बारिश का मौसम आते ही छत्तीसगढ़ में पीलिया का प्रकोप फैलने लगा है। दूर-दराज के गांवों में इलाज की कोई समुचित व्यवस्था न होने के कारण मरीजों की हालत बिगड़ रही है और कुछ निजी अस्पतालों में इलाज कराने को मजबूर हैं।
बलौदाबाजार जिले में मुख्यालय से सटे ढनढनी गांव में दो महीने से पीलिया फैला हुआ है, लेकिन उनके इलाज का कोई इंतजाम नहीं है।
खास बात ये भी है कि ढनढनी निजी सीमेंट प्लांट ने गोद लिया हुआ है, लेकिन यह भी एक औपचारिकता ही है। लोगों का कहना है कि सीमेंट प्लांट में काम करने वाले लोग भी पीलिया से पीड़ित हैं। लोगों का कहना है कि पीने के दूषित पानी की वजह से पीलिया फैल रहा है, लेकिन साफ पानी का कोई इंतजाम न होने से लोग मजबूरी में गंदा पानी पीने और बीमार पड़ने पर मजबूर हैं।
पत्रिका की खबर के अनुसार, इस गांव में अब भी करीब दो दर्जन लोग पीलिया से पीड़ित हैं, जिनमें से अधिकतर इमामी सीमेंट संयंत्र में काम करने वाले हैं। संयंत्र मे काम करने वाले ग्रामीणों का भी कहन है कि संयंत्र में कर्मचारियों को जो पीने का पानी मिलता है, वह दूषित है जिसके कारण लोग पीलिया के शिकार हो रहे हैं।
यह स्थिति केवल ढनढनी गांव की नहीं है, बल्कि आसपास के कई गांवों में यही स्थिति है, और जरूरत इन गांवों में विशेष जांच शिविर लगाए जाने की है, लेकिन सरकार को इनकी कोई परवाह नहीं है। मरीजों की सही तरह से दवा भी नहीं मिल पा रही है।
गांवों में साफ-सफाई का भी कोई इंतजाम नहीं है। बरसात का मौसम आने के कारण स्थिति और खराब हो गई है और आशंका है कि आने वाले समय में मरीजों की तादाद और बढ़ सकती है।
जिला चिकित्सालय बलौदाबाजार में भी बीते कुछ दिनों से पीलिया के मरीजों की संख्या बढ़ी है, और डॉक्टर इसका कारण दूषित पेयजल को ही बता रहे हैं।
बलौदाबाजार जिले में मुख्यालय से सटे ढनढनी गांव में दो महीने से पीलिया फैला हुआ है, लेकिन उनके इलाज का कोई इंतजाम नहीं है।
खास बात ये भी है कि ढनढनी निजी सीमेंट प्लांट ने गोद लिया हुआ है, लेकिन यह भी एक औपचारिकता ही है। लोगों का कहना है कि सीमेंट प्लांट में काम करने वाले लोग भी पीलिया से पीड़ित हैं। लोगों का कहना है कि पीने के दूषित पानी की वजह से पीलिया फैल रहा है, लेकिन साफ पानी का कोई इंतजाम न होने से लोग मजबूरी में गंदा पानी पीने और बीमार पड़ने पर मजबूर हैं।
पत्रिका की खबर के अनुसार, इस गांव में अब भी करीब दो दर्जन लोग पीलिया से पीड़ित हैं, जिनमें से अधिकतर इमामी सीमेंट संयंत्र में काम करने वाले हैं। संयंत्र मे काम करने वाले ग्रामीणों का भी कहन है कि संयंत्र में कर्मचारियों को जो पीने का पानी मिलता है, वह दूषित है जिसके कारण लोग पीलिया के शिकार हो रहे हैं।
यह स्थिति केवल ढनढनी गांव की नहीं है, बल्कि आसपास के कई गांवों में यही स्थिति है, और जरूरत इन गांवों में विशेष जांच शिविर लगाए जाने की है, लेकिन सरकार को इनकी कोई परवाह नहीं है। मरीजों की सही तरह से दवा भी नहीं मिल पा रही है।
गांवों में साफ-सफाई का भी कोई इंतजाम नहीं है। बरसात का मौसम आने के कारण स्थिति और खराब हो गई है और आशंका है कि आने वाले समय में मरीजों की तादाद और बढ़ सकती है।
जिला चिकित्सालय बलौदाबाजार में भी बीते कुछ दिनों से पीलिया के मरीजों की संख्या बढ़ी है, और डॉक्टर इसका कारण दूषित पेयजल को ही बता रहे हैं।