नई दिल्ली। यूपी चुनाव जीतने के लिए बीजेपी ने तमाम बड़े-बड़े वादे किए थे। उन्हीं वादों में से एक था किसानों का ऋण माफ करना। लेकिन एसबीआई की चेयरपर्सन अरूंधति भट्टाचार्य ने बीजेपी के वादे को जुमला साबित करने के लिए पहल शुरू कर दी है।
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दरअसल किसानों के ऋण माफ करने की योजना पर ऐतराज जताते हुए भारतीय स्टेट बैंक की चेयरपर्सन अरूंधति भट्टाचार्य ने बुधवार को कहा कि इस तरह की योजनाओं से बैंक और कर्ज लेने वालों के बीच अनुशासन बिगड़ता है। इससे बैंक को भी परेशानी उठानी पड़ती है।
उत्तर प्रदेश के हाल में संपन्न हुए विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी ने सत्ता में आने पर राज्य के किसानों के लिए ऋण माफी योजना लाने का वादा किया है। सीआईआई के एक कार्यक्रम में भट्टाचार्य ने संवादाताओं के साथ बातचीत के दौरान कहा कि हमारा मानना है कि कर्ज माफी जैसी योजनाओं से बैंक और कर्जदार के बीच जो एक अनुशासन बना रहता है वह बिगड़ता है। जिन लोगों को कर्ज माफी मिलती है, उन्हें भविष्य में भी इस तरह की कर्ज माफी मिलने की उम्मीद रहती है।
अब देखना दिलचस्प होगा की क्या बीजेपी अपने वादे के अनुसार किसानों का कर्ज माफ करती है, या इसे भी अपने पुराने वादों की तरह चुनावी जुमला कह कर पल्ला झाड़ लेगी?
Courtesy: National Dastak
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उत्तर प्रदेश के हाल में संपन्न हुए विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी ने सत्ता में आने पर राज्य के किसानों के लिए ऋण माफी योजना लाने का वादा किया है। सीआईआई के एक कार्यक्रम में भट्टाचार्य ने संवादाताओं के साथ बातचीत के दौरान कहा कि हमारा मानना है कि कर्ज माफी जैसी योजनाओं से बैंक और कर्जदार के बीच जो एक अनुशासन बना रहता है वह बिगड़ता है। जिन लोगों को कर्ज माफी मिलती है, उन्हें भविष्य में भी इस तरह की कर्ज माफी मिलने की उम्मीद रहती है।
अब देखना दिलचस्प होगा की क्या बीजेपी अपने वादे के अनुसार किसानों का कर्ज माफ करती है, या इसे भी अपने पुराने वादों की तरह चुनावी जुमला कह कर पल्ला झाड़ लेगी?
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