अर्थव्यवस्था को लेकर तमाम अर्थशास्त्री, कारोबारी और विशेषज्ञ चिंता जाहिर कर रहे हैं। हाल ही में गोदरेज कंपनी के मालिक आदि गोदरोज ने चिंता जाहिर की थी। इसके अलावा लारसन एंड टुब्रो के प्रमुख एएम ने भी आर्थिक हालत को चुनौतियों भरा बताया था। अब एचडीएफसी के चेयरमैन दीपक पारेख ने भी स्वीकार किया है कि अर्थव्यवस्था में मंदी चल रही है।
पारेख ने कहा कि मंदी साफ दिख रही है। दीपक पारेख ने कहा कि गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) और हाउसिंग फायनैंस कंपनियों (एचएफसी) के सामने खड़े नकदी संकट के चलते यह समस्या और गंभीर हो गई है।
एचडीएफसी के मुखिया के मुताबिक आज के हालात में कोई जरा भी जोखिम मोल नहीं लेना चाह रहा। दीपक पारेख का कहना था कि बैंक उधार देने से बच रहे हैं और ज्यादातर एनबीएफसी के सामने भी नकदी का संकट है। उनके मुताबिक इसका असर दूसरे क्षेत्रों पर भी पड़ रहा है। इससे पहले एलएंडटी के चेयरमैन दीपक नाइक ने कहा था कि अगर इस साल विकास दर 6।5 फीसदी भी रहती है तो इसे खुशकिस्मती समझना चाहिए।
इसी साल मार्च में खत्म हुई तिमाही में भारत की विकास दर गिरकर 5.8 फीसदी हो गई है। बीते महीने अर्थव्यवस्था के आठ सबसे अहम क्षेत्रों की विकास दर 0।2 फीसदी रही जो बीते 50 महीनों के दौरान इसका न्यूनतम स्तर है। देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति की बिक्री में बीते महीने 36 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई।
पारेख ने कहा कि मंदी साफ दिख रही है। दीपक पारेख ने कहा कि गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) और हाउसिंग फायनैंस कंपनियों (एचएफसी) के सामने खड़े नकदी संकट के चलते यह समस्या और गंभीर हो गई है।
एचडीएफसी के मुखिया के मुताबिक आज के हालात में कोई जरा भी जोखिम मोल नहीं लेना चाह रहा। दीपक पारेख का कहना था कि बैंक उधार देने से बच रहे हैं और ज्यादातर एनबीएफसी के सामने भी नकदी का संकट है। उनके मुताबिक इसका असर दूसरे क्षेत्रों पर भी पड़ रहा है। इससे पहले एलएंडटी के चेयरमैन दीपक नाइक ने कहा था कि अगर इस साल विकास दर 6।5 फीसदी भी रहती है तो इसे खुशकिस्मती समझना चाहिए।
इसी साल मार्च में खत्म हुई तिमाही में भारत की विकास दर गिरकर 5.8 फीसदी हो गई है। बीते महीने अर्थव्यवस्था के आठ सबसे अहम क्षेत्रों की विकास दर 0।2 फीसदी रही जो बीते 50 महीनों के दौरान इसका न्यूनतम स्तर है। देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति की बिक्री में बीते महीने 36 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई।