लखनऊ। उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में असोहा इलाके के बबुरहा गांव के बाहर दो किशोरियों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के मामले में पुलिस ने बृहस्पतिवार को अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया है। वहीं, राज्य मानवाधिकार आयोग ने मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए उन्नाव के पुलिस अधीक्षक से दो हफ्ते के अंदर रिपोर्ट मांगी है।
पुलिस ने बताया कि दोनों दलित लड़कियों के शवों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उनकी मौत का कारण स्पष्ट नहीं हो पाया है और उनके शरीर पर चोट का कोई निशान नहीं पाया गया है। हालांकि मृतकाओं के शरीर में ज़हरीला पदार्थ मिलने की पुष्टि हुई है।
पुलिस के अनुसार, असोहा थाना इलाके के बबुरहा गांव में बीती शाम खेतों में घास लेने गयी तीन दलित किशोरियों के खेत पर संदिग्ध अवस्था में मिलने के बाद उन्हें सीएचसी ले जाया गया था, जहां चिकित्सकों ने दो किशोरियों (15 और 14 वर्ष) को मृत घोषित किया था, जबकि तीसरी किशोरी की हालत गंभीर देखकर उसे उन्नाव अस्पताल ले जाया गया और बाद में कानपुर रेफर कर दिया गया।
मृत युवतियां बुआ-भतीजी थीं, उपचाराधीन लड़की चचेरी बहन है। अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने बताया कि परिजन की तहरीर पर अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया है।
क्षेत्रीय पुलिस महानिरीक्षक लक्ष्मी सिंह ने बताया कि पीड़ित परिवार अपनी बेटियों की हत्या किए जाने का आरोप लगा रहा है, लेकिन परिजन किसी व्यक्ति पर आरोप नहीं लगा रहे हैं, लिहाजा उनकी तहरीर पर अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है।
प्रदेश के पुलिस महानिदेशक हितेश चंद्र अवस्थी ने कहा कि दोनों दलित लड़कियों के शव का तीन डॉक्टरों के पैनल ने पोस्टमार्टम किया तथा रिपोर्ट में उनकी मौत का कारण स्पष्ट नहीं हो पाया है और उनके शरीर पर चोट का कोई निशान नहीं पाया गया है। उन्होंने कहा, ‘दोनों की मौत का कारण स्पष्ट नहीं हो पाया है, इसलिए उनका विसरा सुरक्षित कर लिया गया है। हम फॉरेंसिक विशेषज्ञों की मदद ले रहे हैं और मामले की हर कोण से जांच कर रहे हैं।’
पुलिस अधीक्षक कुलकर्णी ने बताया कि घटना में मृत लड़कियों के साथ अचेत पाई गई तीसरी लड़की का कानपुर के अस्पताल में इलाज कर रहे डॉक्टरों ने उसे जहर दिए जाने की आशंका जताई है। उन्होंने कहा कि सारे वैज्ञानिक साक्ष्य संकलित किए जाएंगे और तथ्यों के आधार पर निष्पक्ष एवं प्रभावी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि घटनास्थल पर पहले पहुंचने वाले परिवार के सदस्यों से पूछताछ की जा रही है।
पुलिस ने बताया कि दोनों दलित लड़कियों के शवों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उनकी मौत का कारण स्पष्ट नहीं हो पाया है और उनके शरीर पर चोट का कोई निशान नहीं पाया गया है। हालांकि मृतकाओं के शरीर में ज़हरीला पदार्थ मिलने की पुष्टि हुई है।
पुलिस के अनुसार, असोहा थाना इलाके के बबुरहा गांव में बीती शाम खेतों में घास लेने गयी तीन दलित किशोरियों के खेत पर संदिग्ध अवस्था में मिलने के बाद उन्हें सीएचसी ले जाया गया था, जहां चिकित्सकों ने दो किशोरियों (15 और 14 वर्ष) को मृत घोषित किया था, जबकि तीसरी किशोरी की हालत गंभीर देखकर उसे उन्नाव अस्पताल ले जाया गया और बाद में कानपुर रेफर कर दिया गया।
मृत युवतियां बुआ-भतीजी थीं, उपचाराधीन लड़की चचेरी बहन है। अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने बताया कि परिजन की तहरीर पर अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया है।
क्षेत्रीय पुलिस महानिरीक्षक लक्ष्मी सिंह ने बताया कि पीड़ित परिवार अपनी बेटियों की हत्या किए जाने का आरोप लगा रहा है, लेकिन परिजन किसी व्यक्ति पर आरोप नहीं लगा रहे हैं, लिहाजा उनकी तहरीर पर अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है।
प्रदेश के पुलिस महानिदेशक हितेश चंद्र अवस्थी ने कहा कि दोनों दलित लड़कियों के शव का तीन डॉक्टरों के पैनल ने पोस्टमार्टम किया तथा रिपोर्ट में उनकी मौत का कारण स्पष्ट नहीं हो पाया है और उनके शरीर पर चोट का कोई निशान नहीं पाया गया है। उन्होंने कहा, ‘दोनों की मौत का कारण स्पष्ट नहीं हो पाया है, इसलिए उनका विसरा सुरक्षित कर लिया गया है। हम फॉरेंसिक विशेषज्ञों की मदद ले रहे हैं और मामले की हर कोण से जांच कर रहे हैं।’
पुलिस अधीक्षक कुलकर्णी ने बताया कि घटना में मृत लड़कियों के साथ अचेत पाई गई तीसरी लड़की का कानपुर के अस्पताल में इलाज कर रहे डॉक्टरों ने उसे जहर दिए जाने की आशंका जताई है। उन्होंने कहा कि सारे वैज्ञानिक साक्ष्य संकलित किए जाएंगे और तथ्यों के आधार पर निष्पक्ष एवं प्रभावी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि घटनास्थल पर पहले पहुंचने वाले परिवार के सदस्यों से पूछताछ की जा रही है।