उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के 7वें चरण का मतदान जारी है। इस चरण में आजमगढ़, मऊ, जौनपुर, गाजीपुर, चंदौली, वाराणसी, मिर्जापुर, भदोही और सोनभद्र सहित नौ जिलों की कुल 54 विधानसभा सीटों पर वोट डाले जा रहे हैं। दोपहर 3 बजे तक 46.40 फीसदी मतदान हो चुका है। सुबह 9 बजे तक औसतन 8.58% वोटिंग हुई थी वहीं 11 बजे तक 21.55 प्रतिशत मतदान हुआ था। दोपहर एक बजे तक का वोटिंग प्रतिशत 35.51 रहा। यूपी, पंजाब, गोवा, मणिपुर और उत्तराखंड में सभी जगह मतगणना 10 मार्च को होगी।
प्रधानमंत्री मोदी के लोकसभा क्षेत्र वाराणसी और अखिलेश यादव के लोकसभा क्षेत्र आजमगढ़ में भी आज वोटिंग हो रही है। वाराणसी में पीएम सहित सभी पार्टियों के बड़े नेताओं ने प्रचार किया है जिसके चलते इस चरण में कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। पिछली बार बीजेपी ने वाराणसी में आठों विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज की थी। लेकिन इस बार कुछ मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।
वाराणसी की आठों सीटों पर 3 बजे तक विधानसभा वार मतदान प्रतिशत इस प्रकार दर्ज किया गया-
384 पिण्डरा 44.69%
385 अजगरा 44.03%
386 शिवपुर 46.1%
387 रोहनिया 43.3%
388 वाराणसी उत्तरी 42.52%
389 वाराणसी दक्षिणी 43.63%
390 वाराणसी कैण्ट 40.7%
391 सेवापुरी 46.2%
वाराणसी जनपद का औसत मतदान प्रतिशत 43.76%
7वें फेज में इन हॉट सीटों पर सभी की नजरें लगी हुई है कि क्या बाहुबली की विरासत बचा पाएगा बेटा? काशी में नीलकंठ या महंत, किसे मिलेगा बाबा विश्वनाथ का आशीर्वाद? आदि-आदि, ढेरों सवाल हैं। यूपी में पूर्वांचल के 9 जिलों की 54 सीटों पर वोटिंग चल रही है। इसमें योगी सरकार के 7 मंत्रियों के समेत 613 प्रत्याशी मैदान में हैं। इस फेज में कई ऐसी सीटें हैं जहां लड़ाई सिर्फ हार-जीत के आगे की है। यह सीटें चुनाव की नई परिभाषाएं तय करेंगी। इस फेज में धनजंय सिंह के बाहुबल की तो मुख्तार अंसारी के खिलाफ योगी के बुलडोजर की परीक्षा है। यही नहीं, खुद को अपनी जातियों के रहनुमा कहने वाले ओमप्रकाश राजभर का भी इम्तिहान है? भास्कर की एक रिपोर्ट के मुताबिक इस फेज की 10 हॉट सीटों की स्थिति इस प्रकार है-
1- मऊ में बाहुबली की विरासत बचा पाएगा बेटा?
मऊ सदर से 1996 से 2017 तक बाहुबली मुख्तार अंसारी लगातार 5 बार विधायक चुने गए। इस बार उनका बेटा अब्बास अंसारी सपा-सुभासपा गठबंधन से चुनाव मैदान में है। अब्बास के सामने भाजपा से दिग्गज अशोक सिंह, बसपा से प्रदेश अध्यक्ष भीम राजभर और कांग्रेस से माधवेंद्र सिंह हैं। अब्बास ने हाल ही में 6 महीने अफसरों की ट्रांसफर-पोस्टिंग न करने और हिसाब-किताब करने की बात कही थी। इस पर चुनाव आयोग ने उनके प्रचार करने पर प्रतिबंध लगाया था। मुख्तार बांदा जेल में बंद हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या बेटा अपने पिता की विरासत को बचा पाएगा?
