नई दिल्ली। दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने तिहाड़ जेल के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे जेल में बंद भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद का अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में इलाज कराएं। कोर्ट ने कहा कि यह राज्य का कर्तव्य है कि वह व्यक्ति के जीवन को संरक्षित (बचाए) करे, चाहे कोई व्यक्ति जेल के अंदर हो या जेल के बाहर।
बता दें कि आजाद Polycythemia नामक बीमारी से पीड़ित हैं। आजाद को पुरानी दिल्ली के दरियागंज इलाके में संशोधित नागरिकता कानून के विरोध में प्रदर्शन के दौरान हिंसा के संबंध में गिरफ्तार किया गया है। मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अरुल वर्मा ने आजाद की याचिका पर सुनवाई करते हुए उनके पॉलीसाईथेमिया का समुचित उपचार एम्स में कराने का निर्देश दिया जहां पहले भी उनका उपचार हुआ था।
जेल अधिकारियों ने मेडिकल रिपोर्ट के लिए मांगा समय
आजाद की ओर से पेश हुए वकील महमूद प्राचा ने बताया कि बुधवार को कुछ देर चली सुनवाई के दौरान राष्ट्रीय राजधानी के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में इलाज कराने के अनुरोध वाली उनकी याचिका के जवाब में जेल अधिकारियों ने आजाद की मेडिकल रिपोर्ट जमा करने के लिए अदालत से समय देने का अनुरोध किया था।
आवेदन में दावा किया गया कि चंद्रशेखर को खून के गाढ़ा होने की समस्या है। इसमें कहा गया कि एम्स के डॉक्टरों से इसकी नियमित जांच की जरूरत है, जो लंबे समय से उनका इलाज कर रहे हैं। आवेदन में कहा गया है कि अगर तुरंत इलाज नहीं दिया गया, तो चंद्रशेखर को कार्डिएक अरेस्ट हो सकता है।
बता दें कि आजाद Polycythemia नामक बीमारी से पीड़ित हैं। आजाद को पुरानी दिल्ली के दरियागंज इलाके में संशोधित नागरिकता कानून के विरोध में प्रदर्शन के दौरान हिंसा के संबंध में गिरफ्तार किया गया है। मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अरुल वर्मा ने आजाद की याचिका पर सुनवाई करते हुए उनके पॉलीसाईथेमिया का समुचित उपचार एम्स में कराने का निर्देश दिया जहां पहले भी उनका उपचार हुआ था।
जेल अधिकारियों ने मेडिकल रिपोर्ट के लिए मांगा समय
आजाद की ओर से पेश हुए वकील महमूद प्राचा ने बताया कि बुधवार को कुछ देर चली सुनवाई के दौरान राष्ट्रीय राजधानी के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में इलाज कराने के अनुरोध वाली उनकी याचिका के जवाब में जेल अधिकारियों ने आजाद की मेडिकल रिपोर्ट जमा करने के लिए अदालत से समय देने का अनुरोध किया था।
आवेदन में दावा किया गया कि चंद्रशेखर को खून के गाढ़ा होने की समस्या है। इसमें कहा गया कि एम्स के डॉक्टरों से इसकी नियमित जांच की जरूरत है, जो लंबे समय से उनका इलाज कर रहे हैं। आवेदन में कहा गया है कि अगर तुरंत इलाज नहीं दिया गया, तो चंद्रशेखर को कार्डिएक अरेस्ट हो सकता है।