रमन सिंह अपनी सीट पर फंसे मुश्किल में

Written by Mahendra Narayan Singh Yadav | Published on: October 26, 2018
मुख्यमंत्री रमन सिंह वैसे तो भारतीय जनता पार्टी को लगातार चौथी बार सत्ता दिलाने के प्रति आश्वस्त लग रहे हैं, लेकिन इस बार उनको अपनी खुद की सीट पर मुश्किल होने लगी है।

Raman Singh

अब तक निर्विवाद और तकरीबन निर्विरोध तरीके से जीतते रहे रमन सिंह के खिलाफ कांग्रेस ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की भतीजी करुणा शुक्ला को ही मैदान में उतार दिया है।

2013 के विधानसभा चुनावों में करुणा शुक्ला की भाजपा ने जिस तरह से उपेक्षा की थी, वह उसे 2019 में मुश्किल में डाल रही है।

पूर्व लोकसभा सदस्य रही करुणा शुक्ला ने 2013 में ही भाजपा छोड़ दी थी और 2014 में तो वे बिलासपुर से कांग्रेस के टिकट पर लखन लाल साहू के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़ गई थीं। हालांकि वे हार गई थीं लेकिन इससे उनका भाजपा के खिलाफ गुस्सा और ज्यादा बढ़ गया और वो इस चुनाव में सामने
आ रहा है।

पहले तो माना जा रहा था कि करुणा शुक्ला की लड़ाई राजनांदगांव में केवल प्रतीकात्मक होगी, लेकिन अब मंगल सेना ने पूरे जोर-शोर से उनका साथ देने का फैसला करके रमन की मुश्किलें बढ़ा दी हैं।

मंगल सेना के संयोजक अमरेश मिश्रा ने अपने सारे कार्यकर्ताओं को राजनांदगांव में रमन के खिलाफ प्रचार करने के लिए बुला लिया है जिससे कांग्रेस के कमजोर संगठन को स्फूर्ति मिल गई है।

मंगल सेना यूपी विधानसभा परिसर में मंगल पांडे की प्रतिमा लगाने की मांग करती रही है लेकिन भाजपा की फासीवादी नीतियों का भी खुलकर विरोध करती रही है। उसे ब्राह्मणों का भी समर्थन हासिल है और संघ की नीतियों से असहमत अन्य तबकों का भी उसे पूरा साथ मिलता रहा है।

रिश्ते की बात भी इस चुनाव में आ रही है। करुणा शुक्ला के भतीजे अमरेश मिश्रा ही मंगल सेना के संयोजक हैं और उनके समर्थकों की संख्या काफी तादाद में है।

रमन को खतरा अब ये है कि करुणा शुक्ला की चुनौती के कारण उन्हें अब ज्यादा से ज्यादा समय अपनी राजनांदगांव सीट पर देना पड़ेगा और वे बाकी प्रदेश में कम समय दे पाएंगे।
 
 
 

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