मोहन भागवत के मस्जिद दौरे पर मायावती ने पूछा- क्या मुस्‍ल‍िमों के प्रति RSS का रवैया बदलेगा?

Written by Navnish Kumar | Published on: September 24, 2022
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत के मस्जिद और मदरसे के दौरे से देश का सियासी पारा भी चढ़ गया है। मोहन भागवत ने गुरुवार को दिल्ली की एक मस्जिद में पहुंचकर इमाम व ऑल इंडिया इमाम ऑर्गेनाइजेशन के चीफ डॉ. उमर अहमद इलियासी से मुलाकात की थी। उनके इस कदम (दौरे) ने सियासी सरगर्मियां भी बढ़ा दी हैं। मोहन भागवत के मस्जिद और मदरसे में जाने के सियासी मायने तलाशे जा रहे हैं तो वहीं विरोधी दलों ने इसे लेकर आरएसएस और सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। मोहन भागवत और इमाम इलियासी की मुलाकात पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने पूछा है कि क्या इसके बाद बीजेपी और सरकार का मुस्लिम समाज के प्रति नकारात्मक रवैया कुछ बदलेगा या नहीं?  



ऑल इंडिया इमाम ऑर्गेनाइजेशन के चीफ डॉ. उमर अहमद इलियासी के साथ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत की मुलाकात पर बसपा सुप्रीमो मायावती की यह प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने सवाल किया है कि क्या इसके बाद आरएसएस के रवैये में मुस्लिमों को लेकर कोई बदलाव आएगा? मायावती ने ट्वीट कर सवाल पूछा है कि क्या अब बीजेपी और सरकार का मुस्लिम समाज के प्रति नकारात्मक रुख बदलेगा? 

मायावती ने अपने ट्वीट में कहा, “आरएसएस प्रमुख श्री मोहन भागवत द्वारा कल दिल्ली स्थित मस्जिद/मदरसे में जाकर उलेमाओं से मुलाकात करने और फिर उनसे अपने आपको ‘राष्ट्रपिता’ व ‘राष्ट्र ऋषि’ कहलवाने के बाद क्या बीजेपी व इनकी सरकारों का मुस्लिम समाज व उनके मस्जिद-मदरसों के प्रति नकारात्मक रुख व बर्ताव में बदलाव आएगा?” मायावती ने संघ प्रमुख के मस्जिद दौरे का जिक्र करते हुए सिलसिलेवार ट्वीट किए। उन्होंने कहा, “आरएसएस प्रमुख श्री मोहन भागवत द्वारा कल दिल्ली स्थित मस्जिद/मदरसे में जाकर उलेमा से मुलाकात करने और फिर उनसे अपने आपको ’राष्ट्रपिता’ व ‘राष्ट्र ऋषि’ कहलवाने के बाद क्या भाजपा और उसकी सरकारों का मुस्लिम समाज व मस्जिद-मदरसों के प्रति नकारात्मक रुख व बर्ताव बदलेगा?” 

बसपा अध्यक्ष ने आगे कहा, “यूपी सरकार खुली जगह पर कुछ मिनट अकेले में नमाज पढ़ने की मजबूरी को भी सहन नहीं कर पा रही है और सरकारी मदरसों की उपेक्षा करते हुए निजी मदरसों में भी हस्तक्षेप करने पर उतारू है, लेकिन आरएसएस प्रमुख की इस बारे में गहरी चुप्पी के क्या मायने निकल रहे हैं, इस पर भी वे जरूर गौर करें।” 



दरअसल, भागवत से मुलाकात के बाद इमाम ने आरएसएस प्रमुख को राष्ट्रपति बताया था। दोनों की यह मुलाकात गुरुवार को दिल्ली के कस्तूरबा गांधी मार्ग स्थित मस्जिद में हुई थी। इसके बाद भागवत उत्तरी दिल्ली के आजादपुर की मस्जिद में भी गए थे। यहां उन्होंने बच्चों से बात भी की थी। इस दौरान जब वह बच्चों से संवाद कर रहे थे, तो इमाम इलियासी ने भागवत को राष्ट्रपति बताया था। वहीं, आरएसएस के अधिकारियों का कहना है कि भागवत ने इलयासी को इस पर टोकते हुए कहा था कि राष्ट्रपिता एक ही हैं और हम सब भारत की संतानें हैं।

इसके बाद इलियासी ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा, “वह राष्ट्रपिता हैं। हमने देश को मजबूत करने के लिए कई मुद्दों पर बात की।” वहीं, भागवत ने बच्चों से बात करते हुए देश के बारे में और जानने की जरूरत के बारे में बताया और कहा कि हमारे पूजा करने के तरीके अलग-अलग हो सकते हैं, लेकिन सभी धर्मों का सम्मान करना चाहिए। बता दें कि डॉ. उमर अहमद इलियासी ऑल इंडिया ऑर्गेनाइजेशन के प्रमुख हैं। इस संगठन में 5 लाख से अधिक इमाम हैं।

मुस्लिम समुदाय तक अपनी पहुंच बढ़ाने में जुटे हैं भागवत

गौरतलब है कि भागवत ने मुस्लिम समुदाय तक अपनी पहुंच बढ़ाते हुए बृहस्पतिवार को एक मस्जिद और मदरसे का दौरा किया था। ‘सरसंघचालक’ मध्य दिल्ली के कस्तूरबा गांधी मार्ग स्थित एक मस्जिद में गए और उसके बाद उन्होंने उत्तरी दिल्ली के आजादपुर में मदरसा तजावीदुल कुरान का दौरा किया। यह पहला मौका है, जब सरसंघचालक ने किसी मदरसे का दौरा किया है। 

आरएसएस के एक पदाधिकारी के अनुसार, “ऑल इंडिया इमाम ऑर्गेनाइजेशन के प्रमुख उमर अहमद इलियासी ने मदरसे के बच्चों से बातचीत के दौरान भागवत को ‘राष्ट्रपिता’ बताया। हालांकि, भागवत ने उन्हें तत्काल टोका और कहा कि देश में एक ही राष्ट्रपिता हैं और बाकी सब ‘भारत की संतानें’ हैं। कुछ भी हो लेकिन इस छोटी से मुलाकात से देश का सियासी पारा जरूर चढ़ गया है।

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