2-वाराणसी दक्षिण में काशी विश्वनाथ बाबा किसे आशीर्वाद देंगे?
नीलकंठ तिवारी योगी सरकार में पर्यटन मंत्री हैं। वाराणसी दक्षिण की सीट में काशी विश्वनाथ धाम है। इस सीट पर 32 साल से भाजपा का कब्जा है। यहां से भाजपा के टिकट पर मौजूदा विधायक और मंत्री नीलकंठ तिवारी को उतारा है। वहीं, सपा ने श्री महामृत्युंजय महादेव मंदिर के महंत कामेश्वर दीक्षित उर्फ किशन दीक्षित को उतारकर मुकाबला दिलचस्प कर दिया है। नीलकंठ का क्षेत्र में न दिखना लोगों की बड़ी नाराजगी है। वीडियो जारी करके नीलकंठ ने इसके लिए माफी मांगी। कहा कि व्यस्तता के कारण लोगों से थोड़ी दूरी रही। गलती के लिए माफी मांगता हूं। कांग्रेस से मुदिता कपूर और बसपा से दिनेश कसौधानी प्रत्याशी हैं।
3-जहूराबाद में राजभर की प्रतिष्ठा दांव पर?
भाजपा से अलग होकर सपा का साथ देने वाले ओमप्रकाश राजभर की प्रतिष्ठा दांव पर है। गाजीपुर की जहूराबाद सीट से सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के मुखिया ओम प्रकाश राजभर मैदान में हैं। भाजपा ने राजभर के खिलाफ कालीचरन राजभर को टिकट दिया है। बसपा ने शादाब फातिमा और कांग्रेस ने ज्ञान प्रकाश को टिकट दिया है। पिछली बार इस सीट पर ओम प्रकाश राजभर ने जीत हासिल की थी। हालांकि, तब वह भाजपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ रहे थे। इस बार सपा के साथ हैं। ऐसे में मुस्लिम, यादव वोटों के साथ ही राजभर वोटों के सहारे अपनी नैया पार लगाने में जुटे हैं। गाजीपुर में पीएम मोदी ने भी सभा की थी। उन्होंने मनोज सिन्हा और कृष्णानंद राय का जिक्र कर जनता से अपना नाता जोड़ा था।
4- जौनपुर में मल्हनी में धनंजय सिंह का बाहुबल दांव पर?
धनंजय सिंह का क्रिकेट खेलते वीडियो सुर्खियों में रहा था। अखिलेश यादव ने उन पर कमेंट किया था। जौनपुर की मल्हनी सीट सपा के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन चुकी है। सपा नेता लकी यादव यहां प्रत्याशी हैं। उनकी सीधी टक्कर जदयू के टिकट पर चुनाव लड़ रहे बाहुबली धनंजय सिंह से है। यादव बहुल सीट पर सपा पूरी ताकत झोंक रही है। अंदाजा लगाइए कि पूरे विधानसभा चुनाव में मुलायम सिंह यादव अपने बेटे अखिलेश यादव की सीट के अतिरिक्त, सिर्फ मल्हनी में ही प्रचार सभा को संबोधित करने के लिए पहुंचे थे। उनके भाई शिवपाल यादव भी यहां आए। सपा के पैर उखाड़ने के लिए भाजपा ने भी कोई कसर नहीं छोड़ी है। पीएम नरेंद्र मोदी, राजनाथ सिंह, अमित शाह और योगी आदित्यनाथ, सभी दिग्गजों ने यहां सभाएं की हैं। बसपा ने शैलेंद्र यादव और कांग्रेस ने पुष्पा शुक्ला को टिकट दिया है।
5- जेल में बंद विजय मिश्र का ज्ञानपुर में अब कितना असर?
