अपराधियों को खुद भाजपा की सरकार पूरे सम्मान के साथ रिहा कर उनका भव्य नागरिक अभिनंदन कर रही है।"
उक्त घटनाओं का हवाला देते हुए महिला नेताओं ने देश के लोगों व विशेषकर महिलाओं से अपील की कि, "समय रहते महिला विरोधी-फासीवादी भाजपा सरकार को यदि सत्ता और समाज से बाहर नहीं किया गया तो देश की महिलाएं कभी भी सुरक्षित और सम्मानित नहीं रह सकेंगी।"
इसके अलावा झारखंड की राजधानी रांची व कई अन्य इलाकों में महिला व छात्र-युवा संगठनों द्वारा आंदोलनकारी महिला पहलवानों के समर्थन में अभियान चलाए जाने की सूचना है।
इन अभियानों और मार्च के माध्यम से ये घोषणा की जा रही है कि "जब तक देश की महिला पहलवानों का आंदोलन जारी रहेगा, उनके समर्थन में ‘एकजुटता अभियान’ भी लगातार जारी रहेगा।"
हैरानी है कि बिहार और झारखंड में बात-बात पर वहां की गैर-भाजपा राज्य सरकारों के ख़िलाफ़ हर दिन एक से बढ़कर एक बयान देने वाले भाजपा नेता-प्रवक्ताओं की भी बोलती इस मामले पर बंद है।
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