इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) लंबे समय से संदिग्ध रही है। विपक्षी पार्टियां इस पर सवाल उठाती रही हैं। कांग्रेस राज में बीजेपी भी इसमें छेड़छाड़ की संभावना के आरोप लगाती रही है। लेकिन अब वह इसे पूरी तरह सुरक्षित बताती आ रही है जबकि एक वक्त था जब खुद भाजपा के कई दिग्गज नेता ईवीएम के विरोध में मजबूती से खड़े थे। यहां तक कि पार्टी के मौजूदा प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हा राव ने तो ईवीएम से छेड़छाड़ को लेकर पूरी एक किताब ‘डेमोक्रेसी एट रिस्क: कैन वी ट्रस्ट ऑर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन’ भी लिख डाली। इस किताब की प्रस्तावना लाल कृष्ण आडवाणी ने लिखी थी। दिल्ली चुनाव के बाद ईवीएम फिर से चर्चा में आ गई है।
दिल्ली में मतदान समाप्त होने के करीब 24 घंटे बाद चुनाव आयोग ने रविवार (9 फरवरी, 2020) शाम को घोषणा की कि विधानसभा चुनाव में अंतिम मतदान प्रतिशत 62.59 रहा जो 2015 के आंकड़े से पांच फीसदी कम है। आम आदमी पार्टी ने इस आंकड़े को जारी करने में हुई देरी पर सवाल उठाया है।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी रणबीर सिंह ने कहा, हालांकि अंतिम मतदान प्रतिशत के आंकड़े की घोषणा में कोई असामान्य देरी नहीं हुई है, क्योंकि चुनाव अधिकारी इसकी सटीकता सुनिश्चित करने के लिए रात भर डेटा की जांच में जुटे रहे थे।
दिल्ली विधानसभा की 70 सीटों के लिए शनिवार को मतदान संपन्न होने के बाद चुनाव अधिकारियों ने कहा था कि 61.46 फीसद मतदान हुआ जिसमें संशोधन भी संभव है। लेकिन जब रविवार चार बजे तक चुनाव आयोग से मतदान प्रतिशत के बारे में कोई बयान नहीं आया तब आप प्रमुख व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा कि यह ‘पूरी तरह चौंकाने वाला’ है कि चुनाव आयोग अंतिम मतदान प्रतिशत की घोषणा नहीं कर रहा है।
उन्होंने लिखा, ‘ईसी क्या कर रहा है? वह मतदान के कई घंटे बाद भी चुनाव मत प्रतिशत आंकड़े क्यों नहीं जारी कर रहा है?’ आम आदमी पार्टी (आप) ने कहा कि यह देरी संदेह पैदा करती है और सवाल किया कि क्या चुनाव आयोग भाजपा की मंजूरी का इंतजार कर रहा है।
इसी बीच पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त वाई एस कुरैशी ने तंज कसते हुए कहा कि ईसीआई प्रवक्ता को वोटिंग के आंकड़े प्रामाणिक और अंतिम रूप में बताए जाने चाहिए। दरअसल उन्होंने ईसी प्रवक्ता के उस ट्वीट पर निशाना साधा जिसमें उन्होंने शानिवार को कहा कि 61.46 फीसदी मतदान हुआ, जिसमें बदलाव की संभावना है।
दिल्ली में मतदान समाप्त होने के करीब 24 घंटे बाद चुनाव आयोग ने रविवार (9 फरवरी, 2020) शाम को घोषणा की कि विधानसभा चुनाव में अंतिम मतदान प्रतिशत 62.59 रहा जो 2015 के आंकड़े से पांच फीसदी कम है। आम आदमी पार्टी ने इस आंकड़े को जारी करने में हुई देरी पर सवाल उठाया है।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी रणबीर सिंह ने कहा, हालांकि अंतिम मतदान प्रतिशत के आंकड़े की घोषणा में कोई असामान्य देरी नहीं हुई है, क्योंकि चुनाव अधिकारी इसकी सटीकता सुनिश्चित करने के लिए रात भर डेटा की जांच में जुटे रहे थे।
दिल्ली विधानसभा की 70 सीटों के लिए शनिवार को मतदान संपन्न होने के बाद चुनाव अधिकारियों ने कहा था कि 61.46 फीसद मतदान हुआ जिसमें संशोधन भी संभव है। लेकिन जब रविवार चार बजे तक चुनाव आयोग से मतदान प्रतिशत के बारे में कोई बयान नहीं आया तब आप प्रमुख व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा कि यह ‘पूरी तरह चौंकाने वाला’ है कि चुनाव आयोग अंतिम मतदान प्रतिशत की घोषणा नहीं कर रहा है।
उन्होंने लिखा, ‘ईसी क्या कर रहा है? वह मतदान के कई घंटे बाद भी चुनाव मत प्रतिशत आंकड़े क्यों नहीं जारी कर रहा है?’ आम आदमी पार्टी (आप) ने कहा कि यह देरी संदेह पैदा करती है और सवाल किया कि क्या चुनाव आयोग भाजपा की मंजूरी का इंतजार कर रहा है।
इसी बीच पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त वाई एस कुरैशी ने तंज कसते हुए कहा कि ईसीआई प्रवक्ता को वोटिंग के आंकड़े प्रामाणिक और अंतिम रूप में बताए जाने चाहिए। दरअसल उन्होंने ईसी प्रवक्ता के उस ट्वीट पर निशाना साधा जिसमें उन्होंने शानिवार को कहा कि 61.46 फीसदी मतदान हुआ, जिसमें बदलाव की संभावना है।