नई दिल्ली। हिंदू महासभा के पूर्व नेता और हिंदू समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमलेश तिवारी की शुक्रवार को दो बदमाशों ने लखनऊ में हत्या कर दी। दोनों बदमाश भगवा कपड़े पहने हुए थे और मिठाई के डिब्बे में पिस्टल व चाकू छिपाकर लाए थे। दोनों नाका स्थित खुर्शेदबाग की तंग गलियों में स्थित कमलेश के घर पहुंचे। फिलहाल आरोपी पुलिस की पकड़ से दूर हैं।
कमलेश तिवारी की हत्या को लेकर कई मोड़ आ रहे हैं। यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने कमलेश तिवारी के परिवार को बुलाकर उनसे मुलाकात की। सीएम योगी से मुलाकात के बाद कमलेश तिवारी की मां असंतुष्ट दिखाई दीं और उन्होंने कहा कि दबाव के चलते मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात हुई। उन्होंने कहा कि पुलिसवाले बार-बार दबाव डाल रहे थे और हमें जबरदस्ती लखनऊ लाया गया। मुख्यमंत्री योगी से मुलाकात के बाद उन्होंने कहा कि मैं संतुष्ट नहीं हूं।
कमलेश तिवारी की मां ने कहा कि हिंदू धर्म में 13 दिन तक कहीं नहीं जाते लेकिन हमें जबरदस्ती सीतापुर से लखनऊ लाया गया। कमलेश की मां कुसुम तिवारी ने यह भी कहा कि अगर इंसाफ नहीं मिला तो हम तलवार उठाएंगे। कुसुम तिवारी ने योगी सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए परिवार के लिए सुरक्षा की मांग की है। उनका कहना है कि अखिलेश सरकार के दौरान कमलेश तिवारी को ज्यादा सुरक्षा दी गई थी जबकि योगी सरकार के आने के बाद से ये सुरक्षा कम कर दी गई है।
कमलेश तिवारी की मां ने लिया था योगी और बीजेपी का नाम
इस मामले में मुस्लिम एंगल सामने आने के बाद कमलेश तिवारी की मां के आरोपों को नजरअंदाज किया जा रहा है। कमलेश तिवारी की मां ने हत्या के बाद ही कहा था कि ''योगी मेरे बेटे से जलता था, बीजेपी के लोगों ने ही उसकी हत्या कराई है।'' वे कई बार अपनी बात दोहरा चुकी हैं। इस बीच पुलिस ने गुजरात में कमलेश तिवारी की हत्या की साजिश रचे जाने की बात कही है। इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है।
यूपी डीजीपी ने किया कमलेश तिवारी की हत्या की गुत्थी सुलझाने का दावा
उत्तर प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह लखनऊ में हुए कमलेश तिवारी की हत्या की गुत्थी सुलझाने का दावा कर रहे हैं। डीजीपी के मुताबिक कमलेश तिवारी की हत्या की साजिश सूरत में रची गई थी। इसमें छह लोग शामिल थे। इनमें से तीन आरोपियों मोहसिन शेख, फैजान और रशीद अहमद को शनिवार को गिरफ्तार कर लिया गया। लेकिन वहीं दूसरी ओर कमलेश तिवारी की मां ने महमूदाबाद निवासी एक भाजपा नेता पर बेटे की हत्या करने का आरोप लगाया है। उन्होंने बताया कि आरोपी नेता पहले सपा में थे। पिछले चुनाव में वह भाजपा में शामिल हो गए थे। रामजानकी मंदिर समिति की जमीन को लेकर आरोपी नेता की उनके बेटे कमलेश की रंजिश चल रही थी। मां ने आरोप लगाया कि आरोपी नेता मंदिर की जमीन हथियाना चाहते थे।
कमलेश तिवारी ने 2015 में पैगंबर पर की थी आपत्तिजनक टिप्पणी
कमलेश तिवारी 2015 में पैगंबर पर टिप्पणी कर सुर्खियों में आए थे। इस दौरान बिजनौर के उलेमा अनवारुल हक और मुफ्ती नईम कासमी ने तिवारी का सिर कलम करने का फतवा भी जारी किया था। तिवारी ने पैगंबर साहब पर की गई टिप्पणी के पीछे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का हाथ बताते हुए दावा किया था कि यह बयान मेरा नहीं, संघ का था।
संघ और भाजपा का भी किया था विरोध
कमलेश तिवारी पैगंबर साहब को लेकर दिए अपने बयान के बाद हुए विवाद और उससे संघ की दूरी से आहत होकर संघ से भी दूर हो गए थे। उन्होंने कई अवसरों पर संघ और भाजपा के खिलाफ भी खुलकर बोला। तिवारी ने संघ को दोहरे चरित्र वाला संगठन बताया था। तिवारी लगातार मुस्लिमों के खिलाफ जहर उगलने का काम कर रहे थे लेकिन हाल के फेसबुक पोस्ट में वे बीजेपी पर भी हमलावर थे।
कमलेश तिवारी की वायरल पोस्ट
तिवारी की मां ने एबीपी न्यूज के एंकर सुमित अवस्थी को लगाई थी फटकार
कमलेश तिवारी की मां ने एबीपी न्यूज के एंकर सुमित अवस्थी को ऑन एयर फटकार दिया था। दरअसल, कमलेश तिवारी की मां कुसुम तिवारी एबीपी न्यूज के साथ ऑन एयर थीं। इस दौरान उन्होंने हत्या के पीछे योगी आदित्यनाथ का नाम लिया। कुसुम तिवारी के मुंह से कोई मुस्लिम एंगल न निकलते देख शायद सुमित अवस्थी बौखला गए और गैर जरूरी रूप से बोलने लगे कि कुसुम जी ऐसी कोई बात मत कीजिएगा जिससे हिंदू-मुसलमान हो, दो मजहबों के बीच कड़वाहट पैदा हो। यह सवाल सुनकर कुसुम तिवारी ने कहा कि हिंदू मुसलमान की बात मैंने नहीं आपने की है। इसके बाद सुमित अवस्थी मामले को कवरअप करते नजर आए। देखिए ये वीडियो क्लिप...