भदोही जिले की ज्ञानपुर विधानसभा से आगरा जेल में बंद चार बार से विधायक बाहुबली विजय मिश्रा इस बार प्रगतिशील मानव समाज पार्टी के टिकट पर मैदान में हैं। 2017 में उन्हें निषाद पार्टी ने टिकट दिया था। वहीं, इस बार भाजपा गठबंधन में शामिल निषाद पार्टी से विपुल दुबे को प्रत्याशी बनाया गया है। सपा ने राम किशोर बिंद और बसपा ने उपेंद्र कुमार सिंह को टिकट दिया है। कांग्रेस की तरफ से सुरेश चंद्र मिश्र को प्रत्याशी बनाया गया है। बाहुबली विजय मिश्रा के खिलाफ 22 केस हैं। इस बार वह जेल से ही विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं।
6-वाराणसी की पिंडरा में अजय राय कांग्रेस को जिता पाएंगे?
अजय राय के लिए खुद राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने प्रचार किया था। पिंडरा से इस बार कांग्रेस ने अजय राय को मैदान में उतारा है। अजय की गिनती उत्तर प्रदेश कांग्रेस के बड़े नेताओं में होती है। अजय के खिलाफ भाजपा ने अपने पुराने विधायक अवधेश सिंह को उम्मीदवार बनाया है। सपा गठबंधन से राजेश सिंह और बसपा से बाबूलाल पटेल को प्रत्याशी हैं। बता दें कि 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में अजय राय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव लड़े थे।
7-मोहम्मदाबाद में कृष्णा राय की पत्नी मैदान में
मऊ की सीट से बाहुबली विधायक रहे कृष्णानंद राय की पत्नी और मौजूदा विधायक अलका राय भाजपा से प्रत्याशी हैं। सपा गठबंधन ने सुहेब उर्फ मन्नु अंसारी को टिकट दिया है। मन्नु बाहुबली मुख्तार अंसारी के भाई सिबगतुल्लाह अंसारी के बेटे हैं। सपा ने पहले सिबगतुल्लाह अंसारी को टिकट दिया था, लेकिन बाद में टिकट बदलकर मन्नु को दे दिया। कांग्रेस ने अरविंद किशोर राय को और बसपा ने मध्वेंद्र राय और टिकट दिया है।
8-क्या 9वीं बार आजमगढ़ से विधायक बन पाएंगे दुर्गा?
आजमगढ़ सदर विधानसभा से दुर्गा प्रसाद यादव 8 बार से विधायक हैं। इस बार भी वह सपा के टिकट से चुनाव मैदान में हैं। दुर्गा प्रसाद के सामने भाजपा से अखिलेश मिश्रा उर्फ गुड्डू, बसपा से सुशील सिंह और कांग्रेस से प्रवीण सिंह प्रत्याशी हैं। दुर्गा प्रसाद यादव इस सीट से लगभग 40 वर्षों से विधायक हैं।
9-आजमगढ़ के मुबारकपुर में सबसे अमीर प्रत्याशी मैदान में?
