दिल्ली के इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित कुलदीप नैयर अवार्ड से पत्रकार रवीश कुमार को सम्मानित किया गया। गांधी पीस फाउंडेशन द्वारा आयोजित कार्यक्रम में उन्हें अवार्ड के साथ 1 लाख रूपये की धनराशि भी दी गई।

इस मौके पर रवीश कुमार की पत्नी डॉ नैना के अलावा खुद कुलदीप नैयर, आशीष नंदी, विश्वनाथ त्रिपाठी, डॉ अपूर्वानंद, क़ुरबान अली और ओम थानवी आदि मौजूद थे।
रवीश ने इस मौके पर भावुक होते हुए अपना भाषण पढ़ा। वह अपनी स्पीच लिखकर लाए थे। उन्होंने मौजूदा दौर की पत्रकारिता और पत्रकारों पर व्यंगात्मक लहजे में कहा कि ‘पत्रकारिता पर कोई खतरा नहीं है, पत्रकार मौज में हैं।
उन्होंने आगे कहा कि ‘न्यूज एंकर हमारे समय का सबसे बड़ा गुंडा है, जो जो विकल्प की आवाजों को दबाने के लिए रोजाना थर्ड डिग्री का इस्तेमाल करता है।’
गांधी शांति प्रतिष्ठान हिन्दी एवमं भारतीय भाषाओं में मूल्यों पर आधारित पत्रकारिता करने वाले श्रेष्ठ पत्रकार को यह पुरस्कार हर साल दिया जाएगा। पत्रकारिता जगत में अपनी अलग पहचान बना चुके एनडीटीवी के पत्रकार रवीश कुमार को भाषाई पत्रकारिता में पहचान बना चुके और संजीदा पत्रकारिता में विख्यात होने के कारण इस वर्ष इस सम्मान से नवाज़ा गया।
सम्मान का आयोजन गांधी शांति प्रतिष्ठान के तत्वावधान में हुआ है। प्रतिष्ठान के अध्यक्ष कुमार प्रशांत ने बताया कि यह सम्मान हर वर्ष दिया जाएगा। सुपात्र का निर्णय सात सदस्यों की समिति करेगी।
Courtesy: Janta Ka Reporter

इस मौके पर रवीश कुमार की पत्नी डॉ नैना के अलावा खुद कुलदीप नैयर, आशीष नंदी, विश्वनाथ त्रिपाठी, डॉ अपूर्वानंद, क़ुरबान अली और ओम थानवी आदि मौजूद थे।
रवीश ने इस मौके पर भावुक होते हुए अपना भाषण पढ़ा। वह अपनी स्पीच लिखकर लाए थे। उन्होंने मौजूदा दौर की पत्रकारिता और पत्रकारों पर व्यंगात्मक लहजे में कहा कि ‘पत्रकारिता पर कोई खतरा नहीं है, पत्रकार मौज में हैं।
गांधी शांति प्रतिष्ठान हिन्दी एवमं भारतीय भाषाओं में मूल्यों पर आधारित पत्रकारिता करने वाले श्रेष्ठ पत्रकार को यह पुरस्कार हर साल दिया जाएगा। पत्रकारिता जगत में अपनी अलग पहचान बना चुके एनडीटीवी के पत्रकार रवीश कुमार को भाषाई पत्रकारिता में पहचान बना चुके और संजीदा पत्रकारिता में विख्यात होने के कारण इस वर्ष इस सम्मान से नवाज़ा गया।
सम्मान का आयोजन गांधी शांति प्रतिष्ठान के तत्वावधान में हुआ है। प्रतिष्ठान के अध्यक्ष कुमार प्रशांत ने बताया कि यह सम्मान हर वर्ष दिया जाएगा। सुपात्र का निर्णय सात सदस्यों की समिति करेगी।
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