धर्मनिरपेक्षेता के प्रतीक रहे किसान नेता गुलाम मुहम्मद जौला का निधन

Written by sabrang india | Published on: May 18, 2022
प्रसिद्ध किसान नेता गुलाम मुहम्मद जौला का 16 मई, 2022 को हृदय गति रुकने से निधन हो गया। 'अल्लाह-हू-अकबर, हर हर महादेव' का नारा लगाने वाले मुजफ्फरनगर के नेता का 85 साल की उम्र में निधन हो गया।



जौला चार दशकों से अधिक समय से किसानों के संघर्ष का हिस्सा थे और उन्होंने इस क्षेत्र की सांप्रदायिक एकता का हमेशा बचाव किया। वह गन्ने के लाभकारी मूल्य की मांग करते हुए मेरठ क्षेत्र में भारतीय किसान संघ (बीकेयू) के सदस्य के रूप में एक उत्साही नेता के रूप में उभरे। उन्होंने बिजली और पानी के शुल्क में छूट के लिए भी लड़ाई लड़ी।

दरअसल वे किसान नेता महेंद्र सिंह टिकैत के बाएं हाथ माने जाते थे। उनके मार्गदर्शन में बीकेयू राजस्थान और उत्तर प्रदेश में फैला। टिकैत की मृत्यु के एक साल बाद उन्होंने 'किसान मजदूर मंच' बनाने के लिए पार्टी छोड़ दी।

जौला का धर्मनिरपेक्ष संकल्प हमेशा स्पष्ट था। वह 1990 के दशक के दौरान उस समय मुखर थे, जब किसान समुदाय में भी सांप्रदायिक हिंसा भड़क रही थी। बाद में वह 2020 में उस समय राष्ट्रव्यापी किसान आंदोलन में भी शामिल हुए, जब सभी किसान तीन विवादास्पद कृषि कानूनों के खिलाफ एक साथ आए। उन्होंने 5 सितंबर, 2021 को मुजफ्फरनगर में किसान मजदूर संघर्ष रैली में भी हिस्सा लिया था।

उनका स्मृति का सम्मान करते हुए अखिल भारतीय किसान सभा (एआईकेएस) ने कहा, 'एआईकेएस मुजफ्फरनगर के वरिष्ठ किसान नेता के निधन पर दुख व्यक्त करता है और शोक व्यक्त करता है। एआईकेएस उनके शोक संतप्त परिवार के सदस्यों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करता है।'

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