वसुंधरा राजे के खिलाफ एक हुए ‘राम’ और ‘हनुमान’

Written by Mahendra Narayan Singh Yadav | Published on: October 23, 2018
भारतीय जनता पार्टी और राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भले ही राम के नाम पर वोट मांगती रही हों, लेकिन इस बार विधानसभा चुनावों में राम और हनुमान की एक जोड़ी उसके लिए चुनौती पेश करने को तैयार है।

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किसान नेता हनुमान बेनीवाल तो वसुंधरा राजे का कड़ा विरोध करते ही रहे हैं, और राजस्थान में तीसरा मोर्चा बनाने में जुटे हैं, लेकिन अब उन्हें किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे रामपाल जाट भी उनके साथ मिलकर तीसरे मोर्चे को मजबूती देने में लग गए हैं।

इस तरह से वसुंधरा राजे के खिलाफ किसानों का सशक्त मोर्चा बनता दिख रहा है। संयोग की बात ये है कि वसुंधरा के खिलाफ हाथ मिलाने वाले दोनों बड़े नेताओं के नाम ‘राम’ और ‘हनुमान’ ही हैं।

इतना ही नहीं, एक और वसुंधरा विरोधी नेता घनश्याम तिवाड़ी भी है, जिनके नाम का पर्यायवाची कृष्ण है। घनश्याम तिवाड़ी तो भारत वाहिनी नाम से अपनी अलग पार्टी बना चुके हैं और वसुंधरा राजे के खिलाफ काफी मुखर रहे हैं।

अब ये राम, कृष्ण और हनुमान मिलकर हर हालत में भारतीय जनता पार्टी को ही नहीं, मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को भी सत्ता से हटाना चाहते हैं।

अपनी ताकत बढ़ाने के लिए ये नेता बहुजन समाज पार्टी से भी हाथ मिलाने को तैयार है, जिसका राजस्थान में काफी अच्छा आधार रहा है।

अगर ये सब ताकतें मिल जाती हैं तो पहले से ही सत्ता विरोधी लहर का सामना कर रही भाजपा सरकार को मुश्किल हो सकती है।
 

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