भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में गिरफ्तारी की तलवार झेल रहे प्रोफेसर आनंद तेलतुंबड़े को देश ही नहीं विदेशों से भी समर्थन मिल रहा है। आनंद तेलतुंबड़े के समर्थन में अमेरिका और यूरोप की कई यूनिवर्सिटीज् के स्कॉलर्स ने पत्र लिखा है। इनमें प्रिंसटन, हार्वर्ड, कोलंबिया, येले, स्टेनफोर्ड, बेर्केले, यूसीएलए, शिकागो, पेन, कॉर्नेल, एमआईटी टू ऑक्सफोर्ड, यूसीएल एडिनबर्ग और लंदन स्कूल ऑफ इकॉनोमिक्स के स्कॉलर्स शामिल हैं।
दुनियाभर की इन तमाम यूनिवर्सिटीज के स्कॉलर्स ने महाराष्ट्र और भारत सरकार से आग्रह किया है कि प्रोफेसर तेलतुंबड़े पर लगे मुकदमे हटाए जाएं। अमेरिकी और यूरोपीय अकादमी के कुछ प्रसिद्ध प्रकाशकों ने डॉ. तेलतुम्बडे को सताए जाने के लिए कानून का दुरुपयोग करने की बात कह नाराजगी व्यक्त करते हुए बयान पर हस्ताक्षर किए हैं।
प्रो तेलतुंबड़े के समर्थन में दुनियाभर की प्रसिद्ध यूनिवर्सिटी के कई प्रोफेसर भी आ गए हैं। इनमें येले यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर एलिजाबेथ वुड्स, हार्वर्ड से प्रोफेसर डोरिस सॉमर, यूसीएलए से प्रोफेसर रॉबिन केली और एरिक शेफर्ड, एमआईटी से प्रोफेसर मृगांका, सिटी यूनिवर्सिटी ऑफ न्यूयॉर्क से प्रोफेसर सिंडी काट्ज के नाम शामिल हैं।
डॉ. तेलतुम्बड़े के लिए समर्थन न केवल सामाजिक विज्ञान और मानविकी विद्वानों से आया है, बल्कि मैनेजमेंट स्टडीज़ के कुछ दिग्गजों जैसे मोनाश यूनिवर्सिटी ऑस्ट्रेलिया के प्रो. कैथलीन रियाच, यूनिवर्सिटी ऑफ मेलबर्न से प्रो. माइकल ज़ीफुर। मेलबोर्न, कैलिफोर्निया स्टेट यूनिवर्सिटी सैक्रामेंटो से प्रो. रिचर्ड मारेंस और यूएसए के वॉर्सेस्टर पॉलिटेक्निक के प्रो. माइकल एल्म्स ने भी इस बयान पर हस्ताक्षर कर समर्थन दिया है।
उत्तरी अमेरिका स्थित मानवाधिकार वकालत करने वाली संस्था इंडिया सिविल वॉच (ICW) के स्पोक्सपर्सन राजा स्वामी के मुताबिक, प्रो. तेलतुंबड़े के समर्थन में 72 घंटे में दुनियाभर से 600 से ज्यादा बुद्धिजीवियों और स्कॉलर्स ने समर्थन दिया है।
दुनियाभर की इन तमाम यूनिवर्सिटीज के स्कॉलर्स ने महाराष्ट्र और भारत सरकार से आग्रह किया है कि प्रोफेसर तेलतुंबड़े पर लगे मुकदमे हटाए जाएं। अमेरिकी और यूरोपीय अकादमी के कुछ प्रसिद्ध प्रकाशकों ने डॉ. तेलतुम्बडे को सताए जाने के लिए कानून का दुरुपयोग करने की बात कह नाराजगी व्यक्त करते हुए बयान पर हस्ताक्षर किए हैं।
प्रो तेलतुंबड़े के समर्थन में दुनियाभर की प्रसिद्ध यूनिवर्सिटी के कई प्रोफेसर भी आ गए हैं। इनमें येले यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर एलिजाबेथ वुड्स, हार्वर्ड से प्रोफेसर डोरिस सॉमर, यूसीएलए से प्रोफेसर रॉबिन केली और एरिक शेफर्ड, एमआईटी से प्रोफेसर मृगांका, सिटी यूनिवर्सिटी ऑफ न्यूयॉर्क से प्रोफेसर सिंडी काट्ज के नाम शामिल हैं।
डॉ. तेलतुम्बड़े के लिए समर्थन न केवल सामाजिक विज्ञान और मानविकी विद्वानों से आया है, बल्कि मैनेजमेंट स्टडीज़ के कुछ दिग्गजों जैसे मोनाश यूनिवर्सिटी ऑस्ट्रेलिया के प्रो. कैथलीन रियाच, यूनिवर्सिटी ऑफ मेलबर्न से प्रो. माइकल ज़ीफुर। मेलबोर्न, कैलिफोर्निया स्टेट यूनिवर्सिटी सैक्रामेंटो से प्रो. रिचर्ड मारेंस और यूएसए के वॉर्सेस्टर पॉलिटेक्निक के प्रो. माइकल एल्म्स ने भी इस बयान पर हस्ताक्षर कर समर्थन दिया है।
उत्तरी अमेरिका स्थित मानवाधिकार वकालत करने वाली संस्था इंडिया सिविल वॉच (ICW) के स्पोक्सपर्सन राजा स्वामी के मुताबिक, प्रो. तेलतुंबड़े के समर्थन में 72 घंटे में दुनियाभर से 600 से ज्यादा बुद्धिजीवियों और स्कॉलर्स ने समर्थन दिया है।