सूत्रों ने NDTV को बताया कि बजरंग दल के लोगों द्वारा मारे गए मुस्लिम पुरुषों को हरियाणा के फिरोजपुर झिरका के निकटतम पुलिस स्टेशन ले जाया गया, वे उस समय तक जीवित थे।
भिवानी में दो मुस्लिम युवकों की नृशंस हत्या के आरोपियों ने चौंकाने वाले दावे किए हैं, एनडीटीवी की एक विशेष रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी गई है। एक दिन पहले 17 फरवरी को गिरफ्तार किए गए एक टैक्सी ड्राइवर और गौ रक्षक गिरोह के सदस्य रिंकू सैनी ने कथित तौर पर जांचकर्ताओं को बताया कि वे पीड़ितों को हरियाणा के फिरोजपुर झिरका के निकटतम पुलिस स्टेशन में ले गए, उस समय तक वे जीवित थे, सूत्रों ने कहा।
पुलिस सूत्रों ने NDTV को बताया कि राजस्थान के दो मुस्लिम पुरुष, जो इस हफ्ते की शुरुआत में हरियाणा में जले हुए पाए गए थे, माना जा रहा है कि उनपर गौ रक्षकों ने हमला किया था और उन्हें जीवित अवस्था में पुलिस के पास ले जाया गया था। यह नया सनसनीखेज खुलासा सूत्रों के हवाले से हुआ है। राजस्थान पुलिस के सूत्रों ने NDTV को बताया है कि 25 वर्षीय नासिर और 35 वर्षीय जुनैद उर्फ जूना, दोनों पर हरियाणा के नूंह में बुधवार रात गायों की तस्करी के संदेह में चार लोगों के एक समूह ने हमला किया था। इन लोगों ने उनके साथ मारपीट की जिसमें वे गंभीर रूप से घायल हो गए।
सूत्रों ने कहा कि एक दिन पहले गिरफ्तार किए गए टैक्सी चालक और गौरक्षक समूह के सदस्य रिंकू सैनी ने जांचकर्ताओं को बताया कि वे दोनों पीड़ितों को हरियाणा के फिरोजपुर झिरका के नजदीकी पुलिस थाने ले गए थे।
फिर क्या हुआ?
राजस्थान पुलिस के सूत्रों ने स्पष्ट रूप से कहा है कि सैनी और उसका समूह चाहता था कि हरियाणा पुलिस गाय तस्करी के आरोप में जुनैद और नासिर को गिरफ्तार करे, लेकिन दो अधमरे लोगों की स्थिति को देखते हुए, स्टेशन में मौजूद पुलिसकर्मियों ने हड़बड़ी में उन्हें जाने के लिए कहा। हरियाणा पुलिस ने अभी तक इस गंभीर आरोप का जवाब नहीं दिया है- नृशंस हमले के पीछे अपराधियों को पकड़ने में उसकी विफलता अपनी कहानी खुद बयां करती है।
कुछ ही देर बाद जुनैद और नासिर की चोटों के कारण मौत हो गई। सूत्रों ने कहा कि गौ रक्षकों के भयभीत समूह ने शवों को ठिकाने लगाने के तरीकों पर विचार करने के लिए अपने सहयोगियों से संपर्क किया।
अंत में गौरक्षक उनकी बोलेरो एसयूवी और दोनों शवों को 200 किमी दूर भिवानी ले जाने का फैसला करते हैं। पुलिस सूत्रों ने बताया कि गुरुवार की सुबह वाहन समेत दोनों शवों को पेट्रोल डालकर आग के हवाले कर दिया गया। सैनी के मुताबिक, उन्हें उम्मीद थी कि अगर वे दोनों के शव और गाड़ी को अपराध स्थल से बहुत दूर ले जाकर जलाएंगे तो कोई उन तक पहुंच नहीं पाएगा। हालांकि जुनैद और नासिर की पहचान बोलेरो के चेसिस नंबर से हुई।
राजस्थान पुलिस के सूत्रों के अनुसार, और जैसा कि एनडीटीवी द्वारा बताया गया है, बजरंग दल के मोनू मानेसर - पीड़ित परिवारों द्वारा नामित मुख्य संदिग्धों में से एक, अपहरण में शामिल नहीं था। हालाँकि, वह अपहरणकर्ताओं के संपर्क में था और रास्ते में उनकी मदद करता था। अब इतनी बेरहमी से जान गंवाने के बाद पुलिस की कई टीमें बाकी हत्यारों की तलाश में जुटी हुई हैं। पीड़ित परिवारों ने सैनी और मोनू मानेसर के अलावा तीन अन्य - अनिल, श्रीकांत और लोकेश सिंगला को नामजद किया है।
जबकि हरियाणा के अधिकारी मोनू मानेसर के शस्त्र लाइसेंस को रद्द करने की प्रक्रिया के लिए आगे बढ़े हैं, जो फरार है, उसके राजनीतिक संबंधों के बारे में सवाल उठाए गए हैं क्योंकि राज्य की सत्तारूढ़ भाजपा के शीर्ष नेताओं के साथ उसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर प्रसारित हो रही हैं।
इस बीच, पोलित ब्यूरो सदस्य बृंदा करात सहित माकपा के वरिष्ठ सदस्यों के एक प्रतिनिधिमंडल ने उस गांव का दौरा किया जहां दोनों युवकों के परिवार के सदस्य रहते हैं। माकपा ने निष्पक्ष और त्वरित जांच, प्रति परिवार 50 लाख रुपये मृत्यु मुआवजा और मृतक के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग की है।