होशंगाबाद में शिक्षक की हत्या को संघ/बीजेपी और मीडिया ने की थी सांप्रदायिक एंगल देने की कोशिश
विजयादशमी के दिन पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के जियागंज में रहने वाले स्कूल शिक्षक बंधु प्रकाश पाल, उनकी गर्भवती पत्नी ब्यूटी पाल और बेटे अंगन पाल की कुछ अज्ञात लोगों ने धारदार हथियार से हत्या कर दी थी। बंधु प्रकाश पाल की हत्या के बाद भारी हंगामा हुआ था। बंधु प्रकाश पाल को आरएसएस का बताकर बीजेपी और संघ ने काफी हंगामा किया था। इस मामले पर मीडिया को मनमाफिक मुद्दा मिला था लेकिन शिक्षक की मां के दावे से सब फुस्स हो गया। बंधु प्रकाश पाल की मां ने दावा किया था कि उनका बेटा आरएसएस से जुड़ा हुआ नहीं था, पता नहीं क्यों इस मामले को इस तरफ खींचा जा रहा है। बाद में हत्या करने वाला हिंदू निकला तो बंधु प्रकाश पाल हत्याकांड की चर्चाएं ही मीडिया से गायब हो गईं।
कमलेश तिवारी की हत्या को लेकर कई मोड़ आ रहे हैं। यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने कमलेश तिवारी के परिवार को बुलाकर उनसे मुलाकात की। सीएम योगी से मुलाकात के बाद कमलेश तिवारी की मां असंतुष्ट दिखाई दीं और उन्होंने कहा कि दबाव के चलते मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात हुई। उन्होंने कहा कि पुलिसवाले बार-बार दबाव डाल रहे थे और हमें जबरदस्ती लखनऊ लाया गया। मुख्यमंत्री योगी से मुलाकात के बाद उन्होंने कहा कि मैं संतुष्ट नहीं हूं।
कमलेश तिवारी की मां ने कहा कि हिंदू धर्म में 13 दिन तक कहीं नहीं जाते लेकिन हमें जबरदस्ती सीतापुर से लखनऊ लाया गया। कमलेश की मां कुसुम तिवारी ने यह भी कहा कि अगर इंसाफ नहीं मिला तो हम तलवार उठाएंगे। कुसुम तिवारी ने योगी सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए परिवार के लिए सुरक्षा की मांग की है। उनका कहना है कि अखिलेश सरकार के दौरान कमलेश तिवारी को ज्यादा सुरक्षा दी गई थी जबकि योगी सरकार के आने के बाद से ये सुरक्षा कम कर दी गई है।
कमलेश तिवारी की मां ने लिया था योगी और बीजेपी का नाम
इस मामले में मुस्लिम एंगल सामने आने के बाद कमलेश तिवारी की मां के आरोपों को नजरअंदाज किया जा रहा है। कमलेश तिवारी की मां ने हत्या के बाद ही कहा था कि ''योगी मेरे बेटे से जलता था, बीजेपी के लोगों ने ही उसकी हत्या कराई है।'' वे कई बार अपनी बात दोहरा चुकी हैं। इस बीच पुलिस ने गुजरात में कमलेश तिवारी की हत्या की साजिश रचे जाने की बात कही है। इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है।
यूपी डीजीपी ने किया कमलेश तिवारी की हत्या की गुत्थी सुलझाने का दावा
