योगी आदित्यनाथ के काफिले के सामने से गाय हटाने की ड्यूटी पर लगाए गए इंजीनियर

Written by Sabrangindia Staff | Published on: January 29, 2020
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को बिजनौर में गंगा यात्रा का शुभारंभ किया। पांच दिवसीय गंगा यात्रा में केन्द्र सरकार के आठ मंत्री और जिलों के प्रभारी मंत्री शामिल होंगे। गंगा यात्रा दो मार्गों से निकाली जाएगी। यात्रा बिजनौर से कानपुर तक और बलिया से कानपुर तक निकाली जाएगी। पांच दिन चलने वाली गंगा यात्रा में इसके रास्ते में पड़ने वाले सभी 27 जिलों के प्रभारी मंत्री भी मौजूद रहेंगे। इसी बीच मिर्जापुर से खबर है कि लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता कार्यालय की ओर से एक आदेश जारी करके 9 इंजीनियरों की ड्यूटी सीएम योगी के संभावित दौरे के दौरान लगाई गई है। इस ड्यूटी के दौरान उन्हें आवारा पशुओं की पकड़ने की जिम्मेदारी दी गई है। यह ड्यूटी चर्चाओं में बनी हुई है।



जारी किए गए आदेश में कहा गया है, '27-01-2020 से 31-02-2020 तक होने वाली प्रस्तावित गंगा यात्रा में हिस्सा लेने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दौरे की संभावना है। इसको ध्यान में रखते हुए पुलिस लाइन मिर्जापुर से बिरोही तक अवर अभियंता की ड्यूटी लगाई जाती है।' साथ ही कहा गया है कि ये अवर अभियंता अपनी गैंग के साथ 29 जनवरी को 8-10 रस्सियां लेकर वहां पहुंचे। अगर आवारा पशु सड़क पर आएं तो उनका बांध कर रखें। ताकि मुख्यमंत्री के आवागमन में कोई दिक्कत ना हो। वहीं मीडिया में खबरें आने के बाद मिर्जापुर के डीएम ने सफाई देते हुए कहा कि यह आदेश गलती से जारी हो गया था।

बता दें, सीएम योगी ने इसकी शुरुआत करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार की तरह दिल्ली सरकार भी कर्तव्य का निर्वहन करती तो यमुना भी उतनी निर्मल हो जाती जितनी कानपुर मे गंगा। मुख्यमंत्री ने गंगा पूजन के बाद एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जब 2014 में काशी चुनाव लड़ने गए थे तो उन्होंने कहा था कि मुझे मां गंगा ने बुलाया है। उन्होंने गंगा को स्वच्छ करने के लिए अपना वादा निभाते हुए नमामि गंगे परियोजना बनाई जिसकी वजह से कानपुर मे भी गंगा निर्मल हो गयी। उन्होंने कहा कि कानपुर में सीवेज का इतना गंदा पानी गिरता था कि पानी में ऑक्सीजन स्तर बहुत कम हो गया था और इससे वहां जलीय जीवों का अस्तित्व ही नहीं रहा था। 

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