नई दिल्ली। संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने से पहले केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने मोदी सरकार को बड़ा झटका दिया है। केंद्रीय मानव संसाधन राज्य मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है।उन्होंने अपना इस्तीफा पीएमओ को फैक्स कर दिया है। कुशवाहा के इस कदम से बिहार में राजनीतिक समीकरण बदल सकते हैं।
राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) प्रमुख कुशवाहा ने संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने के एक दिन पहले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की बैठक में शामिल होने से भी मना किया है। 2019 लोकसभा चुनाव में सीटों के बंटवारे को लेकर कुशवाहा नाराज चल रहे थे।
केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद आरएलएसपी प्रमुख उपेंद्र कुशवाह ने प्रेस कांन्फ्रेंस के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी पर हमला बोला। उन्होंने कहा, नरेंद्र मोदी जी बिहार के लोगों की उम्मीदों को पूरा नहीं कर सके। उन्होंने कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने के लिए कुछ भी नहीं किया गया। बिहार अभी भी वहीं है जहां यह पहले था। शिक्षा और स्वास्थ्य प्रणाली मौजूद नहीं है। बिहार के लिए कुछ भी नहीं किया गया।
इस दौरान कुशवाहा ने कहा, यह एक कड़वा अनुभव था। उन्होंने कहा, 'मैंने एनडीए में अपने शब्दों को दृढ़ता से प्रस्तुत करने का प्रयास किया था ताकि बिहार के लोग न्याय प्राप्त कर सकें। लेकिन इन सभी प्रयासों के बाद भी भाजपा बिहार के मुख्यमंत्री के साथ खड़ी थी। नीतीश जी ने सभी मोर्चों पर लोगों के साथ अन्याय किया है।
उपेंद्र कुशवाहा ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, राज्य सरकार विफल रही है। नीतीश जी का एजेंडा मुझे और मेरी पार्टी को नष्ट करना है। यह भाजपा द्वारा शुरू किया गया था। बिहार चुनाव में, सभी सहयोगियों की सीटों में वृद्धि हुई थी। लेकिन आरएलएसपी के साथ अन्याय किया गया।
पीएम मोदी को इस्तीफा भेजने के बाद मीडिया से बात करते हुए कुशवाहा ने कहा, इनकी (बीजेपी) कोशिश निरंतर रही है हमारी पार्टी को बर्बाद करने की, नीतीश जी की अलग कोशिश रही और दोनों मिल गए। नीतीश जी के साथ खड़े हुए बीजेपी के लोग और मेरा अपमान शुरू हो गया। नीतीश जी ने सार्वजनिक रूप से मुझे नीच कह कर संबोधित किया।
कुशवाहा ने कहा कि सब कुछ देखने के बाद मुझे लगा कि केंद्र की मोदी सरकार आरएसएस के एजेंडे को लागू करने वाली है और मुझे अब एक मिनट भी कैबिनेट में नहीं रहना चाहिए। इसलिए मैंने केंद्रीय मंत्री के रूप में अपना इस्तीफा दे दिया और मैंने यह भी फैसला किया है कि राष्ट्रीय लोक समता पार्टी अब एनडीए का हिस्सा नहीं रहेगी।
राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) प्रमुख कुशवाहा ने संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने के एक दिन पहले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की बैठक में शामिल होने से भी मना किया है। 2019 लोकसभा चुनाव में सीटों के बंटवारे को लेकर कुशवाहा नाराज चल रहे थे।
केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद आरएलएसपी प्रमुख उपेंद्र कुशवाह ने प्रेस कांन्फ्रेंस के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी पर हमला बोला। उन्होंने कहा, नरेंद्र मोदी जी बिहार के लोगों की उम्मीदों को पूरा नहीं कर सके। उन्होंने कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने के लिए कुछ भी नहीं किया गया। बिहार अभी भी वहीं है जहां यह पहले था। शिक्षा और स्वास्थ्य प्रणाली मौजूद नहीं है। बिहार के लिए कुछ भी नहीं किया गया।
इस दौरान कुशवाहा ने कहा, यह एक कड़वा अनुभव था। उन्होंने कहा, 'मैंने एनडीए में अपने शब्दों को दृढ़ता से प्रस्तुत करने का प्रयास किया था ताकि बिहार के लोग न्याय प्राप्त कर सकें। लेकिन इन सभी प्रयासों के बाद भी भाजपा बिहार के मुख्यमंत्री के साथ खड़ी थी। नीतीश जी ने सभी मोर्चों पर लोगों के साथ अन्याय किया है।
उपेंद्र कुशवाहा ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, राज्य सरकार विफल रही है। नीतीश जी का एजेंडा मुझे और मेरी पार्टी को नष्ट करना है। यह भाजपा द्वारा शुरू किया गया था। बिहार चुनाव में, सभी सहयोगियों की सीटों में वृद्धि हुई थी। लेकिन आरएलएसपी के साथ अन्याय किया गया।
पीएम मोदी को इस्तीफा भेजने के बाद मीडिया से बात करते हुए कुशवाहा ने कहा, इनकी (बीजेपी) कोशिश निरंतर रही है हमारी पार्टी को बर्बाद करने की, नीतीश जी की अलग कोशिश रही और दोनों मिल गए। नीतीश जी के साथ खड़े हुए बीजेपी के लोग और मेरा अपमान शुरू हो गया। नीतीश जी ने सार्वजनिक रूप से मुझे नीच कह कर संबोधित किया।
कुशवाहा ने कहा कि सब कुछ देखने के बाद मुझे लगा कि केंद्र की मोदी सरकार आरएसएस के एजेंडे को लागू करने वाली है और मुझे अब एक मिनट भी कैबिनेट में नहीं रहना चाहिए। इसलिए मैंने केंद्रीय मंत्री के रूप में अपना इस्तीफा दे दिया और मैंने यह भी फैसला किया है कि राष्ट्रीय लोक समता पार्टी अब एनडीए का हिस्सा नहीं रहेगी।