मध्यप्रदेश: बिजली आउटसोर्स कर्मचारियों का धरना शुरू, आमरण अनशन की चेतावनी

Written by Mahendra Narayan Singh Yadav | Published on: June 26, 2018
मध्यप्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार के खिलाफ जन असंतोष लगातार उजागर हो रहा है। किसानों और छात्रों के साथ-साथ सरकारी कर्मचारियों में भी आम धारणा बन रही है कि शिवराज सिंह चौहान केवल वादे और घोषणाएं करते हैं, और बाद में मुकर जाते हैं।

Power employee

ऐसी ही असंतोष बिजली विभाग के आउटसोर्स कर्मचारियों में देखा जा रहा है जो दस दिन के धरने पर बैठ गए हैं। मध्यप्रदेश बिजली आउटसोर्स कर्मचारी संगठन का कहना है कि अभी दस दिनों तक शांतिपूर्वक आंदोलन चलेगा, लेकिन इसके बाद भी अगर सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानी तो प्रदेश के सारे आउटसोर्स बिजली कर्मचारी राज्यभर में काम बंद कर देंगे। राज्यभर में करीब 45 हजार आउट सोर्स कर्मचारी हैं।

नईदुनिया की खबर के मुताबिक, मध्यप्रदेश बिजली आउटसोर्स कर्मचारी संगठन ने अपने प्रदेशव्यापी धरने के लिए अनिश्चितकालीन प्रदर्शन की अनुमति मांगी थी, लेकिन प्रशासन ने उन्हें केवल 10 दिन की अनुमति दी है। कर्मचारियों का कहना है कि अब सरकार को इन्हीं दस दिनों में उनकी मांगों पर विचार करना होगा और उन पर अमल भी करना होगा, वरना राज्यव्यापी हड़ताल शुरू कर दी जाएगी।

दैनिक भास्कर की खबर में बताया गया है कि उज्जैन में टॉवर चौक पर धरना शुरू हुआ है। धरने की शुरुआत ही मध्यप्रदेश बिजली आउटसोर्स कर्मचारी संगठन ने दुर्घटनाओं में मारे गए कर्मचारियों को श्रद्धांजलि देकर की। कर्मचारियों का कहना है कि आउटसोर्स में काम करने वाले 400 से ज्यादा लाइनमैन दुर्घटनाओं के शिकार होकर मारे जा चुके हैं और इनके परिजनों को न तो ठेकेदार से कोई सहायता मिलती है और न ही बिजली कंपनी से।

मध्यप्रदेश बिजली आउटसोर्स कर्मचारी संगठन की प्रमुख मांगों में समान काम-समान वेतन, बीमा और ग्रेच्युटी का लाभ, बिजली कंपनी में नियमितीकरण, और जोखिम संबंधी प्रावधान शामिल करने की हैं। कर्मचारियों का कहना है कि काम के हिसाब से उन्हें 18, 360 रुपए वेतन मिलना चाहिए, लेकिन मिलते उन्हें केवल 6 से 8 हजार रुपए ही हैं।

केवल उज्जैन में ही 1400 से ज्यादा आउटसोर्स कर्मचारी धरने पर बैठे हैं। फिलहाल ये ड्यूटी करने के बाद हड़ताल पर आते हैं।
 
 
 

बाकी ख़बरें