उत्तर प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह लखनऊ में हुए कमलेश तिवारी की हत्या की गुत्थी सुलझाने का दावा कर रहे हैं। डीजीपी के मुताबिक कमलेश तिवारी की हत्या की साजिश सूरत में रची गई थी। इसमें छह लोग शामिल थे। इनमें से तीन आरोपियों मोहसिन शेख, फैजान और रशीद अहमद को शनिवार को गिरफ्तार कर लिया गया। लेकिन वहीं दूसरी ओर कमलेश तिवारी की मां ने महमूदाबाद निवासी एक भाजपा नेता पर बेटे की हत्या करने का आरोप लगाया है। उन्होंने बताया कि आरोपी नेता पहले सपा में थे। पिछले चुनाव में वह भाजपा में शामिल हो गए थे। रामजानकी मंदिर समिति की जमीन को लेकर आरोपी नेता की उनके बेटे कमलेश की रंजिश चल रही थी। मां ने आरोप लगाया कि आरोपी नेता मंदिर की जमीन हथियाना चाहते थे।
कमलेश तिवारी ने 2015 में पैगंबर पर की थी आपत्तिजनक टिप्पणी
कमलेश तिवारी 2015 में पैगंबर पर टिप्पणी कर सुर्खियों में आए थे। इस दौरान बिजनौर के उलेमा अनवारुल हक और मुफ्ती नईम कासमी ने तिवारी का सिर कलम करने का फतवा भी जारी किया था। तिवारी ने पैगंबर साहब पर की गई टिप्पणी के पीछे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का हाथ बताते हुए दावा किया था कि यह बयान मेरा नहीं, संघ का था।
संघ और भाजपा का भी किया था विरोध
कमलेश तिवारी पैगंबर साहब को लेकर दिए अपने बयान के बाद हुए विवाद और उससे संघ की दूरी से आहत होकर संघ से भी दूर हो गए थे। उन्होंने कई अवसरों पर संघ और भाजपा के खिलाफ भी खुलकर बोला। तिवारी ने संघ को दोहरे चरित्र वाला संगठन बताया था। तिवारी लगातार मुस्लिमों के खिलाफ जहर उगलने का काम कर रहे थे लेकिन हाल के फेसबुक पोस्ट में वे बीजेपी पर भी हमलावर थे।
कमलेश तिवारी की वायरल पोस्ट
तिवारी की मां ने एबीपी न्यूज के एंकर सुमित अवस्थी को लगाई थी फटकार
कमलेश तिवारी की मां ने एबीपी न्यूज के एंकर सुमित अवस्थी को ऑन एयर फटकार दिया था। दरअसल, कमलेश तिवारी की मां कुसुम तिवारी एबीपी न्यूज के साथ ऑन एयर थीं। इस दौरान उन्होंने हत्या के पीछे योगी आदित्यनाथ का नाम लिया। कुसुम तिवारी के मुंह से कोई मुस्लिम एंगल न निकलते देख शायद सुमित अवस्थी बौखला गए और गैर जरूरी रूप से बोलने लगे कि कुसुम जी ऐसी कोई बात मत कीजिएगा जिससे हिंदू-मुसलमान हो, दो मजहबों के बीच कड़वाहट पैदा हो। यह सवाल सुनकर कुसुम तिवारी ने कहा कि हिंदू मुसलमान की बात मैंने नहीं आपने की है। इसके बाद सुमित अवस्थी मामले को कवरअप करते नजर आए। देखिए ये वीडियो क्लिप...
होशंगाबाद में शिक्षक की हत्या को संघ/बीजेपी और मीडिया ने की थी सांप्रदायिक एंगल देने की कोशिश
विजयादशमी के दिन पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के जियागंज में रहने वाले स्कूल शिक्षक बंधु प्रकाश पाल, उनकी गर्भवती पत्नी ब्यूटी पाल और बेटे अंगन पाल की कुछ अज्ञात लोगों ने धारदार हथियार से हत्या कर दी थी। बंधु प्रकाश पाल की हत्या के बाद भारी हंगामा हुआ था। बंधु प्रकाश पाल को आरएसएस का बताकर बीजेपी और संघ ने काफी हंगामा किया था। इस मामले पर मीडिया को मनमाफिक मुद्दा मिला था लेकिन शिक्षक की मां के दावे से सब फुस्स हो गया। बंधु प्रकाश पाल की मां ने दावा किया था कि उनका बेटा आरएसएस से जुड़ा हुआ नहीं था, पता नहीं क्यों इस मामले को इस तरफ खींचा जा रहा है। बाद में हत्या करने वाला हिंदू निकला तो बंधु प्रकाश पाल हत्याकांड की चर्चाएं ही मीडिया से गायब हो गईं।