गुड्डू जमाली को मुबारकपुर सीट पर मजबूत कैंडिडेट माना जा रहा है। आजमगढ़ की मुबारकपुर सीट से औवेसी की पार्टी एआईएमआईएम ने मौजूदा विधायक शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली को टिकट दिया है। शाह आलम ने 2017 में बसपा के टिकट पर जीत हासिल की थी। हालांकि, इस बार बसपा ने शाह आलम की जगह अब्दुस्सलाम को प्रत्याशी बनाया है, वहीं कांग्रेस ने परवीन बानो और भाजपा ने अरविंद जायसवाल को टिकट दिया है। शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली नौ जिलों में सबसे अमीर प्रत्याशी हैं। इनके पास 168.48 करोड़ रुपए की संपत्ति है।
10-मऊ की घोसी सीट में दारा सिंह की प्रतिष्ठा दांव पर
भाजपा सरकार में मंत्री रहे दारा सिंह चौहान ने चुनाव से ठीक पहले भाजपा छोड़ दी थी। उन्होंने सपा ज्वाइन कर ली थी। अब सपा के टिकट पर मऊ की घोसी सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। दारा सिंह चौहान के खिलाफ भाजपा ने विजय राजभर को मैदान में उतारा है। वहीं बसपा ने वसीम इकबाल और कांग्रेस ने प्रियंका यादव को टिकट दिया है। 2017 में इस सीट से भाजपा के फागू चौहान जीते थे। 2019 में हुए उप-चुनाव में इस सीट से भाजपा के विजय राजभर जीते थे।
उधर, खास यह भी है कि छठे चरण में 53.31%, पांचवें चरण में 57.32%, चौथे चरण में 57.45%, तीसरे चरण में 48.81% दूसरे चरण में 64% और पहले चरण में 60% मतदान हुआ था।
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वाराणसी की आठों सीटों पर 3 बजे तक विधानसभा वार मतदान प्रतिशत इस प्रकार दर्ज किया गया-
384 पिण्डरा 44.69%
385 अजगरा 44.03%
386 शिवपुर 46.1%
387 रोहनिया 43.3%
388 वाराणसी उत्तरी 42.52%
389 वाराणसी दक्षिणी 43.63%
390 वाराणसी कैण्ट 40.7%
391 सेवापुरी 46.2%
वाराणसी जनपद का औसत मतदान प्रतिशत 43.76%
7वें फेज में इन हॉट सीटों पर सभी की नजरें लगी हुई है कि क्या बाहुबली की विरासत बचा पाएगा बेटा? काशी में नीलकंठ या महंत, किसे मिलेगा बाबा विश्वनाथ का आशीर्वाद? आदि-आदि, ढेरों सवाल हैं। यूपी में पूर्वांचल के 9 जिलों की 54 सीटों पर वोटिंग चल रही है। इसमें योगी सरकार के 7 मंत्रियों के समेत 613 प्रत्याशी मैदान में हैं। इस फेज में कई ऐसी सीटें हैं जहां लड़ाई सिर्फ हार-जीत के आगे की है। यह सीटें चुनाव की नई परिभाषाएं तय करेंगी। इस फेज में धनजंय सिंह के बाहुबल की तो मुख्तार अंसारी के खिलाफ योगी के बुलडोजर की परीक्षा है। यही नहीं, खुद को अपनी जातियों के रहनुमा कहने वाले ओमप्रकाश राजभर का भी इम्तिहान है? भास्कर की एक रिपोर्ट के मुताबिक इस फेज की 10 हॉट सीटों की स्थिति इस प्रकार है-
1- मऊ में बाहुबली की विरासत बचा पाएगा बेटा?
मऊ सदर से 1996 से 2017 तक बाहुबली मुख्तार अंसारी लगातार 5 बार विधायक चुने गए। इस बार उनका बेटा अब्बास अंसारी सपा-सुभासपा गठबंधन से चुनाव मैदान में है। अब्बास के सामने भाजपा से दिग्गज अशोक सिंह, बसपा से प्रदेश अध्यक्ष भीम राजभर और कांग्रेस से माधवेंद्र सिंह हैं। अब्बास ने हाल ही में 6 महीने अफसरों की ट्रांसफर-पोस्टिंग न करने और हिसाब-किताब करने की बात कही थी। इस पर चुनाव आयोग ने उनके प्रचार करने पर प्रतिबंध लगाया था। मुख्तार बांदा जेल में बंद हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या बेटा अपने पिता की विरासत को बचा पाएगा?
2-वाराणसी दक्षिण में काशी विश्वनाथ बाबा किसे आशीर्वाद देंगे?
