बुलंदशहर के स्याना में कथित गोकशी को लेकर हुआ हंगामा और एसएचओ की सुबोध की हत्या सिर्फ सोशल मीडिया पर उपलब्ध सबूतों के कारण ही इस ओर इशारा कर रही है कि यह पूर्वनियोजित था। भगवा संगठन इंस्पेक्टर सुबोध को सबक सिखाना चाहते थे और इसके बारे में एक पत्र बुलंदशहर के बीजेपी सांसद भोला सिंह को लिखा गया था। वायरल हो रहे इस पत्र में जिक्र किया गया है कि इंस्पेक्टर सुबोध मुस्लिमों का पक्ष लेते हैं और हिंदुओं के धार्मिक कार्यक्रमों में रुकावट डालते हैं।
इसके अलावा इस मामले के मुख्य आरोपी औऱ बजरंग दल के जिला संयोजक योगेश राज की फेसबुक पोस्ट भी इस घटना का षड़यंत्र रचे जाने का इशारा कर रही हैं। योगेश राज ने 16 अगस्त को ट्वीट किया था, 'मैं भगत सिंह की राह पर चलने वाला हूं, जब तक धमाके नहीं होंगे तब तक बदलाव संभव नहीं। देश क्रांति मांग रहा है।' इस ट्वीट के जरिए वह किस तरह के धमाके की बात कर रहा था उसे रिमांड पर लेकर पुलिस ही निकलवा सकती है।
स्याना में हुई घटना की टाइमिंग को लेकर भी कई सवाल खड़े हो रहे हैं। भाजपा नेता भी मुस्लिमों के धार्मिक कार्यक्रम इज्तिमा को लेकर हैरत जताते हुए अनाप शनाप बयानबाजी में लगे हैं। उमा भारती ने कहा कि यह हैरत की बात है कि लाखों लोग एक टैंट में इकट्ठे हो गए। वे किस मकसद से हुए थे यह भी जानना जरूरी है।
एक सोशल मीडिया यूजर जगवीर सांगवान ने लिखा था कि मेरी ससुराल दरियापुर के नजदीक है। मैं कई दिन से इसी क्षेत्र में अपनी ससुराल में आया हुआ हूं। लेकिन जिस तरह का मामला नजर आ रहा है वह दिल को सकून देने वाला है। यहां लाखों लोग जमा हुए हैं और जगह जगह तिरंगे लगे हैं जिन्हें देखकर दिल गदगद हो रहा है। इन स्वयंसेवकों ने व्यवस्था को इस तरह संभाला हुआ है कि किसी को भी परेशानी नहीं हो और सारे लोग श्रमदान कर यहां रास्तों को ठीक कर रहे हैं औऱ आने वाले लोगों की सहायता में जुटे हैं।
सुबोध अग्रवाल भाजपा युवा मोर्च स्याना का अध्यक्ष है जो हिंसा में नौवां आऱोपी है।
इस घटना के कई वीडियो वायरल हो रहे हैं जिनमें एक वीडियो सुबोध कुमार सिंह की हत्या का भी है। इसके अलावा एक और वीडियो सामने आया है जिसमें किसी कुंदन नाम के व्यक्ति द्वारा गाय की हत्या किये जाने का जिक्र किया गया है। इस घटना पर यह भी सवाल खड़ा हो रहा है कि अगर किसी ने गोकशी की थी तो गाय के अंग इस तरह क्यों टांगे कि वे दूर से ही दिख जाएं। यह बात निश्चित तौर पर गोकशी का आरोप थोपने की साजिश के तौर पर देखी जा रही है लेकिन प्रशासन का रवैया अभी सामने नहीं आ पाया है।
सुबोध कुमार की हत्या पर उनके परिजनों का कहना है कि वे दादरी के अखलाक केस के विवेचना अधिकारी थे। इस मामले में वे निष्पक्षता के साथ काम कर रहे थे इसी वजह से उन्हें निशाना बनाया गया। सुबोध कुमार की बहन ने पुलिस पर भी उनकी हत्या का षड़यंत्र रचने का आऱोप लगाया है। यह आरोप वाजिब भी है क्योंकि इंस्पेक्टर सुबोध को छोड़कर उनके साथी पुलिसकर्मी कहां चले गए यह बड़ा सवाल है।
