बुधवार को पटना के गांधी मैदान में सोमवार भीम आर्मी की ऐतिहासिक रैली हुई। जिसमें चंद्रशेखर आजाद के नेतृत्व में लाखों की संख्या में समर्थक वहां पहुंचे। लेकिन भीमक्रांति रैली को देश के मुख्यधारा कहे जाने वाले मीडिया एक बार फिर से नजरअंदाज कर दिया। यहीं नहीं बिहार के समाचार पत्रों ने भी इसे प्रमुखता से प्रकाशित नहीं किया है। इस पर भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर आजाद ने फेसबुक लाइव के जरिए चिंता व्यक्त की।
चंद्रशेखर ने फेसबुक लाइव में कहा कि देश के जितने भी अखबार हैं उन्होने पटना की रैली को ब्लैकआउट किया। इलैक्ट्रॉनिक मीडिया ने पूर्ण रुप से ब्लैकआउट किया। यह वह देश है जहां 200-200 लोगों की रैली होती है तो उसका सीधा प्रसारण दिखाया जाता है। वहीं दूसरी तरफ लाख लोगों की रैली होती है उसे जगह नहीं दी जाती है।
भीम आर्मी के संस्थापक ने आगे कहा कि जिस तरह से मीडिया लोकतंत्र में जनता की आवाज दबाने की कोशिश कर रहा है, इससे स्पष्ट होता है कि मीडिया कुछ लोगों के इशारों पर काम कर रहा है। उन्हें जरुरी लगता है तो दिखाते हैं और नहीं लगता है तो नहीं दिखाते हैं। ये वो लोग हैं जिन्हें भीम आर्मी की बढ़ती ताकत से खतरा है। यह लोकतंत्र का हनन है। इससे लोगों का मीडिया से भरोसा ही उठ जाएगा।
उन्होने आगे कहा, मैं समझ सकता हूं कि सरकार पर आपका दबाव है। अगर आप सच्ची खबरें दिखाते हैं तो सरकार आप पर प्रवर्तन निदेशालय, सीबीआई, आयकर विभाग के छापे मरवाती है। आप अघोषित आपातकाल में हैं लेकिन इतना भी न हो कि लोगों का विश्वास ही आप से उठ जाए।
चंद्रशेखर ने फेसबुक लाइव में कहा कि देश के जितने भी अखबार हैं उन्होने पटना की रैली को ब्लैकआउट किया। इलैक्ट्रॉनिक मीडिया ने पूर्ण रुप से ब्लैकआउट किया। यह वह देश है जहां 200-200 लोगों की रैली होती है तो उसका सीधा प्रसारण दिखाया जाता है। वहीं दूसरी तरफ लाख लोगों की रैली होती है उसे जगह नहीं दी जाती है।
भीम आर्मी के संस्थापक ने आगे कहा कि जिस तरह से मीडिया लोकतंत्र में जनता की आवाज दबाने की कोशिश कर रहा है, इससे स्पष्ट होता है कि मीडिया कुछ लोगों के इशारों पर काम कर रहा है। उन्हें जरुरी लगता है तो दिखाते हैं और नहीं लगता है तो नहीं दिखाते हैं। ये वो लोग हैं जिन्हें भीम आर्मी की बढ़ती ताकत से खतरा है। यह लोकतंत्र का हनन है। इससे लोगों का मीडिया से भरोसा ही उठ जाएगा।
उन्होने आगे कहा, मैं समझ सकता हूं कि सरकार पर आपका दबाव है। अगर आप सच्ची खबरें दिखाते हैं तो सरकार आप पर प्रवर्तन निदेशालय, सीबीआई, आयकर विभाग के छापे मरवाती है। आप अघोषित आपातकाल में हैं लेकिन इतना भी न हो कि लोगों का विश्वास ही आप से उठ जाए।