वॉशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की जीत के लिए भारत में हिंदू सेना ने हवन और पूजा की थी। खैर इस पूजा का नतीजा मानें या उनका चुनाव प्रचार वे अमेरिका के राष्ट्रपति बन गए। अब डोनाल्ड ट्रंप भारत को बड़ा झटका देने की तैयारी में हैं। ट्रंप ने अमेरिकी कांग्रेस को भारत के साथ जनरलाइज सिस्टम आफ प्रेफरेंस (GSP) समाप्त करने के अपने इरादे से अवगत कराया। ट्रंप ने सोमवार को कहा कि वह एक कार्यक्रम के तहत भारत के तरजीही व्यापार व्यवहार को समाप्त करने का इरादा रखते हैं, जो 5.6 अरब डॉलर मूल्य के भारतीय निर्यात को संयुक्त राज्य अमेरिका में शुल्क मुक्त करने की अनुमति देता है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कांग्रेस नेताओं को एक पत्र में ट्रंप ने कहा, 'मैं यह कदम इसलिए उठा रहा हूं क्योंकि संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत सरकार के बीच गहन जुड़ाव के बाद, मैंने निर्धारित किया है कि भारत ने अमेरिका को आश्वासन नहीं दिया है कि वह भारत के बाजारों में समान और उचित पहुंच प्रदान करेगा।'
अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि कार्यालय ने कहा कि कांग्रेस और भारत सरकार को सूचना देने के कम से कम 60 दिनों तक भारत को जीएसपी कार्यक्रम से हटाना प्रभावी नहीं होगा, और इसे राष्ट्रपति की घोषणा द्वारा अधिनियमित किया जाएगा। अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि कार्यालय के अनुसार, 2017 में भारत के साथ अमेरिकी वस्तुओं और सेवाओं का व्यापार घाटा $ 27.3 बिलियन था।
अमेरिका के व्यापार प्रतिनिधि ने कहा, 'राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के निर्देश पर अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि रॉबर्ट लाइटहाइजर ने घोषणा की कि अमेरिका भारत और तुर्की से जनरलाइज सिस्टम आफ प्रेफरेंस कार्यक्रम के लाभार्थी का दर्जा वापस लेगा।' भारत जीएसपी कार्यक्रम का दुनिया का सबसे बड़ा लाभार्थी है और इसकी भागीदारी को समाप्त करना भारत के खिलाफ सबसे मजबूत दंडात्मक कार्रवाई होगी।
हाल ही में ट्रंप ने भारत को ऊंची दर से शुल्क लगाने वाला देश बताते हुए अपने समर्थकों से कहा था कि वह अमेरिका में आने वाले सामानों पर परस्पर बराबर शुल्क या कम से कम कोई शुल्क लगाना चाहते हैं। ट्रंप ने कहा, 'भारत काफी ऊंची दर से शुल्क लगाने वाला देश है। वे हमसे काफी शुल्क वसूलते हैं।'
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कांग्रेस नेताओं को एक पत्र में ट्रंप ने कहा, 'मैं यह कदम इसलिए उठा रहा हूं क्योंकि संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत सरकार के बीच गहन जुड़ाव के बाद, मैंने निर्धारित किया है कि भारत ने अमेरिका को आश्वासन नहीं दिया है कि वह भारत के बाजारों में समान और उचित पहुंच प्रदान करेगा।'
अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि कार्यालय ने कहा कि कांग्रेस और भारत सरकार को सूचना देने के कम से कम 60 दिनों तक भारत को जीएसपी कार्यक्रम से हटाना प्रभावी नहीं होगा, और इसे राष्ट्रपति की घोषणा द्वारा अधिनियमित किया जाएगा। अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि कार्यालय के अनुसार, 2017 में भारत के साथ अमेरिकी वस्तुओं और सेवाओं का व्यापार घाटा $ 27.3 बिलियन था।
अमेरिका के व्यापार प्रतिनिधि ने कहा, 'राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के निर्देश पर अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि रॉबर्ट लाइटहाइजर ने घोषणा की कि अमेरिका भारत और तुर्की से जनरलाइज सिस्टम आफ प्रेफरेंस कार्यक्रम के लाभार्थी का दर्जा वापस लेगा।' भारत जीएसपी कार्यक्रम का दुनिया का सबसे बड़ा लाभार्थी है और इसकी भागीदारी को समाप्त करना भारत के खिलाफ सबसे मजबूत दंडात्मक कार्रवाई होगी।
हाल ही में ट्रंप ने भारत को ऊंची दर से शुल्क लगाने वाला देश बताते हुए अपने समर्थकों से कहा था कि वह अमेरिका में आने वाले सामानों पर परस्पर बराबर शुल्क या कम से कम कोई शुल्क लगाना चाहते हैं। ट्रंप ने कहा, 'भारत काफी ऊंची दर से शुल्क लगाने वाला देश है। वे हमसे काफी शुल्क वसूलते हैं।'