अमरनाथ यात्रा और सैलानियों को वापस लौटने को लेकर जम्मू-कश्मीर सरकार की एडवाइजरी के बाद अफरा-तफरी का माहौल दिखाई दे रहा है। खबरों के मुताबिक, जब एडवाइजरी जारी हुआ उसके अगले घंटे कुछ बड़ा होने की आशंका को लेकर लोग खाने-पीने और जरूरत की चीजें इकट्ठा करने में जुट गए। हालात यह हो गई एटीएम और पेट्रोल पंपों पर लंबी-लंबी लाइनें लग गई। राशन के दुकानों में सामानों को इक्ठ्ठा करने में होड़ सी मच गई।
दरअसल, जम्मू-कश्मीर सरकार ने आतंकवादी खतरे का हवाला देते हुए एडवाइजरी जारी कर कहा है कि अमरनाथ यात्री घाटी से जल्द से जल्द लौट जाए। इससे पहले सेना, सीआरपीएफ और राज्य पुलिस के टॉप अधिकारियों ने कहा कि पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी यात्रा को निशाना बना सकते हैं।
इसी बीच लोगों में किसी अनहोनी की आशंका सताने लगी है। वहां के लोगों को आशंका है कि 35 ए को हटाई जा सकती है। वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार खबर यह भी है कि केंद्र सरकार चुनाव से पहले परिसीमन या राज्य के विभाजन के बारे में कोई घोषणा कर सकती है। सूत्रों के अनुसार सरकार जम्मू और कश्मीर का तीन भाग में विभाजन कर सकती है। इसके तहत जम्मू को पूर्ण राज्य का दर्जा, लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश और कश्मीर को एक अलग राज्य घोषित किया जा सकता है।
अफवाहों का बाजार गर्म होने की पीछे कई तथ्य सामने आ रहे हैं। राज्य में अमरनाथ यात्रा के लिए पहले 40,000 सुरक्षाबलों की तैनाती की गई थी, इसके बावजूद बाद में 10,000 सैनिकों की अतिरिक्त तैनाती की गई। फिर उसके बाद और 25 हजार सुरक्षा बल घाटी में भेजे जाने और सेना और वायुसेना को हाई अलर्ट पर रखने को लेकर अटकलों का बाजार गर्म हो गया।
दरअसल, जम्मू-कश्मीर सरकार ने आतंकवादी खतरे का हवाला देते हुए एडवाइजरी जारी कर कहा है कि अमरनाथ यात्री घाटी से जल्द से जल्द लौट जाए। इससे पहले सेना, सीआरपीएफ और राज्य पुलिस के टॉप अधिकारियों ने कहा कि पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी यात्रा को निशाना बना सकते हैं।
इसी बीच लोगों में किसी अनहोनी की आशंका सताने लगी है। वहां के लोगों को आशंका है कि 35 ए को हटाई जा सकती है। वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार खबर यह भी है कि केंद्र सरकार चुनाव से पहले परिसीमन या राज्य के विभाजन के बारे में कोई घोषणा कर सकती है। सूत्रों के अनुसार सरकार जम्मू और कश्मीर का तीन भाग में विभाजन कर सकती है। इसके तहत जम्मू को पूर्ण राज्य का दर्जा, लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश और कश्मीर को एक अलग राज्य घोषित किया जा सकता है।
अफवाहों का बाजार गर्म होने की पीछे कई तथ्य सामने आ रहे हैं। राज्य में अमरनाथ यात्रा के लिए पहले 40,000 सुरक्षाबलों की तैनाती की गई थी, इसके बावजूद बाद में 10,000 सैनिकों की अतिरिक्त तैनाती की गई। फिर उसके बाद और 25 हजार सुरक्षा बल घाटी में भेजे जाने और सेना और वायुसेना को हाई अलर्ट पर रखने को लेकर अटकलों का बाजार गर्म हो गया।