नीलकंठ तिवारी योगी सरकार में पर्यटन मंत्री हैं। वाराणसी दक्षिण की सीट में काशी विश्वनाथ धाम है। इस सीट पर 32 साल से भाजपा का कब्जा है। यहां से भाजपा के टिकट पर मौजूदा विधायक और मंत्री नीलकंठ तिवारी को उतारा है। वहीं, सपा ने श्री महामृत्युंजय महादेव मंदिर के महंत कामेश्वर दीक्षित उर्फ किशन दीक्षित को उतारकर मुकाबला दिलचस्प कर दिया है। नीलकंठ का क्षेत्र में न दिखना लोगों की बड़ी नाराजगी है। वीडियो जारी करके नीलकंठ ने इसके लिए माफी मांगी। कहा कि व्यस्तता के कारण लोगों से थोड़ी दूरी रही। गलती के लिए माफी मांगता हूं। कांग्रेस से मुदिता कपूर और बसपा से दिनेश कसौधानी प्रत्याशी हैं।
3-जहूराबाद में राजभर की प्रतिष्ठा दांव पर?
भाजपा से अलग होकर सपा का साथ देने वाले ओमप्रकाश राजभर की प्रतिष्ठा दांव पर है। गाजीपुर की जहूराबाद सीट से सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के मुखिया ओम प्रकाश राजभर मैदान में हैं। भाजपा ने राजभर के खिलाफ कालीचरन राजभर को टिकट दिया है। बसपा ने शादाब फातिमा और कांग्रेस ने ज्ञान प्रकाश को टिकट दिया है। पिछली बार इस सीट पर ओम प्रकाश राजभर ने जीत हासिल की थी। हालांकि, तब वह भाजपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ रहे थे। इस बार सपा के साथ हैं। ऐसे में मुस्लिम, यादव वोटों के साथ ही राजभर वोटों के सहारे अपनी नैया पार लगाने में जुटे हैं। गाजीपुर में पीएम मोदी ने भी सभा की थी। उन्होंने मनोज सिन्हा और कृष्णानंद राय का जिक्र कर जनता से अपना नाता जोड़ा था।
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धनंजय सिंह का क्रिकेट खेलते वीडियो सुर्खियों में रहा था। अखिलेश यादव ने उन पर कमेंट किया था। जौनपुर की मल्हनी सीट सपा के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन चुकी है। सपा नेता लकी यादव यहां प्रत्याशी हैं। उनकी सीधी टक्कर जदयू के टिकट पर चुनाव लड़ रहे बाहुबली धनंजय सिंह से है। यादव बहुल सीट पर सपा पूरी ताकत झोंक रही है। अंदाजा लगाइए कि पूरे विधानसभा चुनाव में मुलायम सिंह यादव अपने बेटे अखिलेश यादव की सीट के अतिरिक्त, सिर्फ मल्हनी में ही प्रचार सभा को संबोधित करने के लिए पहुंचे थे। उनके भाई शिवपाल यादव भी यहां आए। सपा के पैर उखाड़ने के लिए भाजपा ने भी कोई कसर नहीं छोड़ी है। पीएम नरेंद्र मोदी, राजनाथ सिंह, अमित शाह और योगी आदित्यनाथ, सभी दिग्गजों ने यहां सभाएं की हैं। बसपा ने शैलेंद्र यादव और कांग्रेस ने पुष्पा शुक्ला को टिकट दिया है।
5- जेल में बंद विजय मिश्र का ज्ञानपुर में अब कितना असर?
भदोही जिले की ज्ञानपुर विधानसभा से आगरा जेल में बंद चार बार से विधायक बाहुबली विजय मिश्रा इस बार प्रगतिशील मानव समाज पार्टी के टिकट पर मैदान में हैं। 2017 में उन्हें निषाद पार्टी ने टिकट दिया था। वहीं, इस बार भाजपा गठबंधन में शामिल निषाद पार्टी से विपुल दुबे को प्रत्याशी बनाया गया है। सपा ने राम किशोर बिंद और बसपा ने उपेंद्र कुमार सिंह को टिकट दिया है। कांग्रेस की तरफ से सुरेश चंद्र मिश्र को प्रत्याशी बनाया गया है। बाहुबली विजय मिश्रा के खिलाफ 22 केस हैं। इस बार वह जेल से ही विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं।
6-वाराणसी की पिंडरा में अजय राय कांग्रेस को जिता पाएंगे?