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भिवानी में दो मुस्लिम युवकों की नृशंस हत्या के आरोपियों ने चौंकाने वाले दावे किए हैं, एनडीटीवी की एक विशेष रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी गई है। एक दिन पहले 17 फरवरी को गिरफ्तार किए गए एक टैक्सी ड्राइवर और गौ रक्षक गिरोह के सदस्य रिंकू सैनी ने कथित तौर पर जांचकर्ताओं को बताया कि वे पीड़ितों को हरियाणा के फिरोजपुर झिरका के निकटतम पुलिस स्टेशन में ले गए, उस समय तक वे जीवित थे, सूत्रों ने कहा।
पुलिस सूत्रों ने NDTV को बताया कि राजस्थान के दो मुस्लिम पुरुष, जो इस हफ्ते की शुरुआत में हरियाणा में जले हुए पाए गए थे, माना जा रहा है कि उनपर गौ रक्षकों ने हमला किया था और उन्हें जीवित अवस्था में पुलिस के पास ले जाया गया था। यह नया सनसनीखेज खुलासा सूत्रों के हवाले से हुआ है। राजस्थान पुलिस के सूत्रों ने NDTV को बताया है कि 25 वर्षीय नासिर और 35 वर्षीय जुनैद उर्फ जूना, दोनों पर हरियाणा के नूंह में बुधवार रात गायों की तस्करी के संदेह में चार लोगों के एक समूह ने हमला किया था। इन लोगों ने उनके साथ मारपीट की जिसमें वे गंभीर रूप से घायल हो गए।
सूत्रों ने कहा कि एक दिन पहले गिरफ्तार किए गए टैक्सी चालक और गौरक्षक समूह के सदस्य रिंकू सैनी ने जांचकर्ताओं को बताया कि वे दोनों पीड़ितों को हरियाणा के फिरोजपुर झिरका के नजदीकी पुलिस थाने ले गए थे।
फिर क्या हुआ?
राजस्थान पुलिस के सूत्रों ने स्पष्ट रूप से कहा है कि सैनी और उसका समूह चाहता था कि हरियाणा पुलिस गाय तस्करी के आरोप में जुनैद और नासिर को गिरफ्तार करे, लेकिन दो अधमरे लोगों की स्थिति को देखते हुए, स्टेशन में मौजूद पुलिसकर्मियों ने हड़बड़ी में उन्हें जाने के लिए कहा। हरियाणा पुलिस ने अभी तक इस गंभीर आरोप का जवाब नहीं दिया है- नृशंस हमले के पीछे अपराधियों को पकड़ने में उसकी विफलता अपनी कहानी खुद बयां करती है।
कुछ ही देर बाद जुनैद और नासिर की चोटों के कारण मौत हो गई। सूत्रों ने कहा कि गौ रक्षकों के भयभीत समूह ने शवों को ठिकाने लगाने के तरीकों पर विचार करने के लिए अपने सहयोगियों से संपर्क किया।
अंत में गौरक्षक उनकी बोलेरो एसयूवी और दोनों शवों को 200 किमी दूर भिवानी ले जाने का फैसला करते हैं। पुलिस सूत्रों ने बताया कि गुरुवार की सुबह वाहन समेत दोनों शवों को पेट्रोल डालकर आग के हवाले कर दिया गया। सैनी के मुताबिक, उन्हें उम्मीद थी कि अगर वे दोनों के शव और गाड़ी को अपराध स्थल से बहुत दूर ले जाकर जलाएंगे तो कोई उन तक पहुंच नहीं पाएगा। हालांकि जुनैद और नासिर की पहचान बोलेरो के चेसिस नंबर से हुई।
राजस्थान पुलिस के सूत्रों के अनुसार, और जैसा कि एनडीटीवी द्वारा बताया गया है, बजरंग दल के मोनू मानेसर - पीड़ित परिवारों द्वारा नामित मुख्य संदिग्धों में से एक, अपहरण में शामिल नहीं था। हालाँकि, वह अपहरणकर्ताओं के संपर्क में था और रास्ते में उनकी मदद करता था। अब इतनी बेरहमी से जान गंवाने के बाद पुलिस की कई टीमें बाकी हत्यारों की तलाश में जुटी हुई हैं। पीड़ित परिवारों ने सैनी और मोनू मानेसर के अलावा तीन अन्य - अनिल, श्रीकांत और लोकेश सिंगला को नामजद किया है।
जबकि हरियाणा के अधिकारी मोनू मानेसर के शस्त्र लाइसेंस को रद्द करने की प्रक्रिया के लिए आगे बढ़े हैं, जो फरार है, उसके राजनीतिक संबंधों के बारे में सवाल उठाए गए हैं क्योंकि राज्य की सत्तारूढ़ भाजपा के शीर्ष नेताओं के साथ उसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर प्रसारित हो रही हैं।
इस बीच, पोलित ब्यूरो सदस्य बृंदा करात सहित माकपा के वरिष्ठ सदस्यों के एक प्रतिनिधिमंडल ने उस गांव का दौरा किया जहां दोनों युवकों के परिवार के सदस्य रहते हैं। माकपा ने निष्पक्ष और त्वरित जांच, प्रति परिवार 50 लाख रुपये मृत्यु मुआवजा और मृतक के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग की है।
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