पूर्वी दिल्ली में विवादास्पद पोस्टर की तस्वीर वायरल। पुलिस अँधेरे में
दिल्ली का उत्तरी पूर्वी जिला जिसका एक मोहल्ला ब्रह्मपुरी अभी एक पोस्टर के कारण सुर्खियों में है. ब्रह्मपुरी गली नंबर-13 दिल्ली-53. में यह पोस्टर चिपकाया गया, जिसके बाद से यह सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है. इस पोस्टर में एक व्यक्ति के हवाले से वह सभी बातें कही गयी हैं जो बेहद आपत्तिजनक हैं.
आइये पहले पोस्टर में लिखी बातों को जान लें.
दिल्ली का उत्तरी पूर्वी जिला जिसका एक मोहल्ला ब्रह्मपुरी अभी एक पोस्टर के कारण सुर्खियों में है. ब्रह्मपुरी गली नंबर-13 दिल्ली-53. में यह पोस्टर चिपकाया गया, जिसके बाद से यह सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है. इस पोस्टर में एक व्यक्ति के हवाले से वह सभी बातें कही गयी हैं जो बेहद आपत्तिजनक हैं.
आइये पहले पोस्टर में लिखी बातों को जान लें.
ब्रह्मपुरी क्षेत्र के सभी हिन्दू मकान मालिकों को सूचित किया जाता है कि अपना मकान कोई भी मुसलमान को नहीं बेचेगा, बेचने के बाद गली निवासी रजिस्ट्री नहीं होने देंगे,
जिसके लिए वह आगे स्वंय जिम्मेदार रहेगा, कोई भी सौदा भविष्य में हिन्दू पार्टियों को किया जायगा.
निवेदन कर्ता :
प्रदीप शर्मा (अधिवक्ता), गली नंबर 13, ब्रह्मपुरी दिल्ली- 53.
जब हमारे संवाददाता ने स्थानीय निवासियों से बात करने की कोशिश की, तो लोग कुछ भी बोलने से डर रहे थे. यहां स्थिति अब शांत है लेकिन लोग इस मामले पर चर्चा करने से हिचकिचा रहे हैं. पूरे इलाके में खामोशी है, सड़कें सुनसान हैं. जबकि मुस्लिम दुकानदारों का कहना था कि उनकी दुकानें तीन दिन से बंद हैं और उन्हें कुछ जानकारी नहीं है. यहां माहौल ऐसा था जैसे कुछ हुआ हो लेकिन वे कोई बात नहीं करना चाहते.
यह क्षेत्र 23 से 26 फरवरी 2020 में उत्तरी पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों की जद में रहा था. हलांकि ब्रह्मपुरी में किसी तरह की जान या माल की हानि तो नहीं पहुंची थी लेकिन, ब्रह्मपुरी से विपरीत सड़क की दूसरी तरफ मौजूद मोहल्ले जैसे चौहान बांगर, जाफराबाद, और ब्रह्मपुरी से बाईं तरफ सटे घोंडा और उसके बाद भजनपुरा क्षेत्र में बहुत हिंसा देखी गयी थी. तभी से यह सभी इलाके संवेदनशील बने हुए हैं.
स्थानीय लोगों की मानें तो मामला अब शांत है. लोग इसपर बात करने से भी बच रहे हैं. स्थानीय लोगों के पास इस घटना को लेकर अलग-अलग राय एवं सूचनाए हैं. हमने स्थानीय निवासियों से इस मुद्दे को समझने की कोशिश की जहां इस घटनाक्रम को लेकर अलग-अलग तरह की बात सामने निकल कर आयी जिसमें ब्रह्मपुरी गली नंबर 13 के एक स्थानीय निवासी ने हमें बताया कि “यह दो दिन पहले की बात है गली में ऐसे पोस्टर पाए गए, गली में मौजूद मतीन मस्जिद के इमाम ने पुलिस में शिकायत दर्ज की और मामले की गंभीरता देखते हुए उस्मानपुर थाना अध्यक्ष और ACP मौके पर पहुंचे और आरोपी प्रदीप शर्मा को पकड़ कर अपने साथ ले गये.
ब्रह्मपुरी मेंसुनसान पड़ी गली।
स्थानीय निवासियों ने इस बात की पुष्टि की है कि पोस्टर में दर्ज नाम वाला व्यक्ति गली नंबर 13 , ब्रह्मपुरी का ही निवासी है. खुद को पेशे से वकील बताता है. स्थानीय लोगों से पूछने पर कि क्या वह व्यक्ति गिरफ्तार कर लिया गया है? या उनका किसी राजनैतिक पार्टी से सम्बन्ध है? इसपर भी स्थानीय लोगों ने अलग-अलग बात कही जैसे कि ब्रह्मपुरी गली नंबर 13 में सिलाई की दुकान चला रहे व्यक्ति ने बताया कि “वो आदमी फरार है. पुलिस आई थी और गली से cctv फुटेज भी निकाल के ले गयी है. बाकि वह क्या करता है हमें नहीं पता.”
जबकि ब्रह्मपुरी गली नंबर 02 के निवासी के अनुसार “प्रदीप शर्मा पुलिस की गिरफ्त में है. स्थानीय निवासियों के अनुसार एक पक्ष यह भी है कि चूँकि इस गली की सामाजिक बसावट आधी हिन्दू और आधी मुस्लिम आबादी की है तो दोनों समुदायों ने मिलकर प्रदीप शर्मा के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई और उसे पुलिस के हवाले कर दिया.”
प्रदीप शर्मा से तो हम उनका पक्ष जान नहीं पाए, पर स्थानीय लोगों के अनुसार “प्रदीप शर्मा का यह कहना है कि उनके साथ साजिश हुई है , पोस्टर में उनके नाम का इस्तेमाल किया गया है.”
ज्यादातर लोग घरों में बंद हैं और कुछ भी कहने से बच रहे हैं।
गली के अन्दर अभी ऐसा कोई पोस्टर मौजूद नहीं है. स्थानीय निवासियों ने इस बात की पुष्टि की.
हमने पुलिस प्रशासन से इस घटना के सम्बन्ध में उस्मानपुर पुलिस स्टेशन ASI रामेर से बात की तो उन्होंने बताया, ‘’उन्हें ऐसे पोस्टर लगाये जाने की शिकायत मिली थी, जब हमारे थाना अध्यक्ष और ACP साहब अपनी टीम के साथ ब्रह्मपुरी गली नंबर 13 पर पहुंचे तो हमें वहां पर ऐसा कोई भी पोस्टर नहीं मिला’’.
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