डॉ. कफील पर तीन महीने के लिए बढ़ी रासुका

Written by Sabrangindia Staff | Published on: August 24, 2020
एएमयू में कथित तौर पर भड़काऊ भाषण देने के आरोपी बनाए गए डॉ. कफील खान पर रासुका तीन महीने तक के लिए बढ़ा दी गई है। वह पिछले छह महीने से राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत मथुरा जेल में बंद हैं।



चार अगस्त को गृह विभाग के अनु सचिव विनय कुमार के दस्तखत से जारी एक आदेश में कहा गया है कि राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम 1980 की धारा 3 (2) के तहत कफील खान को 13 फरवरी 2020 को अलीगढ़ जिला मजिस्ट्रेट के आदेश पर निरुद्ध किया गया है। इससे पहले छह मई को रासुका के तहत तीन महीने और जेल में रखे जाने के आदेश दिए थे। 

प्रदेश सरकार ने जिला अधिकारी चंद्रभूषण सिंह से प्राप्त आख्या पर विचार करने के बाद राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने अधिनियम की धारा 12 (1) के तहत अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए डॉक्टर कफील को निरुद्ध रखने की अवधि को तीन महीने और बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। यानी अब वह 13 नवंबर तक जेल में रहेंगे।

आदेश से क्षुब्ध कफील की पत्नी डॉक्टर शबिस्ता खान ने एक वीडियो सोशल मीडिया पर जारी करते हुए कहा कि उनके पति को किस जुर्म की सजा दी जा रही है। जब कफील पर रासुका के तहत कार्रवाई की गई थी तब भी उनका सरकार से यही सवाल था कि आखिर इस कार्रवाई का आधार क्या है? वह डॉक्टर जिसने मुश्किल वक्त में जगह-जगह देश के लोगों की सेवा की हो, उससे देश को क्या खतरा हो सकता है? उन्होंने कहा कि आज भी मेरा यही सवाल है कि कफील पर रासुका क्यों लगाया गया है।

डॉक्टर कफील खान अगस्त 2017 में गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में कथित रूप से ऑक्सीजन की कमी के कारण बड़ी संख्या में बच्चों की मौत के प्रकरण से चर्चा में आए थे। उस वक्त संबंधित वार्ड के नोडल अफसर रहे कफील को लापरवाही के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया था। कफील को पिछले साल एएमयू में संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ कथित तौर पर भड़काऊ भाषण देने के आरोप में जनवरी में गिरफ्तार किया गया था। उसके बाद फरवरी में उन पर रासुका के तहत कार्रवाई की गई थी।

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