नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने किसान आंदोलनकारियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। इसकी शुरुआत उसने दिल्ली-सहारनपुर हाईवे पर बागपत के पास चल रहे धरने पर लाठीचार्ज के जरिये की है। यह कार्रवाई बुधवार देर रात की गई है। बताया जा रहा है कि किसान सो रहे थे तभी पुलिसकर्मियों का जत्था पहुंचा और उसने भीषण लाठीचार्ज कर दिया और कई किसानों को गिरफ्तार कर लिया। लाठीचार्ज में कई किसान घायल हो गए हैं। गिरफ्तार किसानों को अज्ञात स्थान पर ले जाया गया है।
इस घटना के बाद गाजीपुर बार्डर पर बैठे किसानों के खिलाफ भी कार्रवाई की आशंका बढ़ गयी है। धरना स्थल पर बैठे किसान नेता चंद्रपालसिंह ने बताया कि वहां की बिजली काट दी गयी है साथ ही धरनास्थल के दोनों तरफ के सुरक्षा बैरिकेड्स को भी हटा दिया गया है। एडीएम ने मौके का दौरा किया और कहा कि सीएम ने एक से डेढ़-दिन के भीतर इलाके को खाली करने का निर्देश दिया है। प्रशासन की तरफ से आये इस बयान ने किसानों को परेशान कर दिया है। लिहाजा उन सभी ने आज पूरी रात जगने का फैसला किया है।
आरोप है कि पुलिस कर्मियों ने दिल्ली-सहारनपुर हाईवे पर एक साइड पर बैठे सैकड़ों किसानों से मौके से खदेड़ते हुए टैंट तक उखाड़ फेंक दिए और लाठियां भी फटकारी। मौके पर तनाव को देखते हुए पुलिस फोर्स तैनात कर दी गई है।
बड़ौत में कृषि कानूनों के विरोध में करीब 40 दिन पूर्व खाप चौधरी सुरेन्द्र सिंह के नेतृत्व में धरने की शुरुआत हुई थी। बाद में सुरेन्द्र सिंह धरने से अलग-थलग हो गए थे। सुरेन्द्र सिंह के हटने के बाद दूसरे खापों के चौधरियों ने बेमियादी धरने का नेतृत्व संभाला। धीरे-धीरे कई किसान संगठनों के साथ खाप चौधरी सुरेन्द्र सिंह दुबारा से धरनास्थल पर लौट आए। गत दिवस गणतंत्र दिवस पर बड़ौत धरनास्थल से सैकड़ों किसान ट्रैक्टर रैली में गए थे। दिल्ली की घटना के बाद बुधवार दोपहर तक अधिकांश किसान दिल्ली से अपने-अपने गांव और बेमियादी धरनास्थल पर लौट आए थे।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बुधवार को पूरे दिन एडीएम अमित कुमार सिंह एवं एएसपी मनीष मिश्र ने धरनारत किसानों के साथ धरना समाप्त करने के लिए वार्ता की, लेकिन किसान अपनी मांगों पर अडिग रहे। पुलिस प्रशासनिक अफसर रात 11 बजे भारी पुलिस फोर्स के साथ धरनास्थल पर पहुंचे और किसानों को खदेड़ते हुए धरना खत्म करा दिया। मौके पर एसपी अभिषेक सिंह, एसडीएम दुर्गेश मिश्र, सीओ आलोक सिंह आदि मौजूद थे। मामले में एसपी अभिषेक सिंह कुछ भी बोलने से बच रहे थे।
इस घटना के बाद गाजीपुर बार्डर पर बैठे किसानों के खिलाफ भी कार्रवाई की आशंका बढ़ गयी है। धरना स्थल पर बैठे किसान नेता चंद्रपालसिंह ने बताया कि वहां की बिजली काट दी गयी है साथ ही धरनास्थल के दोनों तरफ के सुरक्षा बैरिकेड्स को भी हटा दिया गया है। एडीएम ने मौके का दौरा किया और कहा कि सीएम ने एक से डेढ़-दिन के भीतर इलाके को खाली करने का निर्देश दिया है। प्रशासन की तरफ से आये इस बयान ने किसानों को परेशान कर दिया है। लिहाजा उन सभी ने आज पूरी रात जगने का फैसला किया है।
आरोप है कि पुलिस कर्मियों ने दिल्ली-सहारनपुर हाईवे पर एक साइड पर बैठे सैकड़ों किसानों से मौके से खदेड़ते हुए टैंट तक उखाड़ फेंक दिए और लाठियां भी फटकारी। मौके पर तनाव को देखते हुए पुलिस फोर्स तैनात कर दी गई है।
बड़ौत में कृषि कानूनों के विरोध में करीब 40 दिन पूर्व खाप चौधरी सुरेन्द्र सिंह के नेतृत्व में धरने की शुरुआत हुई थी। बाद में सुरेन्द्र सिंह धरने से अलग-थलग हो गए थे। सुरेन्द्र सिंह के हटने के बाद दूसरे खापों के चौधरियों ने बेमियादी धरने का नेतृत्व संभाला। धीरे-धीरे कई किसान संगठनों के साथ खाप चौधरी सुरेन्द्र सिंह दुबारा से धरनास्थल पर लौट आए। गत दिवस गणतंत्र दिवस पर बड़ौत धरनास्थल से सैकड़ों किसान ट्रैक्टर रैली में गए थे। दिल्ली की घटना के बाद बुधवार दोपहर तक अधिकांश किसान दिल्ली से अपने-अपने गांव और बेमियादी धरनास्थल पर लौट आए थे।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बुधवार को पूरे दिन एडीएम अमित कुमार सिंह एवं एएसपी मनीष मिश्र ने धरनारत किसानों के साथ धरना समाप्त करने के लिए वार्ता की, लेकिन किसान अपनी मांगों पर अडिग रहे। पुलिस प्रशासनिक अफसर रात 11 बजे भारी पुलिस फोर्स के साथ धरनास्थल पर पहुंचे और किसानों को खदेड़ते हुए धरना खत्म करा दिया। मौके पर एसपी अभिषेक सिंह, एसडीएम दुर्गेश मिश्र, सीओ आलोक सिंह आदि मौजूद थे। मामले में एसपी अभिषेक सिंह कुछ भी बोलने से बच रहे थे।