जयपुर। पिछले दिनों अमेरिका में जॉर्ज फ्लॉयड नाम के अश्वेत की गर्दन पर एक श्वेत पुलिसवाला नौ मिनट तक बैठा रहा, जिससे फ्लॉयड की मौत हो गई। ऐसी ही घटना राजस्थान के जोधपुर में हुई है, हालांकि इसमें व्यक्ति की मौत नहीं हुई। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

सोशल मीडिया पर जोधपुर पुलिस द्वारा एक व्यक्ति की गर्दन दबोचने वाला वीडियो जोधपुर का है, जिसमें पुलिसकर्मी एक व्यक्ति को बिना मास्क पहने घूमने के चलते जमीन पर पटकता है, फिर उसकी गर्दन को अपने घुटनों से दबाता है। हालांकि यह घटना अमेरिका से थोड़ा अलग इसलिए है, क्योंकि जोधपुर में पुलिस ने व्यक्ति के हिंसक होने के बाद ऐसी हरकत की।
जोधपुर वाली घटना में बताया जा रहा है कि मुकेश कुमार प्रजापत मानसिक रूप से बीमार है और पुलिस के सामने आने के बाद वह हिंसक हो गया था। गौरतलब है कि इससे पहले अमेरिका के मिनियापोलिस में एक दुकान के बाहर पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद 46 वर्षीय अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड की गर्दन पुलिसकर्मी ने बुरी तरह दबोची थी, जिसमें उसकी मौत हो गई थी। फुटेज में एक पुलिस अधिकारी, डेरेक चौविन को दिखाया गया था, जो फ्लॉयड की गर्दन पर कई मिनट तक घुटने रखे रहा, जिससे सांस न ले पाने के कारण फ्लॉयड की मौत हो गई। इसका पूरे अमेरिका में विरोध हुआ।
हालांकि, जोधपुर की घटना में मुकेश कुमार प्रजापत के रूप में शामिल व्यक्ति की मौत नहीं हुई, बल्कि वह पुलिसकर्मी से लड़ने लगा। जोधपुर के पुलिस अधिकारियों ने पुष्टि की कि वीडियो शहर में गुरुवार 4 जून को शूट किया गया था। जब बिना मास्क पहने सड़कों पर घूमने के कारण पुलिस ने उस आदमी के खिलाफ चालान जारी करना चाहा तो उसने पुलिस को चकमा दिया।
वीडियो में एक पुलिस वाले को उसकी गर्दन को अपने घुटने से दबाते हुए दिखाया गया है, जबकि दो अन्य पुलिस जवान उसके पैरों को पकड़े हुए हैं। इस दौरान हाथापाई होने पर भारी भीड़ जमा हो गई। इस मामले में देव नगर पुलिस स्टेशन के एसएचओ सोमकरन ने कहा कि पुलिस प्रजापत को चालान जारी कर रही थी, क्योंकि उसने उन पर हमला किया और उनकी वर्दी फाड़ दी। प्रजापत के खिलाफ प्रताप नगर पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई है। उसे अब अदालत में पेश किया जाएगा।

सोशल मीडिया पर जोधपुर पुलिस द्वारा एक व्यक्ति की गर्दन दबोचने वाला वीडियो जोधपुर का है, जिसमें पुलिसकर्मी एक व्यक्ति को बिना मास्क पहने घूमने के चलते जमीन पर पटकता है, फिर उसकी गर्दन को अपने घुटनों से दबाता है। हालांकि यह घटना अमेरिका से थोड़ा अलग इसलिए है, क्योंकि जोधपुर में पुलिस ने व्यक्ति के हिंसक होने के बाद ऐसी हरकत की।
जोधपुर वाली घटना में बताया जा रहा है कि मुकेश कुमार प्रजापत मानसिक रूप से बीमार है और पुलिस के सामने आने के बाद वह हिंसक हो गया था। गौरतलब है कि इससे पहले अमेरिका के मिनियापोलिस में एक दुकान के बाहर पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद 46 वर्षीय अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड की गर्दन पुलिसकर्मी ने बुरी तरह दबोची थी, जिसमें उसकी मौत हो गई थी। फुटेज में एक पुलिस अधिकारी, डेरेक चौविन को दिखाया गया था, जो फ्लॉयड की गर्दन पर कई मिनट तक घुटने रखे रहा, जिससे सांस न ले पाने के कारण फ्लॉयड की मौत हो गई। इसका पूरे अमेरिका में विरोध हुआ।
हालांकि, जोधपुर की घटना में मुकेश कुमार प्रजापत के रूप में शामिल व्यक्ति की मौत नहीं हुई, बल्कि वह पुलिसकर्मी से लड़ने लगा। जोधपुर के पुलिस अधिकारियों ने पुष्टि की कि वीडियो शहर में गुरुवार 4 जून को शूट किया गया था। जब बिना मास्क पहने सड़कों पर घूमने के कारण पुलिस ने उस आदमी के खिलाफ चालान जारी करना चाहा तो उसने पुलिस को चकमा दिया।
वीडियो में एक पुलिस वाले को उसकी गर्दन को अपने घुटने से दबाते हुए दिखाया गया है, जबकि दो अन्य पुलिस जवान उसके पैरों को पकड़े हुए हैं। इस दौरान हाथापाई होने पर भारी भीड़ जमा हो गई। इस मामले में देव नगर पुलिस स्टेशन के एसएचओ सोमकरन ने कहा कि पुलिस प्रजापत को चालान जारी कर रही थी, क्योंकि उसने उन पर हमला किया और उनकी वर्दी फाड़ दी। प्रजापत के खिलाफ प्रताप नगर पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई है। उसे अब अदालत में पेश किया जाएगा।