आरे में पेड़ों की कटाई पर बैन बरकरार रहेगा: सुप्रीम कोर्ट

Written by sabrang india | Published on: November 18, 2019
नई दिल्ली: मुंबई के आरे में पेड़ काटे जाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल यथास्थिति बरकरार रखने का फैसला दिया है। 15 नवंबर को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि फिलहाल मेट्रो कारशेड का निर्माण कार्य चलता रहेगा, लेकिन पेड़ काटने पर रोक का अंतरिम आदेश जारी रहेगा। 



कोर्ट ने बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) से मुंबई के प्रमुख हरित इलाके में काटे गए पेड़ों और नए लगाए गए पेड़ों के संबंध में एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा था। हरित कार्यकर्ता और स्थानीय निवासी पेड़ों की कटाई का विरोध कर रहे हैं। विरोध करने वालों में फिल्मी हस्तियों से लेकर छात्र भी शामिल हैं। सभी को एक ही चिंता है कि उनका भविष्य बगैर ऑक्सीजन के कैसा होगा। 

इस पर मुंबई नगर निगम की ओर से मुकुल रोहतगी ने बताया कि पेड़ों की कटाई और पौधे लगाने व उनके बचने की संभावना समेत विस्तृत ब्योरा अदालत को सौंपा गया। कोर्ट को इससे जुड़े तस्वीर भी उपलब्ध करवाए गए। वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि अब तक 20900 पौधे लगाए जा चुके हैं।

वहीं दूसरी तरफ याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि बड़े स्तर पर निर्माण का कार्य किया जा रहा है। अदालत से निर्माण कार्य को रोकने की अपील की गई। आपको बता दें कि बॉम्बे हाइकोर्ट ने इससे पहले आरे को जंगल घोषित करने से इनकार कर दिया था। इस आदेश के बाद ही बीएमसी ने बगैर किसी को मौका दिए रात में ही पेड़ कटवा दिए थे। इस पर पर्यावरणविदों व स्थानीय लोगों ने रात में ही मौका स्थल पर पहुंचकर पेड़ काटने का विरोध किया था।

गौरतलब है कि मेट्रो निर्माण के लिए आरे में भारी पैमाने पर पेड़ों की कटाई की जानी थी और शुरू करा दी गई थी। जिसके बाद देश भर में इसके विरोध में आवाज उठने लगी थी। बाद में अदालत ने पेड़ काटने पर रोक लगा दी थी। सुप्रीम कोर्ट में अब इस मामले पर 16 दिसंबर को सुनवाई होगी। आरे के जंगल को मुंबई के फेफड़े कहा जाता है लेकिन सरकार इसे हर हाल में बर्बाद करने पर तुली है। 


 

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