जातीय भेदभाव और सामाजिक अन्याय ने एक बार फिर दो लोगों की जिंदगी छीन ली है। महाराष्ट्र के अहमदनगर में दूसरी जाति के लड़के से शादी करने वाली अपनी बेटी और उसके पिता को आग लगा दी गई। इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक लोहार समुदाय की रुक्मणि रणसिंह के शरीर का 70 फीसदी हिस्सा झुलस गया था, इसके बाद उपचार के दौरान रविवार को उसकी मौत हो गई। वहीं पासी समुदाय का उसका 23 वर्षीय पति रणसिंह के शरीर का पचास फीसदी हिस्सा आग से झुलस गया। रणसिंह का फिलहाल पुणे के सासून जनरल अस्पताल में इलाज चल रहा है।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, इस मामले में पुलिस ने मृतक रुक्मणि के दो चाचाओं सुरेंद्र भारतीय और घनश्याम सरोज को गिरफ्तार किया है, जबकि पिता रामा भारतीय फरार चल रहे हैं जिनकी पुलिस को तलाश है। इलाज के दौरान दिए गए दंपती और अन्य परिजनों के बयानों के आधार जांच चल रही है। पुलिस के अनुसार घटना 1 मई को परनार तालुका के निघोज गांव में हुई थी। रुक्मणि के परिवार ने अक्टूबर 2018 में ही इनकी शादी का विरोध किया था और नुकसान पहुंचाने की धमकी दी थी।
रिपोर्ट के मुताबिक इस प्रकरण की जांच कर रहे एसआई विजयकुमार बोथरे ने कहा, यह प्रेम विवाह था लेकिन रुक्मणि के परिवार के ज्यादातर लोग इसके सख्त खिलाफ थे। वहीं मंगेश के परिजन शादी में शामिल हुए थे, रुक्मणि की तरफ से सिर्फ उसकी मां ने शादी में शिरकत की थी। अप्रैल को पति-पत्नी के बीच किसी छोटी बात को लेकर विवाद हुआ था जिसके बाद रुक्मणि अपने मायके चली गई थी। मंगेश ने बताया कि 1 मई को रुक्मणि ने उसे लेने के बुलाया था। लेकिन जब मंगेश वहां पहुंचा तो उसके परिवार ने उसे वापस जाने देने से मना कर दिया। दोपहर के समय वहां विवाद हुआ और रुक्मणि के दो चाचाओं ने दंपती को कमरे में पेट्रोल छिड़ककर आग लगा दी और कमरे को बाहर से लॉक कर दिया। यह सबकुछ रुक्मणि के पिता की मौजूदगी में हुआ।
पुलिस के मुताबिक, दोनों की चीखें सुनकर पड़ोसी आए और उन्हें अस्पताल ले जाने में मदद की। प्राथमिक इलाज और दोनों की हालत देखने के बाद दोनों को इलाज के लिए पुणे के सासून जनरल हॉस्पिटल ले जाया गया। हॉस्पिटल के चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर अजय तावड़े ने इलाज के दौरान रुक्मणि की मौत होने की पुष्टि की, जबकि मंगेश का फिलहाल इलाज चल रहा है।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, इस मामले में पुलिस ने मृतक रुक्मणि के दो चाचाओं सुरेंद्र भारतीय और घनश्याम सरोज को गिरफ्तार किया है, जबकि पिता रामा भारतीय फरार चल रहे हैं जिनकी पुलिस को तलाश है। इलाज के दौरान दिए गए दंपती और अन्य परिजनों के बयानों के आधार जांच चल रही है। पुलिस के अनुसार घटना 1 मई को परनार तालुका के निघोज गांव में हुई थी। रुक्मणि के परिवार ने अक्टूबर 2018 में ही इनकी शादी का विरोध किया था और नुकसान पहुंचाने की धमकी दी थी।
रिपोर्ट के मुताबिक इस प्रकरण की जांच कर रहे एसआई विजयकुमार बोथरे ने कहा, यह प्रेम विवाह था लेकिन रुक्मणि के परिवार के ज्यादातर लोग इसके सख्त खिलाफ थे। वहीं मंगेश के परिजन शादी में शामिल हुए थे, रुक्मणि की तरफ से सिर्फ उसकी मां ने शादी में शिरकत की थी। अप्रैल को पति-पत्नी के बीच किसी छोटी बात को लेकर विवाद हुआ था जिसके बाद रुक्मणि अपने मायके चली गई थी। मंगेश ने बताया कि 1 मई को रुक्मणि ने उसे लेने के बुलाया था। लेकिन जब मंगेश वहां पहुंचा तो उसके परिवार ने उसे वापस जाने देने से मना कर दिया। दोपहर के समय वहां विवाद हुआ और रुक्मणि के दो चाचाओं ने दंपती को कमरे में पेट्रोल छिड़ककर आग लगा दी और कमरे को बाहर से लॉक कर दिया। यह सबकुछ रुक्मणि के पिता की मौजूदगी में हुआ।
पुलिस के मुताबिक, दोनों की चीखें सुनकर पड़ोसी आए और उन्हें अस्पताल ले जाने में मदद की। प्राथमिक इलाज और दोनों की हालत देखने के बाद दोनों को इलाज के लिए पुणे के सासून जनरल हॉस्पिटल ले जाया गया। हॉस्पिटल के चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर अजय तावड़े ने इलाज के दौरान रुक्मणि की मौत होने की पुष्टि की, जबकि मंगेश का फिलहाल इलाज चल रहा है।