नई दिल्ली। केंद्र सरकार के कल्याणकारी योजनाओं के लिए आधार कार्ड अनिवार्य करने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने गलत करार दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि ज्यादातर कल्याणकारी स्कीमों के लिए आधार कार्ड अनिवार्य करने का फैसला सही नहीं है। अदालत ने आधार अनिवार्य करने के फैसलों के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा, 'सरकार अपनी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ देने के लिए आधार को अनिवार्य नहीं बना सकती।'

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हालांकि सरकार को बैंक खाते खोलने जैसी अन्य योजनाओं में आधार का इस्तेमाल करने से रोका नहीं जा सकता। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आधार को चुनौती देने वाली याचिकाओं की सुनवाई के लिए सात न्यायाधीशों की एक पीठ गठित की जानी है लेकिन इस समय ऐसा संभव नहीं है।
चीफ जस्टिस जेएस खेहर की अगुवाई वाली बेंच ने कहा, 'सामाजिक कल्याण की योजनाओं के लिए आधार को जरूरी नहीं किया जा सकता। लेकिन, इसे गैर-लाभकारी योजनाओं के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। हमारा पिछला आदेश पूरी तरह स्पष्ट था। इनकम टैक्स जैसी गैर-लाभकारी योजनाओं में आधार को अनिवार्य किए जाने से सरकार को रोका नहीं जा सकता।'
आपको बता दें कि हाल ही में सरकार ने करीब एक दर्जन केंद्र सरकार की योजनाओं के लाभार्थियों के लिए 12 अंकों वाले आधार कार्ड को अनिवार्य करने का फैसला लिया है। इसमें स्कूलों में बच्चों को दिए जाने वाले मिड-डे मील की स्कीम भी शामिल थी, जिस पर बाद में छूट देने का फैसला लिया गया।
इसके अलावा पिछड़े वर्ग और विकलांगों को मिलने वाली स्कॉलरशिप के लिए भी आधार को अनिवार्य करने का फैसला लिया गया है। सरकार का कहना है कि वह सुनिश्चित करेगी कि 30 जून तक सभी लोगों के पास आधार कार्ड हों। सब्सिडी पर एलपीजी गैस लेने और खाद्य पदार्थों के लिए भी सरकार ने आधार को अनिवार्य किया है।
आधार कार्ड को पैन कार्ड और आयकर रिटर्न भरने के लिए भी अनिवार्य कर दिया गया है। साथ ही रियायती दर पर ट्रेन यात्रा के लिए टिकटों को आरक्षण कराने वाले वरिष्ठ नागरिकों के लिए आधार कार्ड अनिवार्य किये जाने की पहल चल रही है।
राशन की दुकानों से सब्सिडी वाला जरूरी सामान खरीदने के लिए भी आधार कार्ड को लेकर नोटिफिकेशन जारी किया जा चुका है। राशन कार्ड रखने वाले जिन लोगों के पास आधार नहीं है, उन्हें 30 जून तक इसके लिए अप्लाई करने का वक्त दिया गया है।
संपादन- भवेंद्र प्रकाश
Courtesy: National Dastak

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हालांकि सरकार को बैंक खाते खोलने जैसी अन्य योजनाओं में आधार का इस्तेमाल करने से रोका नहीं जा सकता। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आधार को चुनौती देने वाली याचिकाओं की सुनवाई के लिए सात न्यायाधीशों की एक पीठ गठित की जानी है लेकिन इस समय ऐसा संभव नहीं है।
चीफ जस्टिस जेएस खेहर की अगुवाई वाली बेंच ने कहा, 'सामाजिक कल्याण की योजनाओं के लिए आधार को जरूरी नहीं किया जा सकता। लेकिन, इसे गैर-लाभकारी योजनाओं के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। हमारा पिछला आदेश पूरी तरह स्पष्ट था। इनकम टैक्स जैसी गैर-लाभकारी योजनाओं में आधार को अनिवार्य किए जाने से सरकार को रोका नहीं जा सकता।'
आपको बता दें कि हाल ही में सरकार ने करीब एक दर्जन केंद्र सरकार की योजनाओं के लाभार्थियों के लिए 12 अंकों वाले आधार कार्ड को अनिवार्य करने का फैसला लिया है। इसमें स्कूलों में बच्चों को दिए जाने वाले मिड-डे मील की स्कीम भी शामिल थी, जिस पर बाद में छूट देने का फैसला लिया गया।
इसके अलावा पिछड़े वर्ग और विकलांगों को मिलने वाली स्कॉलरशिप के लिए भी आधार को अनिवार्य करने का फैसला लिया गया है। सरकार का कहना है कि वह सुनिश्चित करेगी कि 30 जून तक सभी लोगों के पास आधार कार्ड हों। सब्सिडी पर एलपीजी गैस लेने और खाद्य पदार्थों के लिए भी सरकार ने आधार को अनिवार्य किया है।
आधार कार्ड को पैन कार्ड और आयकर रिटर्न भरने के लिए भी अनिवार्य कर दिया गया है। साथ ही रियायती दर पर ट्रेन यात्रा के लिए टिकटों को आरक्षण कराने वाले वरिष्ठ नागरिकों के लिए आधार कार्ड अनिवार्य किये जाने की पहल चल रही है।
राशन की दुकानों से सब्सिडी वाला जरूरी सामान खरीदने के लिए भी आधार कार्ड को लेकर नोटिफिकेशन जारी किया जा चुका है। राशन कार्ड रखने वाले जिन लोगों के पास आधार नहीं है, उन्हें 30 जून तक इसके लिए अप्लाई करने का वक्त दिया गया है।
संपादन- भवेंद्र प्रकाश
Courtesy: National Dastak