एनडीए की घटक आरएलडी पार्टी के अध्यक्ष और केंद्रीय उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि वह एनडीए में तो हैं लेकिन बीजेपी का अब तक जो प्रतिक्रिया है, वह ठीक नहीं। आगे क्या होगा, अभी नहीं पता। कुशवाहा ने कहा कि वह साल 2014 से एनडीए में हैं, जब बिहार के कई बीजेपी नेता ही नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाने को लेकर बोलते तक नहीं थे।
कुशवाहा ने जातिगत राजनीति करने के आरोप का खंडन करते हुए कहा कि ऐसा आरोप लगाने वाले गलत बोल रहे हैं। उन्होंने कहा, "अगर मैंने जाति को लेकर अब तक कोई बयान दिया है, तो कोई दिखा दे। हां, पिछड़ों, गरीब-गुरबों, अल्पसंख्यकों की बात मैंने शुरू से उठाई है और आगे भी उठाऊंगा।"
कुशवाहा से जब पूछा गया कि आरएलपी लोकसभा चुनाव के लिए टिकट बंटवारे में उपेक्षा कर रही है? तो कुशवाहा ने कहा, "आरएलएसपी किसी एक व्यक्ति की पार्टी नहीं है। आरएलएसपी जब भी कोई बड़ा फैसला लेती है तो कार्यकर्ताओं की राय जानकर ही लेती है। बीजेपी को 30 नवंबर का तक का समय दिया गया है। इसके बाद चार दिसंबर को आरएलएसपी के कार्यकर्ता वाल्मीकिनगर में जुटेंगे, तब आगे का निर्णय लिया जाएगा।"
इशारों ही इशारों में कई बार महागठबंधन (कांग्रेस, राजद, हम) में चले जाने की बात कह चुके कुशवाहा ने फिलहाल महागठबंधन में जाने या किसी नेता के संपर्क में होने को नकारते हुए कहा कि वह एनडीए में हैं और आगे भी रहना चाहते हैं, लेकिन सम्मान के साथ।
उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने का समय मांगा है, उनसे मिलकर उन्हें सबकुछ बताना चाहता हूं।"
उन्होंने कहा कि इसमें कोई शक नहीं है कि नीतीश कुमार की साख गिरी है। आरजेडी के 15 साल के शासनकाल और नीतीश कुमार की चली सरकार में अंतर पूछे जाने पर कुशवाहा ने कहा कि इस तरह तो एक-एक अंतर बता पाना मुश्किल है।
उन्होंने कहा, "लालू प्रसाद की सरकार में भी कई अच्छे काम हुए थे, लेकिन भ्रष्टाचार, शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क और विधि व्यवस्था की बुरी हालत को लेकर मतदाताओं ने उन्हें नकारकर नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाया था।"
उपेंद्र ने सवालिया लहजे में कहा, "नीतीश कुमार की सरकार में भी स्थिति कहां सुधरी है? इन समस्याओं से अभी भी बिहार के लोग परेशान हैं।" कुशवाहा ने कहा, "बिहार के बेरोजगारों और छात्रों का पलायन आज भी जारी है। कानून व्यवस्था की हालत भी खराब है। किसान अलग परेशानी से जूझ रहे हैं। स्वास्थ्य सेवाओं की हालत भी बदतर ही बनी हुई हैं।"
अगले विधानसभा चुनाव में अगर एनडीए की ओर से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार नीतीश कुमार को बनाया गया, तो आप उनका समर्थन करेंगे? यह पूछे जाने पर कुशवाहा ने कहा, "पहले तो लोकसभा चुनाव होना है, इसलिए उसी की बात की जानी चाहिए। उसके बाद बिहार विधानसभा चुनाव होगा। जब बिहार का चुनाव आएगा, तब देखा जाएगा।"
उन्होंने हालांकि यह भी कहा कि राजनीति में जिसकी साख गिर जाती है, उसके साथ रहने वालों को भी नुकसान उठाना पड़ता है।