मध्यप्रदेश में किसानों की आत्महत्याओं का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है होशंगाबाद जिले में भी कर्ज के कारण परेशान एक किसान ने कीटनाशक पीकर अपनी जान दे दी।

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दैनिक भास्कर की खबर के मुताबिक, मृतक बृजमोहन पटेल पिपरिया के पास गड़ागांव का निवासी था। उसके पास 12 एकड़ जमीन थी और उसके ऊपर बैंकों का 5 लाख रुपए से ज्यादा का कर्ज था जिसे वह चुका नहीं पा रहा था।
बृजमोहन के बड़े भाई मदनलाल पटेल ने बताया कि कर्ज के तनाव में बृजमोहन ने रविवार की शाम कीटनाशक पी लिया। उसे गंभीर हालत में परिजन पिपरिया के अस्पताल ले गए जहां कुछ ही देर में उसकी मौत हो गई। 40 वर्षीय बृजमोहन के दो छोटे बच्चे हैं।
नईदुनिया के मुताबिक, बृजमोहन पटेल ने मूंग की फसल बोई थी, लेकिन फसल का सही दाम न मिलने से वह मुसीबत में फंस गया था। कर्ज के लिए उसने अपनी पत्नी के सोने के गहने भी बैंक में गिरवी रखे थे। उसे पिछले साल भी मूंग की फसल का एक पैसा नहीं मिला था।
किसान की आत्महत्या की खबर के बाद कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने अस्पताल में नारेबाजी की और मृतक के परिजनों को उचित मुआवजा देने की मांग की। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, मध्यप्रदेश में तीन किसान हर रोज आत्महत्या कर रहे हैं, जिसकी पुष्टि नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों से भी होती है। 2010 से 2015 के बीच हर दिन जान देने वाले किसानों की संख्या 3 रही। उसके बाद भी लगातार ये सिलसिला कम नहीं हुआ है। पिछले माह ही कम से 5 मामले किसानों की आत्महत्या के सामने आए।