मुंबई। भाजपा शासित महाराष्ट्र में लोगों को मतदाता सूची से निकाला जा रहा है। मतदार नोंदणी अधिकारी का एक पत्र अनिता ढोले को मिला है जो पाइप लाइन प्रभावित लोगों में आती हैं। मतदार नोंदणी अधिकारी ने अनीता ढोले को पत्र लिखकर बताया है कि उनका नाम मतदाता सूची से काटा जा रहा है।
पत्र में बताया गया है कि जिन लोगों को माहुल में पुनर्वासित किया गया है उनका नाम मतदाता सूची से निकाला जा रहा है । इस मामले पर अनिता ढोले ने कहा कि मतदार नोंदणी अधिकारी को यह तो अच्छे से मालूम है कि तनसा पाइपलाइन प्रभावित लोगों को माहुल में पुनर्वासित किया है पर वह हाई कोर्ट के उस आदेश को नज़र अंदाज़ कर रहे हैं जिसमें कोर्ट ने सरकार को आदेश दिया है की लोगों को माहुल से निकाल कर कहीं और शिफ्ट करें।
मतदार नोंदणी अधिकारी के इस पत्र का के अनुसार, लोग अपना वोट देने का अधिकार खो देंगे क्योंकि वो अभी अपनी पुराने इलाके में वोट नही कर पाएंगे और क्योंकि सरकार लोगों को नए घर देने में विफल रही है तो लोग कहीं भी वोट नही कर पाएंगे।
ज़ाहिर है यह निर्णय उन नेताओं के प्रभाव-दबाव में लिया जा रहा है जिन्होंने लोगों को माहुल के नर्क में भेजकर गलती की है।
नेता अपनी गलती सुधारने के बजाए लोगों की नागरिकता ही छीन रहे हैं। यह लोकतांत्रिक व्यवस्था के इतिहास में सरकार द्वारा सबसे घिनौना व्यवहार गरीबों के साथ किया जा रहा है। अनिता ने कहा कि यह निर्णय पूर्ण रूप से गैर कानूनी है और इसका हम पुरज़ोर विरोध करेंगे।
पत्र में बताया गया है कि जिन लोगों को माहुल में पुनर्वासित किया गया है उनका नाम मतदाता सूची से निकाला जा रहा है । इस मामले पर अनिता ढोले ने कहा कि मतदार नोंदणी अधिकारी को यह तो अच्छे से मालूम है कि तनसा पाइपलाइन प्रभावित लोगों को माहुल में पुनर्वासित किया है पर वह हाई कोर्ट के उस आदेश को नज़र अंदाज़ कर रहे हैं जिसमें कोर्ट ने सरकार को आदेश दिया है की लोगों को माहुल से निकाल कर कहीं और शिफ्ट करें।
मतदार नोंदणी अधिकारी के इस पत्र का के अनुसार, लोग अपना वोट देने का अधिकार खो देंगे क्योंकि वो अभी अपनी पुराने इलाके में वोट नही कर पाएंगे और क्योंकि सरकार लोगों को नए घर देने में विफल रही है तो लोग कहीं भी वोट नही कर पाएंगे।
ज़ाहिर है यह निर्णय उन नेताओं के प्रभाव-दबाव में लिया जा रहा है जिन्होंने लोगों को माहुल के नर्क में भेजकर गलती की है।
नेता अपनी गलती सुधारने के बजाए लोगों की नागरिकता ही छीन रहे हैं। यह लोकतांत्रिक व्यवस्था के इतिहास में सरकार द्वारा सबसे घिनौना व्यवहार गरीबों के साथ किया जा रहा है। अनिता ने कहा कि यह निर्णय पूर्ण रूप से गैर कानूनी है और इसका हम पुरज़ोर विरोध करेंगे।