पत्रकार और मानवाधिकार एक्टिविस्ट तीस्ता सेतलवाड़ गुजरात की साबरमती जेल में हैं। सबरंग इंडिया उनके पिछले तीस वर्षों के कुछ सबसे प्रभावशाली कार्यों (और शब्दों) को दोहरा रहा है। हम उनके कार्यों व संघर्ष को अपनी स्मृति से भूलना नहीं चाहते। यह संघर्ष है भूलने के खिलाफ, हिंसा की व्हाइट वॉशिंग और क्लीन चिट के खिलाफ।
यह साल 2004 है। तीस्ता सेतलवाड़ को गुजरात नरसंहार के पीड़ितों के लिए न्याय की निरंतर कोशिश के लिए जाना जाता है। उस समय करण थापर बीबीसी के हार्डटॉक के भारतीय संस्करण को होस्ट कर रहे थे। वे इस शो के लिए एक बेबाक होस्ट के तौर पर जाने जाते थे। उस दौरान उन्होंने तीस्ता सेतलवाड़ से संवैधानिक न्याय, बहुसंख्यक और अल्पसंख्यक सांप्रदायिकता, लोकतंत्र और अन्य बातों के अलावा एक स्वतंत्र पुलिस बल की आवश्यकता के बारे में विस्तार से बात की। इस साक्षात्कार में सुना जा सकता है कि तीस्ता इन बातों को किस तरह से नेविगेट करती हैं। लेकिन, हाल के दौर में देखा जाए तो यह साक्षात्कार उन लोगों के लिए उदासीनता पैदा करेगा, जो उस समय को याद करते हैं जब पत्रकारिता विश्वसनीय थी।
यह साल 2004 है। तीस्ता सेतलवाड़ को गुजरात नरसंहार के पीड़ितों के लिए न्याय की निरंतर कोशिश के लिए जाना जाता है। उस समय करण थापर बीबीसी के हार्डटॉक के भारतीय संस्करण को होस्ट कर रहे थे। वे इस शो के लिए एक बेबाक होस्ट के तौर पर जाने जाते थे। उस दौरान उन्होंने तीस्ता सेतलवाड़ से संवैधानिक न्याय, बहुसंख्यक और अल्पसंख्यक सांप्रदायिकता, लोकतंत्र और अन्य बातों के अलावा एक स्वतंत्र पुलिस बल की आवश्यकता के बारे में विस्तार से बात की। इस साक्षात्कार में सुना जा सकता है कि तीस्ता इन बातों को किस तरह से नेविगेट करती हैं। लेकिन, हाल के दौर में देखा जाए तो यह साक्षात्कार उन लोगों के लिए उदासीनता पैदा करेगा, जो उस समय को याद करते हैं जब पत्रकारिता विश्वसनीय थी।