इससे सवाल पैदा हो रहा है कि क्या इज्तिमें में मारकाट कराने के लिए भगवा संगठन के लोगों ने यह चाल चली, कुंदन ने गोवध किया और भगवाधारियों ने लोगों में झूठी अफवाह फैला कर लोगों को इकट्ठा किया जिससे इज्तिमें से वापस आने वालों पर आक्रमण किया जा सके। जो शहीद इंस्पेक्टर सुबोध कुमार के कारण विफल हो गयी और इसी कारण उनकी इन लोनों ने हत्या कर दी। सुबोध कुमार को निश्चित रूप से इस साजिश के सबूत मिल चुके थे, उनकी हत्या का यह भी एक कारण यह भी माना जा रहा है। इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की उग्र भीड़ द्वारा की गई हत्या के बाद सूबे की योगी सरकार जहां विपक्ष के निशाने पर है वहीं योगी कैबिनेट के अपने मंत्री भी इस हत्या को पूर्व नियोजित साज़िश बता रहे हैं।
यूपी सरकार के कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने घटना की टाइमिंग पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि यह हिंसा उसी वक्त क्यों भड़की जब वहां मुस्लिमों का इज्तमा चल रहा था? उन्होंने कहा कि यह घटना पूर्व नियोजित थी। दंगा कराने के लिए पहले से योजना बनाई गई थी। दंगे के लिए लोगों को भड़काया गया।
राजभर ने इस घटना के लिए विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल और आरएसएस को जिम्मेदार ठहराया है। राजभर ने कहा कि यह यह सारे संगठन बीजेपी के लिए काम करते हैं। यह घटना को वोटों के लिए अंजाम दिया गया है। वोट के लिए बजरंग दल और वीएचपी लोगों की भावना भड़का रहे हैं। राजभर ने कहा कि इस घटना में बीजेपी का नेता भी पकड़ा गया है। जिन तीन लोगों की गिरफ्तारी हुई है, इसमें एक बीजेपी नेता भी है। इन लोगों ने जानबूझकर इज्तमा के दिन को हिंसा के लिए चुना ताकि बुलंदशहर की शांति को भंग किया जा सके।
इसके अलावा इस मामले के मुख्य आरोपी औऱ बजरंग दल के जिला संयोजक योगेश राज की फेसबुक पोस्ट भी इस घटना का षड़यंत्र रचे जाने का इशारा कर रही हैं। योगेश राज ने 16 अगस्त को ट्वीट किया था, 'मैं भगत सिंह की राह पर चलने वाला हूं, जब तक धमाके नहीं होंगे तब तक बदलाव संभव नहीं। देश क्रांति मांग रहा है।' इस ट्वीट के जरिए वह किस तरह के धमाके की बात कर रहा था उसे रिमांड पर लेकर पुलिस ही निकलवा सकती है।
स्याना में हुई घटना की टाइमिंग को लेकर भी कई सवाल खड़े हो रहे हैं। भाजपा नेता भी मुस्लिमों के धार्मिक कार्यक्रम इज्तिमा को लेकर हैरत जताते हुए अनाप शनाप बयानबाजी में लगे हैं। उमा भारती ने कहा कि यह हैरत की बात है कि लाखों लोग एक टैंट में इकट्ठे हो गए। वे किस मकसद से हुए थे यह भी जानना जरूरी है।
एक सोशल मीडिया यूजर जगवीर सांगवान ने लिखा था कि मेरी ससुराल दरियापुर के नजदीक है। मैं कई दिन से इसी क्षेत्र में अपनी ससुराल में आया हुआ हूं। लेकिन जिस तरह का मामला नजर आ रहा है वह दिल को सकून देने वाला है। यहां लाखों लोग जमा हुए हैं और जगह जगह तिरंगे लगे हैं जिन्हें देखकर दिल गदगद हो रहा है। इन स्वयंसेवकों ने व्यवस्था को इस तरह संभाला हुआ है कि किसी को भी परेशानी नहीं हो और सारे लोग श्रमदान कर यहां रास्तों को ठीक कर रहे हैं औऱ आने वाले लोगों की सहायता में जुटे हैं।
