प्रधानमंत्री, नेता प्रतिपक्ष, CJI की समिति की सिफारिश पर राष्ट्रपति करेंगे CEC, EC की नियुक्ति: SC

Written by sabrang india | Published on: March 2, 2023
न्यायमूर्ति के. एम. जोसेफ की अध्यक्षता वाली पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने एक सर्वसम्मत फैसले में कहा कि यह नियम, संसद द्वारा इस मुद्दे पर कानून बनाए जाने तक कायम रहेगा।


फ़ोटो साभार: PTI

उच्चतम न्यायालय की संविधान पीठ ने बृहस्पतिवार को व्यवस्था दी कि प्रधानमंत्री, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) की समिति की सिफारिश पर निर्वाचन आयुक्तों (ईसी) और मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाए।

न्यायमूर्ति के. एम. जोसेफ की अध्यक्षता वाली पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने एक सर्वसम्मत फैसले में कहा कि यह नियम, संसद द्वारा इस मुद्दे पर कानून बनाए जाने तक कायम रहेगा।

शीर्ष अदालत ने कहा कि अगर नेता प्रतिपक्ष मौजूद नहीं हैं तो लोकसभा में सबसे बड़े विपक्षी दल के नेता को निर्वाचन आयुक्तों और मुख्य निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति संबंधी समिति में शामिल किया जाएगा।

संविधान पीठ ने कहा कि लोकतंत्र नाजुक है और कानून के शासन पर बयानबाजी इसके लिए नुकसानदेह हो सकती है।

पीठ ने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) स्वतंत्र व निष्पक्ष तरीके से काम करने के लिए बाध्य है, उसे संवैधानिक ढांचे के भीतर कार्य करना चाहिए।

उच्चतम न्यायालय ने सर्वसम्मत फैसले में चुनाव प्रक्रियाओं में निष्पक्षता सुनिश्चित करने पर जोर देते हुए कहा कि लोकतंत्र लोगों की इच्छा से जुड़ा है।

पीठ में न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी, न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस, न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय और न्यायमूर्ति सीटी रविकुमार भी शामिल हैं। पीठ ने पिछले साल 24 नवंबर को इस मुद्दे पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

शीर्ष अदालत ने पूर्व नौकरशाह अरुण गोयल को निर्वाचन आयुक्त नियुक्त करने में केंद्र द्वारा दिखाई गई ‘‘जल्दबाजी’’ पर सवाल उठाते हुए कहा था कि उनकी फाइल 24 घंटे में विभागों से ‘‘बिजली की गति’’ से पास हो गयी थी।

(न्यूज़ एजेंसी भाषा इनपुट के साथ)

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