इंवेस्टमेंट मैनेजमेंट कंपनी गोल्डमैन सैक्स ने कहा- 2008 के आर्थिक संकट से बड़ी व्यापक है भारत की मौजूदा मंदी

Written by Sabrangindia Staff | Published on: October 18, 2019
भारत की मौजूदा अर्थव्यवस्था भारी सुस्ती के दौर से गुजर रही है। ऐसे में देश-दुनिया के अर्थशास्त्री इस पर चिंता जाहिर कर रहे हैं। इंवेस्टमेंट मैनेजमेंट से जुड़ी ग्लोबल कंपनी गोल्डमैन सैक्स ने कहा कि भारत का मौजूदा आर्थिक संकट 2008 के आर्थिक संकट से बड़ा है। कंपनी ने इस वित्तीय वर्ष में भारत की आर्थिक वृद्धि को घटाकर 6 फीसद कर दिया है। गोल्डमैन सैक्स का कहना कि मौजूदा संकट की सबसे बड़ी वजह खपत में गिरावट है।



ब्रोकरेज कंपनी गोल्डमैन सैक्स की वाल स्ट्रीट में मुख्य अर्थशास्त्री प्राची मिश्रा ने मुंबई में कहा, ‘भारत में खपत में जनवरी 2018 से गिरावट जारी है। भारतीय अर्थव्यवस्था में निवेश और निर्यात लंबे समय से घट रहा है लेकिन खपत में तीव्र गिरावट चिंता का नया कारण है।’ 

उन्होंने कहा कि ज्यादातर लोग मान रहे हैं कि खपत में यह कमी एनबीएफसीजी के संकट के कारण हैं, लेकिन एनबीएफसीज का संकट अगस्त 2018 में आईएलएंडएफएस के मामले से शुरु हुआ, पर खपत इससे काफी पहले से ही घटना शुरु हो चुकी थी। 

उन्होंने यह भी कहा कि खपत में गिरावट का कुल वृद्धि में कमी में एक तिहाई योगदान है और मौजूदा नरमी पिछले 20 महीने से जारी है। उनका मानना है कि यह नोटबंदी या 2008 के वित्तीय संकट जैसी उन चुनौतियों से बड़ी है, जिसकी प्रकृति अस्थायी थी।

हालांकि, गोल्डमैन सैक्स की मुख्य अर्थशास्त्री प्राची मिश्रा ने दूसरी छमाही में आर्थिक वृद्धि बढ़ने की उम्मीद भी जताई। उन्होंने कहा कि इसका कारण आरबीआई की सस्ती मौद्रिक नीति है।

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