सुबोध अग्रवाल भाजपा युवा मोर्च स्याना का अध्यक्ष है जो हिंसा में नौवां आऱोपी है।
इस घटना के कई वीडियो वायरल हो रहे हैं जिनमें एक वीडियो सुबोध कुमार सिंह की हत्या का भी है। इसके अलावा एक और वीडियो सामने आया है जिसमें किसी कुंदन नाम के व्यक्ति द्वारा गाय की हत्या किये जाने का जिक्र किया गया है। इस घटना पर यह भी सवाल खड़ा हो रहा है कि अगर किसी ने गोकशी की थी तो गाय के अंग इस तरह क्यों टांगे कि वे दूर से ही दिख जाएं। यह बात निश्चित तौर पर गोकशी का आरोप थोपने की साजिश के तौर पर देखी जा रही है लेकिन प्रशासन का रवैया अभी सामने नहीं आ पाया है।
सुबोध कुमार की हत्या पर उनके परिजनों का कहना है कि वे दादरी के अखलाक केस के विवेचना अधिकारी थे। इस मामले में वे निष्पक्षता के साथ काम कर रहे थे इसी वजह से उन्हें निशाना बनाया गया। सुबोध कुमार की बहन ने पुलिस पर भी उनकी हत्या का षड़यंत्र रचने का आऱोप लगाया है। यह आरोप वाजिब भी है क्योंकि इंस्पेक्टर सुबोध को छोड़कर उनके साथी पुलिसकर्मी कहां चले गए यह बड़ा सवाल है।
इससे सवाल पैदा हो रहा है कि क्या इज्तिमें में मारकाट कराने के लिए भगवा संगठन के लोगों ने यह चाल चली, कुंदन ने गोवध किया और भगवाधारियों ने लोगों में झूठी अफवाह फैला कर लोगों को इकट्ठा किया जिससे इज्तिमें से वापस आने वालों पर आक्रमण किया जा सके। जो शहीद इंस्पेक्टर सुबोध कुमार के कारण विफल हो गयी और इसी कारण उनकी इन लोनों ने हत्या कर दी। सुबोध कुमार को निश्चित रूप से इस साजिश के सबूत मिल चुके थे, उनकी हत्या का यह भी एक कारण यह भी माना जा रहा है। इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की उग्र भीड़ द्वारा की गई हत्या के बाद सूबे की योगी सरकार जहां विपक्ष के निशाने पर है वहीं योगी कैबिनेट के अपने मंत्री भी इस हत्या को पूर्व नियोजित साज़िश बता रहे हैं।
यूपी सरकार के कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने घटना की टाइमिंग पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि यह हिंसा उसी वक्त क्यों भड़की जब वहां मुस्लिमों का इज्तमा चल रहा था? उन्होंने कहा कि यह घटना पूर्व नियोजित थी। दंगा कराने के लिए पहले से योजना बनाई गई थी। दंगे के लिए लोगों को भड़काया गया।
राजभर ने इस घटना के लिए विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल और आरएसएस को जिम्मेदार ठहराया है। राजभर ने कहा कि यह यह सारे संगठन बीजेपी के लिए काम करते हैं। यह घटना को वोटों के लिए अंजाम दिया गया है। वोट के लिए बजरंग दल और वीएचपी लोगों की भावना भड़का रहे हैं। राजभर ने कहा कि इस घटना में बीजेपी का नेता भी पकड़ा गया है। जिन तीन लोगों की गिरफ्तारी हुई है, इसमें एक बीजेपी नेता भी है। इन लोगों ने जानबूझकर इज्तमा के दिन को हिंसा के लिए चुना ताकि बुलंदशहर की शांति को भंग किया जा सके।