मॉब लिंचिंग के शिकार पीड़ित की आपबीती, मेरी टोपी देखते ही वे भड़क गए और मारपीट करने लगे...

Written by Sabrangindia Staff | Published on: June 28, 2019
बरेली के एक मदरसे में पढ़ने वाले मुस्लिम ने वीडियो जारी कर अपनी आपबीती सुनाई है। मोहम्मद फरमान नियाजी मॉब लिंचिंग की उस घटना को याद कर सिहर उठते हैं जब दो दिन पहले वह अलीगढ़ से बरेली जा रहे थे। इस दौरान राजघाट नारोरा स्टेशन से कुछ युवा ट्रेन में चढ़े और नियाजी की टोपी देखकर उनपर पर जातिवादी टिप्पणी करने लगे और थोड़ी देर बाद पिटाई शुरू कर दी। 



मोहम्मद फरमान नियाजी कहते हैं कि 'उन्होंने मुझे लात मारी और मेरी टोपी को ट्रेन से बाहर फेंक दिया। मेरे कपड़े फाड़ दिए और मेरा चश्मा भी तोड़ दिया। यह देखकर कोई भी यात्री मुझे बचाने के लिए आगे नहीं आया। उनकी यातना तब तक जारी रही, जब तक मैंने अपने होश न खो दिए। जब मुझे होश आया तो खुद को खैर क्षेत्र के एक गांव के बाहरी इलाके में पाया'। आधार कार्ड की मदद से स्थानीय लोगों ने नियाजी को बस से अलीगढ़ भेजा और वह अपने मदरसे में वापस आ गए।  

पीड़ित युवा ने गुरुवार को सोशल मीडिया पर एक वीडियो डाला है, जिसमें उसने पूरे घटनाक्रम का जिक्र किया है। इसके साथ ही उसने जवान पुलिस स्टेशन में शिकायत भी दर्ज कराई है। एसपी (सिटी) अशोक कुमार ने कहा कि नियाजी द्वारा दर्ज कराए गए एफआईआर के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। 

आपको बता दें कि बीते दिनों झारखंड के धतकिडीज गांव में तबरेज अंसारी (22) को बाइक चुराने के शक में बुरी तरह पीटा गया था, इसके बाद 23 जून को एक अस्पताल में उसकी मौत हो गई थी। पुलिस के अनुसार, उसके कब्जे से चोरी की मोटरसाइकिल तथा कुछ अन्य वस्तुएं बरामद की गई थीं। यह मामला एक वीडियो के वायरल होने के बाद प्रकाश में आया, जिसमें आरोपी पंकज मंडल पेड़ से बंधे तबरेज अंसारी को पीटते हुए दिख रहा है।

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