केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने विवादित बयान दिया है। जावड़ेकर ने शैक्षणिक संस्थानों से कहा है कि संस्थान की बेहतरी के लिए सरकार के सामने 'मदद के लिए हाथ फैलाने' की बजाय उन्हें अपने पूर्व छात्रों के संगठनों की मदद लेनी चाहिए. केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री शुक्रवार को ज्ञान प्रबोधिनी स्कूल द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे.
जावड़ेकर ने कहा, 'पूरे विश्व में, शैक्षणिक संस्थानों को कौन चलाता है? पूर्व छात्र चलाते हैं. विश्वभर में विश्वविद्यालय कौन चलाते हैं? पूर्व छात्र जो अपने-अपने क्षेत्र में उम्दा साबित हुए हैं.'
उन्होंने कहा, 'ऐसे छात्र अपने शैक्षणिक संस्थानों के लिए वापस कुछ करते हैं. ज्ञान प्रबोधिनी इस तरह के नजरिए को कई सालों से अपने छात्रों में विकसित कर रहा है और अपने पूर्व छात्रों के योगदान की वजह से संस्थान पिछले 50 सालों से सफलतापूर्वक चल रहा है.'
जावड़ेकर ने कहा कि कुछ स्कूल हैं जो मदद के लिए बार-बार हाथ फैलाते हुए सरकार के पास चले आते हैं जबकि असल मदद (पूर्व छात्र) उनके भीतर ही मौजूद हैं.
जावड़ेकर ने कहा, 'पूरे विश्व में, शैक्षणिक संस्थानों को कौन चलाता है? पूर्व छात्र चलाते हैं. विश्वभर में विश्वविद्यालय कौन चलाते हैं? पूर्व छात्र जो अपने-अपने क्षेत्र में उम्दा साबित हुए हैं.'
उन्होंने कहा, 'ऐसे छात्र अपने शैक्षणिक संस्थानों के लिए वापस कुछ करते हैं. ज्ञान प्रबोधिनी इस तरह के नजरिए को कई सालों से अपने छात्रों में विकसित कर रहा है और अपने पूर्व छात्रों के योगदान की वजह से संस्थान पिछले 50 सालों से सफलतापूर्वक चल रहा है.'
जावड़ेकर ने कहा कि कुछ स्कूल हैं जो मदद के लिए बार-बार हाथ फैलाते हुए सरकार के पास चले आते हैं जबकि असल मदद (पूर्व छात्र) उनके भीतर ही मौजूद हैं.