अजय राय के लिए खुद राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने प्रचार किया था। पिंडरा से इस बार कांग्रेस ने अजय राय को मैदान में उतारा है। अजय की गिनती उत्तर प्रदेश कांग्रेस के बड़े नेताओं में होती है। अजय के खिलाफ भाजपा ने अपने पुराने विधायक अवधेश सिंह को उम्मीदवार बनाया है। सपा गठबंधन से राजेश सिंह और बसपा से बाबूलाल पटेल को प्रत्याशी हैं। बता दें कि 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में अजय राय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव लड़े थे।
7-मोहम्मदाबाद में कृष्णा राय की पत्नी मैदान में
मऊ की सीट से बाहुबली विधायक रहे कृष्णानंद राय की पत्नी और मौजूदा विधायक अलका राय भाजपा से प्रत्याशी हैं। सपा गठबंधन ने सुहेब उर्फ मन्नु अंसारी को टिकट दिया है। मन्नु बाहुबली मुख्तार अंसारी के भाई सिबगतुल्लाह अंसारी के बेटे हैं। सपा ने पहले सिबगतुल्लाह अंसारी को टिकट दिया था, लेकिन बाद में टिकट बदलकर मन्नु को दे दिया। कांग्रेस ने अरविंद किशोर राय को और बसपा ने मध्वेंद्र राय और टिकट दिया है।
8-क्या 9वीं बार आजमगढ़ से विधायक बन पाएंगे दुर्गा?
आजमगढ़ सदर विधानसभा से दुर्गा प्रसाद यादव 8 बार से विधायक हैं। इस बार भी वह सपा के टिकट से चुनाव मैदान में हैं। दुर्गा प्रसाद के सामने भाजपा से अखिलेश मिश्रा उर्फ गुड्डू, बसपा से सुशील सिंह और कांग्रेस से प्रवीण सिंह प्रत्याशी हैं। दुर्गा प्रसाद यादव इस सीट से लगभग 40 वर्षों से विधायक हैं।
9-आजमगढ़ के मुबारकपुर में सबसे अमीर प्रत्याशी मैदान में?
गुड्डू जमाली को मुबारकपुर सीट पर मजबूत कैंडिडेट माना जा रहा है। आजमगढ़ की मुबारकपुर सीट से औवेसी की पार्टी एआईएमआईएम ने मौजूदा विधायक शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली को टिकट दिया है। शाह आलम ने 2017 में बसपा के टिकट पर जीत हासिल की थी। हालांकि, इस बार बसपा ने शाह आलम की जगह अब्दुस्सलाम को प्रत्याशी बनाया है, वहीं कांग्रेस ने परवीन बानो और भाजपा ने अरविंद जायसवाल को टिकट दिया है। शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली नौ जिलों में सबसे अमीर प्रत्याशी हैं। इनके पास 168.48 करोड़ रुपए की संपत्ति है।
10-मऊ की घोसी सीट में दारा सिंह की प्रतिष्ठा दांव पर
भाजपा सरकार में मंत्री रहे दारा सिंह चौहान ने चुनाव से ठीक पहले भाजपा छोड़ दी थी। उन्होंने सपा ज्वाइन कर ली थी। अब सपा के टिकट पर मऊ की घोसी सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। दारा सिंह चौहान के खिलाफ भाजपा ने विजय राजभर को मैदान में उतारा है। वहीं बसपा ने वसीम इकबाल और कांग्रेस ने प्रियंका यादव को टिकट दिया है। 2017 में इस सीट से भाजपा के फागू चौहान जीते थे। 2019 में हुए उप-चुनाव में इस सीट से भाजपा के विजय राजभर जीते थे।
उधर, खास यह भी है कि छठे चरण में 53.31%, पांचवें चरण में 57.32%, चौथे चरण में 57.45%, तीसरे चरण में 48.81% दूसरे चरण में 64% और पहले चरण में 60% मतदान हुआ था।
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