झांसी। पैथालॉजी की आंतरिक परीक्षा देने के पहले ही अपनी जीवनलीला खत्म करने वाले महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के दलित छात्र अश्वनी कुमार को इंसाफ के लिए साथी छात्रों ने प्रदर्शन किया।
इस प्रदर्शन में 5 मार्च को किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय लखनऊ के मुख्य गेट छत्रपति शाहूजी महाराज की मूर्ति के पास लगभग 300 छात्र-छात्राएं जूनियर रेजिडेंट तथा कई सामाजिक संगठन शामिल हुए।
इन सभी ने एमबीबीएस द्वितीय वर्ष के छात्र डॉ अश्वनी कुमार की आत्महत्या को इंस्टीट्यूशनल मर्डर बताया। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि पिछले तीन साल में 5 छात्र, छात्राएं और एक अध्यापक ने आत्महत्या की है, जोकि इंस्टीट्यूशनल मर्डर हैं।
इन मामलों में संस्था को चलाने वाले प्रधानाचार्य डॉक्टर सेंगर Pharmacology विभाग अध्यक्ष डॉक्टर शर्मा तथा डॉक्टर पंकज चौधरी तथा अन्य जिन विभागों से संबंधित छात्र-छात्राओं ने आत्महत्या की है उनके प्रमुखों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए जिससे संस्थागत मर्डर पर रोक लग सके।
यहां छात्रों ने रोहित वेमुला को भी याद किया। उन्होंने कहा कि पूरे देश के हालात अलग नहीं हैं। देशभर में छात्रों को प्रताड़ित किया जा रहा है। शिक्षा से दूर करने के लिए तमाम तरह के प्रयत्न किए जा रहे हैं।
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि एक और रोहित वेमुला हमारे बीच से चला गया। इसके लिए सामाजिक संगठनों ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, उत्तर प्रदेश के गवर्नर आदि को ज्ञापन देकर इस मामले की सीबीआई जांच कराए जाने की मांग की है। मांग में कहा गया है कि दोषियों के प्रति एससी एसटी एक्ट के तहत कार्रवाई की जाए।
छात्रों ने कैंडल मार्च भी निकाला। कैंडल मार्च किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी की मुख्य गेट से गायनाकोलोजी डिपार्टमेंट होते हुए डेंटल होते हुए चौक चौराहे तक गया। वहां से पुनः वापिस मेडिकल कॉलेज OPD तथा मुख्य पर पहुंचा जहां पर अन्य सामाजिक संगठनों ने गेट पर ही अपनी उसका समापन किया। छात्र-छात्राएं तथा किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी की रेसिडेंट ने मेडिकल कॉलेज के अंदर होते हुए कुलपति कार्यालय जाकर वहां से लौटकर पुन इस प्रोटेस्ट का समापन मुख्य गेट जहां से प्रोटेस्ट शुरू हुआ था वहीं समापन किया।
इन्होंने अपील की कि उत्तर प्रदेश ही नहीं भारत की समस्त मेडिकल कालेज संस्थाओं और विश्वविद्यालयों में भी अश्वनी कुमार की आत्महत्या के विरोध में न्याय के लिए प्रोटेस्ट निकाले जाएं जिससे भविष्य में अन्य रोहित बेमुला जैसे कांड ना हो सकें।
Courtesy: National Dastak
इस प्रदर्शन में 5 मार्च को किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय लखनऊ के मुख्य गेट छत्रपति शाहूजी महाराज की मूर्ति के पास लगभग 300 छात्र-छात्राएं जूनियर रेजिडेंट तथा कई सामाजिक संगठन शामिल हुए।
इन सभी ने एमबीबीएस द्वितीय वर्ष के छात्र डॉ अश्वनी कुमार की आत्महत्या को इंस्टीट्यूशनल मर्डर बताया। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि पिछले तीन साल में 5 छात्र, छात्राएं और एक अध्यापक ने आत्महत्या की है, जोकि इंस्टीट्यूशनल मर्डर हैं।
इन मामलों में संस्था को चलाने वाले प्रधानाचार्य डॉक्टर सेंगर Pharmacology विभाग अध्यक्ष डॉक्टर शर्मा तथा डॉक्टर पंकज चौधरी तथा अन्य जिन विभागों से संबंधित छात्र-छात्राओं ने आत्महत्या की है उनके प्रमुखों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए जिससे संस्थागत मर्डर पर रोक लग सके।
यहां छात्रों ने रोहित वेमुला को भी याद किया। उन्होंने कहा कि पूरे देश के हालात अलग नहीं हैं। देशभर में छात्रों को प्रताड़ित किया जा रहा है। शिक्षा से दूर करने के लिए तमाम तरह के प्रयत्न किए जा रहे हैं।
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि एक और रोहित वेमुला हमारे बीच से चला गया। इसके लिए सामाजिक संगठनों ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, उत्तर प्रदेश के गवर्नर आदि को ज्ञापन देकर इस मामले की सीबीआई जांच कराए जाने की मांग की है। मांग में कहा गया है कि दोषियों के प्रति एससी एसटी एक्ट के तहत कार्रवाई की जाए।
छात्रों ने कैंडल मार्च भी निकाला। कैंडल मार्च किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी की मुख्य गेट से गायनाकोलोजी डिपार्टमेंट होते हुए डेंटल होते हुए चौक चौराहे तक गया। वहां से पुनः वापिस मेडिकल कॉलेज OPD तथा मुख्य पर पहुंचा जहां पर अन्य सामाजिक संगठनों ने गेट पर ही अपनी उसका समापन किया। छात्र-छात्राएं तथा किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी की रेसिडेंट ने मेडिकल कॉलेज के अंदर होते हुए कुलपति कार्यालय जाकर वहां से लौटकर पुन इस प्रोटेस्ट का समापन मुख्य गेट जहां से प्रोटेस्ट शुरू हुआ था वहीं समापन किया।
इन्होंने अपील की कि उत्तर प्रदेश ही नहीं भारत की समस्त मेडिकल कालेज संस्थाओं और विश्वविद्यालयों में भी अश्वनी कुमार की आत्महत्या के विरोध में न्याय के लिए प्रोटेस्ट निकाले जाएं जिससे भविष्य में अन्य रोहित बेमुला जैसे कांड ना हो सकें।
Courtesy: National Dastak