नई दिल्ली। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (IIM) बेंगलुरु के करीब 100 छात्र-छात्राओं, शिक्षकों और कर्मचारियों ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर मांग की है कि झारखंड में कथित तौर पर मॉब लिंचिंग का शिकार हुए तबरेज अंसारी की मृत्यु की जांच दोबारा कराई जाए।
हाल के दिनों में ऐसा पहली बार है जब किसी सर्वेक्षेष्ठ संस्थान में कथित मॉब लिंचिंग के केस में स्पष्ट रूप से अपनी प्रतिक्रिया दी। पीएम मोदी के भेजे एक ईमेल में कहा गया, ‘तबरेज अंसारी मॉब लिंचिंग केस में झारखंड पुलिस ने जिस तरह से जांच की है उससे हम सब हैरान है। हम चाहते हैं कि आप इस केस में फिर से राज्य सरकार को जांच करने का आदेश दें। सभी नागरिकों के जीवन और स्वतंत्रता की रक्षा करना राज्य का संवैधानिक आधिकार है।’ पीएम को भेजे इस ईमेल में 16 शिक्षकों, 85 छात्र-छात्राओं और संस्थान के कर्मचारियों के हस्ताक्षर हैं।
बता दें कि इस साल जून में तबरेज अंसारी को भीड़ ने खंबे से बांधकर बुरी तरह पीटा था। भीड़ द्वारा बुरी तरह पीटे जाने बाद तबरेज की कुछ दिनों में हॉस्पिटल में मौत हो गई थी। इस दौरान तबरेज अंसारी को जबरन ‘जय श्रीराम’ और ‘जय हनुमान’ का नारा लगाने के लिए भी मजबूर किया गया।
बाद में मामले की जांच शुरू हुई तो पुलिस ने 11 आरोपियों को पकड़ा। हालांकि पुलिस पर आरोप है कि आरोपियों के खिलाफ हल्की धाराएं लगाई गईं। एक रिपोर्ट मुताबिक आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 को हटाकर 304 लगाई गई। पुलिस चार्जशीट में बताया कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के मुताबिक तबरेज की मौत कार्डिक्ट अरेस्ट यानी दिल का दौरा पड़ने से हुई। ऐसे में यह हत्या का मामला नहीं बनता।
हाल के दिनों में ऐसा पहली बार है जब किसी सर्वेक्षेष्ठ संस्थान में कथित मॉब लिंचिंग के केस में स्पष्ट रूप से अपनी प्रतिक्रिया दी। पीएम मोदी के भेजे एक ईमेल में कहा गया, ‘तबरेज अंसारी मॉब लिंचिंग केस में झारखंड पुलिस ने जिस तरह से जांच की है उससे हम सब हैरान है। हम चाहते हैं कि आप इस केस में फिर से राज्य सरकार को जांच करने का आदेश दें। सभी नागरिकों के जीवन और स्वतंत्रता की रक्षा करना राज्य का संवैधानिक आधिकार है।’ पीएम को भेजे इस ईमेल में 16 शिक्षकों, 85 छात्र-छात्राओं और संस्थान के कर्मचारियों के हस्ताक्षर हैं।
बता दें कि इस साल जून में तबरेज अंसारी को भीड़ ने खंबे से बांधकर बुरी तरह पीटा था। भीड़ द्वारा बुरी तरह पीटे जाने बाद तबरेज की कुछ दिनों में हॉस्पिटल में मौत हो गई थी। इस दौरान तबरेज अंसारी को जबरन ‘जय श्रीराम’ और ‘जय हनुमान’ का नारा लगाने के लिए भी मजबूर किया गया।
बाद में मामले की जांच शुरू हुई तो पुलिस ने 11 आरोपियों को पकड़ा। हालांकि पुलिस पर आरोप है कि आरोपियों के खिलाफ हल्की धाराएं लगाई गईं। एक रिपोर्ट मुताबिक आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 को हटाकर 304 लगाई गई। पुलिस चार्जशीट में बताया कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के मुताबिक तबरेज की मौत कार्डिक्ट अरेस्ट यानी दिल का दौरा पड़ने से हुई। ऐसे में यह हत्या का मामला नहीं बनता।